जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.
तटवासी समाज न्यास ने नीति आयोग-एवीए की साझेदारी का किया समर्थन, जमुई जिला को बाल विवाह मुक्त बनाने का किया वादा - एवीए और तटवासी समाज न्यास 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के सहयोगी हैं - नीति आयोग बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा व सशक्तीकरण के लिए 12 राज्यों के 73 आकांक्षी जिलों में करेगा एवीए का सहयोग - स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों से और हाशिये के परिवारों को जनकल्याण योजनाओं से जोड़ा जाएगा - तटवासी समाज न्यास जमुई जिला में बाल अधिकारों और बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए करता है काम बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के इको सिस्टम को मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए भारत सरकार के नीति आयोग और एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) ने देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तीकरण तथा अगले एक साल में देश के 104 प्रखंडों के 15,000 गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने के लिए हाथ मिलाया है। इस आशय के मंतव्य पत्र (एसओआई) पर नई दिल्ली में दस्तखत किए गए। नीति आयोग और एवीए की इस साझेदारी का स्वागत और समर्थन करते हुए तटवासी समाज न्यास ने कहा कि इस कदम से उनकी कोशिशों को एक नई उर्जा और गति मिली है और वे जमुई जिला को बाल मजदूरी, बाल विवाह, बच्चों की ट्रैफिकिंग और बाल यौन शोषण जैसे बच्चों के खिलाफ सभी तरह के अपराधों से मुक्त कराने के प्रयासों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। एवीए और तटवासी समाज न्यास दोनों ही बाल अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के सहयोगी हैं। दो-वर्षीय एसओआई के तहत अगले दो सालों में देश के 73 जिलों के आकांक्षी प्रखंडों के इन गांवों के आर्थिक रूप से बेहद कमजोर उन परिवारों के बच्चे जो शोषण, उत्पीड़न, बाल मजदूरी या बाल विवाह दृष्टि से संवेदनशील हैं, के लिए "सुरक्षित बाल ग्राम" के रूप में एक सुरक्षा घेरा विकसित किया जाएगा। यह पहल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) के साथ एकरूपता और तालमेल में है, जिसका लक्ष्य देश भर के 112 सबसे अविकसित जिलों में रूपांतरकारी बदलाव लाना है। इस पहल के साथ एकजुटता जताते हुए तटवासी समाज न्यास के निदेशक कन्हैया कुमार सिंह ने कहा, “हम भारत सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान पर अमल करते हुए अपने जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिये सतत और अनथक प्रयास कर रहे हैं। एवीए और नीति आयोग की इस साझेदारी से हमारे प्रयासों को और बल मिलेगा। एवीए के साथ मिलकर हम जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही हम जिले में बाल सुरक्षा के व्यवस्थागत तंत्र को मजबूत बनाने के लिए भी काम करेंगे। साथ मिलकर हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण में पुष्पित-पल्लवित होने के अवसर मिलें। इस साझेदारी के तहत देश के सबसे अविकसित व संवेदनशील इलाकों में बच्चियों के सशक्तीकरण और शिक्षा की पारिस्थितिकी को मजबूत करने के लिए एक समग्र और व्यापक रणनीति पर अमल किया जाएगा। बाल विवाह और बच्चों की ट्रैफिकिंग की निगरानी और रोकथाम के लिए सभी लक्षित गांवों में पंचायत स्तर पर लोगों की आवाजाही और विवाहों के ब्योरे दर्ज करने के लिए रजिस्टर रखे जाएंगे। स्कूल नहीं जा पाने वाले बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों से जोड़ा जाएगा, जबकि हाशिये के व्यक्तियों और परिवारों को सरकारी जनकल्याण योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा, “आज समाज के सबसे कमजोर वर्गों के सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हम गर्व और कृतज्ञता महसूस कर रहे हैं। साझा प्रयासों से हमारा लक्ष्य 2025 के अंत तक इन प्रखंडों को बाल विवाह मुक्त बनाना और दूसरों के लिए एक मिसाल कायम करना है। यह साझेदारी प्रत्येक बच्चे की सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान के अधिकार की रक्षा करने और बाल विवाह जैसे अपराधों के खात्मे की हमारी साझा प्रतिबद्धता का सबूत है। सरकारी निकायों, समुदायों और नागरिक समाज संगठनों, राज्य, जिला और प्रखंड जैसे हर स्तरों पर एकजुट होकर काम करने और साझा प्रयासों से सही मायनों में बच्चों की सुरक्षा का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।'' नीति आयोग जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ सहयोग करेगा, जबकि एवीए संवेदनशील परिवारों की पहचान करने, समय पर हस्तक्षेप के लिए जिला प्रशासन, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ सहयोग से वास्तविक समय में कठिनाई का सामना कर रहे प्रत्येक बच्चे और परिवार को राहत की दिशा में प्रगति पर नजर रखने के लिए मजबूत डेटाबेस तैयार करने, चयनित जिलों/ब्लॉकों में बाल मजदूरी, बच्चों की ट्रैफिकिंग और बाल विवाह सहित बच्चों की शिक्षा और संरक्षण से जुड़े प्रमुख संकेतकों पर जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगा।
कुंभ मेले के स्नान को अमृत स्नान की संज्ञा दी गयी है। इसे एक पर्व के रूप में सभ्यता एवं संस्कृति के धार्मिक विकास के साथ आध्यात्मिक आयोजन के रूप में देखा जाता है। भारत में कुंभ मेले को सबसे बड़ा तीर्थ माना गया है। यूनेस्को द्वारा 2017 में इसे अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास फूलगोभी और पत्तागोभी में लगने वाली बीमारियां और उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
जिला पदाधिकारी जमुई श्रीमती अभिलाषा शर्मा के निर्देश पर सदर अस्पताल जमुई में दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ दिनांक 20 जनवरी 21 जनवरी एवं 23 जनवरी को विशेष दिव्यांगता शिविर का आयोजन किया जाएगा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3
मेरा नाम सुप्रिया कुमारी है। ग्राम धोबघट पोस्ट गिद्धौर , थाना गिद्धौर , जिला जमुई , राज्य बिहार , पिन कोड 811305 ,उम्र 18 ईयर है। मैं यह जानना चाहती हूँ कि अगर माहवारी अनियमित हो तो हमे क्या - क्या करना चाहिए ?
नमस्कार आदाब श्रोताओं, मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार। यह नौकरी उन लोगों के लिए है, जो दक्षिण मध्य रेलवे के द्वारा निकाली गई एक्ट अपरेंटिस के रिक्त पदों पर कार्य करने के लिए इच्छुक हैं. एक्ट अपरेंटिस के पदों पर कुल 4232 रिक्तियां निकाली गई हैं। इन पदों पर वेतन मान नियमानुसार दिया जायगा। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं एवं आई टी आई पास किया हो। साथ ही आवेदन कर्ता की आयु 15 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए । इन पदों के लिए आवेदन शुल्क सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के लिए 100 रूपये तथा अन्य वर्ग के लोगों महिलाओं एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बिल्कुल निःशुल्क है। इच्छुक उम्मीदवार को अपना आवेदन ऑनलाइन भरना होगा । आवेदनकर्ताओं का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जायगा । अधिक जानकारी के लिए आवेदन कर्ता इस वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं, वेबसाइट है www.scr.indianrailways.gov.in । याद रखिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 27-01-2025 है। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।
नए साल के शुरू होते ही लोगों में उमंग भरने को पतंगों का त्यौहार आज मनाया जा रहा है। जी हाँ साथियों , भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है पतंगों का त्यौहार यानि मकर संक्रांति का पर्व । विभिन्न परम्पराओं और मान्यता के अनुसार अलग अलग जगहों में यह त्यौहार मनाने का तरीका अनोखा है।मकर संक्रांति का त्यौहार विभिन्न संस्कृति के महत्व को दर्शाता है। साथियों ,हर एक त्यौहार लोगों को करीब लाता है और आपसी प्रेम बढ़ाता है। इस त्यौहार आप सभी एक दूसरे के जीवन में गुड़ की तरह मिठास भरे और एक दूसरे की खुशियों का कारण बने। इस पावन अवसर पर आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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