कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"

बिहार के जाति गणना में बिहार सरकार चंद्रवंशी समाज की संख्या को कम दिखाकर ठगने का काम किया है होगा आंदोलन

भारत में पहली बार अग्रेजों की सरकार ने 1931 में में भी जातिगत जनगणना कराई थी और उसी के आधार पर आजतक जाती गत आरक्षण दिया जाता रहा है। आधुनिक आजाद भारत में समाजिक आर्थिक और जनसंख्या का पता लगाने के लिए अनेकों बार जनगणना तो होती रही है लेकिन जाति के आधार पर नागरिकों की गिनती आज तक नहीं हुई है।

बिहार में जाति आधारित गणना का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। गणना में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इस कार्य में कार्य में सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने की वजह से विद्यालय में पठन - पाठन का कार्य ठप हो गया है। पिछले कुछ समय में विद्यालय में पढ़ाई - व्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने भरपूर कोशिश की थी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

गुरुवार को जिला पदाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने जिले के विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी के साथ बैठक कर जातिगत जनगणना कार्य की समीक्षा की समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने सोनो एवं झाझा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को जनगणना से संबंधित कई आवश्यक निर्देश दिए साथ ही उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

जाति जनगणना को ले कर समीक्षात्मक बैठक की गई। इस बैठक में कई दिशा निर्देश देते हुए कार्य समय पर खत्म करने का आदेश दिया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

जाति जनगणना पर हाईकोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद नीतीश कुमार की सरकार एक्शन में आ गयी है। हाईकोर्ट के फैसले के कुछ ही देर बाद सरकार ने विडियो कांफ्रेंसिंग कर जिलाधिकारी को जाति जनगणना शुरू करने को कहा है।सरकार ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता का काम बताया है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

जाति गिनवानॆ कॆ चक्कर मॆं मास्टर साहॆब कॊ झोंक दिया, न्यायालय नॆ न्याय किया , तत्काल प्रभाव सॆ रॊक दिया! महिनॆ भर सॆ उपर शिक्षक गली गली मॆं नाचा है, सुशासन कॆ मुंह पर, अब जाकर जॊर का लगा तमाचा है! भीषण ठंड मॆं घर गिनवाया, और गर्मी मॆं जात, न्यायालय का चला हथौडा पॆट सॆ निकला दांत! एक विवॆकहीन व्यक्ति नॆ करॊडॊ रूपया यूं खर्च किया, राजनीति की महत्वाकांक्षा मॆं घर घर जाति का सर्च किया! किसकी कितनी जाति हैै, किसका कितना है वॊट, किसकॊ गलॆ लगाना है और किसका, गला दॆना है घॊंट!! जाति ,लिंग, आयु, और आय, सत्रह कालम कॊ भरना था, नहीं औचित्य था इसका कॊई जब राजनीति ही करना था! छोड कॆ शिक्षक विद्यालय कॊ घर घर का चक्कर काट रहॆ थे, जाति, आय, और पॆशा पूछॊ तॊ, उल्टॆ शिक्षक कॊ डांट रहॆ थॆ!! न्यायालय कॆ मंदिर मॆं अब जाकर इंसाफ हुआ, लॆकिन अभागॆ शिक्षक का तॊ मानदॆय भी माफ हुआ! न्यायालय कॆ इस फैसलॆ का तहॆ दिल सॆ अब स्वागत है, पूर्णानंद किंतु सॊच रहा , शिक्षक ही बहुत अभागत है! सुबह, दॊपहर, शांम, रात, जी जांन लगाकर काम किए, जब कार्य पूर्ण हॊनॆ कॊ आया, मजदूरी पर पूर्णविराम किए! न्यायालय कॆ इस न्याय का हर शिक्षक गुणगान करॆं, एक न्याय और पारित हॊ कि, जल्दी सबका भुगतान करॆं

आज दिनांक 15 4 2023 दिन शनिवार को प्रखंड मुख्यालय सिकंदरा में संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा बिहार प्रखंड निकाय सिकंदरा के बैनर तले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं जातीय जनगणना का बहिष्कार प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बैठक कर जाति गणना का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर को।