माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए बच्चों के इशारों को समझना बहुत ज़रूरी है। कार्यक्रम सुनिए और बताइए,आप अपने छोटे बच्चे के इशारों से उसकी ज़रूरत को कैसे समझते हैं?

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता नरेंद्र कुमार ने बसंती मांझी से साक्षात्कार लिया। बसंती मांझी ने बताया कि महिलाओं को जमीन में अधिकार मिलना चाहिए। ताकि वो बच्चों को शिक्षित कर पाएं। बातचीत सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और सुनें पूरी बात ।

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता नरेंद्र कुमार ने कारो मांझी से साक्षात्कार लिया। कारो मांझी ने बताया कि ये मजदूरी करते हैं। महिलाओं को जमीन का अधिकार मिलना चाहिए। शिक्षा बहुत जरुरी है। अगर महिलाओं को जमीन में अधिकार मिलेगा तो वो अपने बच्चों को पढ़ाएंगी। बातचीत सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और सुनें पूरी बात ।

दोस्तों, एक बार फिर से उन्हीं दिनों को जीने की कोशिश करते हैं अपने बच्चों के संग उनके बचपन को एक त्यौहार की तरह मनाते हुए हंसते हुए, खेलते हुए, शोर मचाते बन जाते हैं उनके दोस्त और जानने की कोशिश करते हैं इस बड़ी सी दुनिया को उनकी आंखों से | घर और परिवार ही बच्चों का पहला स्कूल है और माता पिता दादा दादी और अन्य सदस्य होते हैं उनके दोस्त और टीचर हो. साथ में ये भी कि बच्चों के दिमाग का पचासी प्रतिशत से अधिक विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है.

शुरू हो रहा है बच्चों से जुड़ी कहानियों और किस्सों का सिलसिला | जहाँ मनाएंगे बचपन, बच्चों के अंदाज़ में | सुनियेगा ज़रूर, बचपन मनाओ, बढ़ते जाओ और मोबाइल वाणी की ये खास पेशकश |

खुद का खेल बनाना बच्चों को सीखने में मदद करता है, इससे उनका दिमाग तेज़ होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है | खेल में माता पिता का साथ बच्चों और उनके बीच के रिश्ते को और गहरा करता है | क्या आप अपने बच्चों के साथ उनके द्वारा बनाया गया कोई खेल खेलते है ?

खुद का खेल बनाना बच्चों को सीखने में मदद करता है, इससे उनका दिमाग तेज़ होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है | खेल में माता पिता का साथ बच्चों और उनके बीच के रिश्ते को और गहरा करता है | क्या आप अपने बच्चों के साथ उनके द्वारा बनाया गया कोई खेल खेलते है ?

दोस्तों बच्चों के लिए काम करने वाली अंतराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ ने हर साल 11 जून को बच्चों के खेल का ख़ास दिन घोषित किया है। यानि ऐसा दिन जो सभी को याद दिलाये कि बच्चों के साथ बच्चे बन जाना कितना प्यारा है। बच्चों को जन्म से ही खेल खेल में सिखाना कितना प्यारा है। सिखाना भी बड़ों के तरीके से नहीं ,ऐसा खेल जिसमें बड़ों की नहीं हमारे नन्हें मुन्हें ,प्यारे -प्यारे बच्चों की मर्ज़ी चले। क्योकि इससे बच्चे तेज़ी से खुद सीखते हैं। आने वाले 11 जून यानि की इस मंगलवार को भी एक घंटे का समय निकालिये और अपने और अपने आस पास के बच्चों के साथ बच्चा बन जाइये।और हाँ आपने और बच्चों ने क्या खेला और उसमे बच्चों को कितना मज़ा आया ये मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड कर के जरूर बताइये।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

बिहार राज्य के जिला जमुई से योगेंद्र प्रसाद , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है प्महेश्वरी पेन कान्ह गांव निवासी दो बच्चों के साथ लापता हुई महिला का नहीं मिल रहा कोई सुराग सोनो (जमुई)/ चरकापत्थर थाना अंतर्गत एक महिला के लापता होने का मामला प्रकाश में आया। घटना थाना अंतर्गत महेश्वरी पंचायत के पेनकान्ह का है जहां बीते दिनों एक महिला अपने दो बच्चों के साथ लापता हो गई। थाना में परिजनों द्वारा दिए गए आवेदन के अनुसार महिला के ससुर ने बताया कि दिनांक 22 मई को प्रातः 7:00 बजे महिला अपने दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ मायके जाने का कह कर घर से निकल गई। काफी समय बीत जाने के पश्चात जब परिजनों महिला की खोज खबर ली गई तब मायके वालों ने भी महिला के वहां होने से इनकार कर दिया। किसी अनहोनी की आशंका से घबराए परिजनों ने अपने सभी रिश्तेदारों के पास गहनता से खोजबीन की लेकिन महिला का सुराग कहीं नहीं मिल पाया। लापता महिला के ससुर गणपत यादव ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व उनके बेटे की मृत्यु हो जाने के पश्चात महिला अपने दो बच्चों के साथ अपने ससुराल में ही रह जीवन यापन कर रही थी। वहीं एक बच्चा गिरिडीह जिला अंतर्गत बिरनी थाना के खुटाटांड अपने नाना-नानी के घर पर रह रहा था। महिला के परिजनों ने यह भी बताया कि महिला अपने तीसरे बच्चे को मायके से लाने का कह कर तो निकल गई लेकिन ना तो वह मायके ही पहुंच पाई और ना किसी अन्य जगह। लापता महिला की कोई जानकारी नहीं मिल पाने के कारण किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना महिला सहित बच्चों के साथ ना घटित हो इस आशंका से परिजन के अंदर डर व्याप्त हो गया है। थाना प्रभारी से महिला सहित लापता बच्चों के जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए जल्द से जल्द बरामदगी की मांग की। प्राप्त आवेदन के अनुसार थाना प्रभारी ने मामले में प्राथमिक की दर्ज कर छानबीन प्रारंभ कर दी।