"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा गन्ने की फसल में खरपतवार नियंत्रण के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता नरेंद्र कुमार ने शुभम कुमार से बातचीत की जिसमें शुभम ने जानकारी दी कि महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरुरी है। महिला शिक्षित होगी तो समाज में बेहतर बदलाव नजर आएगा। महिलाओं को भूमि पर अधिकार मिलना चाहिए।महिलाओं के नाम पर भी जमीन रजिस्ट्री होनी चाहिए। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी। अपने परिवार को सहयोग कर पायेंगी। इसके साथ ही हर परिस्थिति में जीवन जीने का अनुभव भी कर पायेगी

कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

बिहार राज्य के जमुई ज़िला से नरेंद्र कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पूर्व प्रधान आकाश सक्सेना से हुई। आकाश कहते है कि महिलाओं को सभी अधिकार होना चाहिए। महिला शिक्षित नहीं रहती है इसीलिए उन्हें अधिकार से वंचित रहना पड़ता है। अशिक्षा के कारण उनमे अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता नहीं है। अगर महिला शिक्षित होगी तो वो जागरूक बनेगी और अपने अधिकार प्राप्त कर पाएगी। महिलाओं के नाम से जमीन की रजिस्ट्री होना चाहिए। अगर महिला को जमीन अधिकार मिलेगा तो अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा लिखा पाएगी और आत्मनिर्भर बन पाएगी।

बिहार राज्य के जमुई जिला के बरहट प्रखंड से मोबाइल वाणी के संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने सामाजिक कार्यकर्ता नुनेश्वर यादव से बातचीत की। जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि शिक्षा के आभाव ने महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर रखा है। पहले लोग लड़कियों को शिक्षा नहीं देते थे। लेकिन आज के समय में समाज लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान दे रहा है। और लड़कियों को शिक्षित कर सशक्त बनाया जा रहा है। महिलाओं को जब तक शिक्षा नहीं दिया जायेगा तब तक वे अपने अधिकारों के लिए आवाज़ नहीं उठा पाएंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि संपत्ति में महिलाओं को बराबर का अधिकार मिले, इसके लिए सरकार कोई कुछ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला से रजनीश की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अनिल कुमार यादव से हुई। ये कहते है कि समाज में महिलाओं को जमीन पर अधिकार नहीं मिल पाता है। इसको लेकर समाज के लोगों को जागरूक करना होगा। शिक्षा के अभाव के कारण महिला अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है। महिला जागरूक हो कर अपने अधिकार को प्राप्त कर सकती है

बिहार राज्य के जिला गिद्धौर से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रंजीत पांडेय से हुई। रंजीत पांडेय यह बताना चाहते है कि पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को आर्थिक क्षेत्र में ज्यादा महत्व नहीं दिया जा रहा है। महिलाओं में अभी भी शिक्षा की कमी है। समाज में असामनता को दूर करने के लिए महिला को शिक्षित करने की जरूरत है। अचल संपत्ति का हक़ महिलाओं को भी है। जमीन महिला के नाम से किया जा रहा है लेकिन जमीन का कागज़ महिला के पास नहीं होता है। पुरुष ही जमीन का कागज़ को रख लेते है। लोग समझते है कि महिला सिर्फ घर में रहकर ही काम कर सकती है। अगर महिलाओं को भूमि पर अधिकार दिया जाए तो उनमे आत्मनिर्भरता आएगी। वह अपना काम पुरे विस्वास के साथ कर सकेगी।

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...