इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?
एक जून को देवघर एयरपोर्ट दक्षिण भारत से सीधा जुड़ जाएगा। देवघर से बेंगलुरु की सीधी फ्लाइट ने चेन्नई को जोड़ दिया है। एक जून को पहली कॉमर्शियल फ्लाइट दिन के 12:40 बजे पर देवघर एयरपोर्ट पर लैंड करेगी। संयोग देखिए उस दिन देवघर में मतदान होगा। अब कोई भी नौजवान जो दक्षिण भारत के किसी शहर में अथवा बेंगलुरु में नौकरी कर रहे हैं और यहां के वोटर हैं तो देवघर आकर वोट कर सकते हैं। देवघर से बेंगलुरु जाने के बाद वहां से दक्षिण भारत की विमान सेवा की कनेक्टिंग फ्लाइट है। यहां तक कि विदेश जाने के लिए भी सीधी विमान सेवा है। मालदीव , बाली , थाईलैंड के फुकेट , पोर्ट ब्लेयर आदि शहर जा सकते हैं। अभी देवघर से विदेश जाने के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट वाया दिल्ली थी। बेंगलुरु जाने वाले कोलकाता जाते थे और वहां से यह सुविधा ले रहे थे। एक जून से उनकी यह असुविधा दूर हो जाएगी। इंडिगो के सूत्रों की मानें तो देवघर से बेंगलुरु का किराया साढ़े छह हजार होगा। देवघर एयरपोर्ट से दिल्ली के बाद यह दूसरी कॉमर्शियल सर्विस हो जाएगी। एयर बस 186 सीट की होगी। सप्ताह में यह तीन दिन यानी मंगलवार , गुरुवार और शनिवार को उड़ेगी।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में हम आपको बता रहे है कि बरसात के पानी को कैसे संरक्षित कर भूजल को बढ़ाने में हम अपना योगदान दे सकते है। आप हमें बताइए गर्मियों में आप पानी की कौन से दिक्कतों से जूझते हैं... एवं आपके क्षेत्र में भूजल कि क्या स्थिति है....
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जमुई ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की मौजूदगी में व्यवहार न्यायालय को दो आरओ मशीन और 10 स्टील चेयर भेंट किया। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राकेश रंजन , एसबीआई के मुख्य प्रबंधक मलय सौरभ , प्रबंधक राजुल कुमार , बैंक अधिकारी अमरजीत कुमार , चंदन कुमार समेत कई न्यायिक अधिकारी , विद्वान अधिवक्ता एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि स्टेट बैंक व्यवसाय के अलावे सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर श्रेष्ठ कार्य कर रहा है। आरओ मशीन लग जाने से यहां आने वाले फरियादी समेत वकील एवं कोर्ट कर्मियों को शुद्ध ठंडा पेयजल मिलेगा वहीं स्टील चेयर भी संबंधित जनों को कई मायनों में सहूलियत प्रदान करेगा। उन्होंने बैंक के क्रिया कलापों की तारीफ करते हुए मुख्य प्रबंधक को साधुवाद दिया। मुख्य प्रबंधक मलय सौरभ ने बताया कि भविष्य में भी बैंक जन सरोकार से जुड़े कार्यों को करता रहेगा। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के हितकारी कार्यों की विस्तार से चर्चा की और लोगों के प्रशंसा के पात्र बने।
2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?
बिहार राज्य के जमुई जिले के रजौन पंचायत भवन निर्माण कार्य को लेकर BDO दिया ज्ञापन,सोनो प्रखण्ड अंतर्गत रजौन पंचायत के पंचायत भवन निर्माण को लेकर वर्षो से कार्य बाधित है, जिसको लेकर राजद युवा नैता महेश कुमार दास, प्रखंड युवा अध्यक्ष सेवक यादव, पुर्व मुखिया प्रतिनिधि निरपत साह के आलावे, सेकडो ग्रामीण प्रखण्ड विकास पदाधिकरी मो मोइनुद्दीन को लिखित आवेदन पत्र देकर पंचायत भवन निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर गुहार लगाएं हैं बतादे की पंचायती राज्य विभाग बिहार सरकार का आदेश है कि रजौन पंचायत भवन रजौन में ही बनना है, जिसका पत्रांक स 3, , ज्ञापन स 964 है,जिसका खाता न 283, खसरा 85, रकवा 50डी 0, जबकि प्रकालन राशि 1करोड़ 3लाख 50हज़ार रुपय का भवन निर्माण होना है ! वर्तमान मुखिया पर पैसे निकासी करने का आरोप है और पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अलाउद्दीन अंसारी पर आरोप लगाए गए हैं कि मनमानी गांव में भवन निर्माण कार्य कराना चाहते हैं जिससे लेकर आज बीडीओ को एक लिखित आवेदन देकर ग्रामीणों ने रजौन पंचायत भवन निर्माण की माग की सोनो प्रखण्ड के बीडीओ मो मोइनुद्दीन ने आसवाश देते हुए कहा कि जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा
लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?
कब होगा ग्रामीण सड़क का निर्माण
साथियों, आये दिन हमें ऐसे खबरे सुनने को और देखने को मिलती कि फंलाने जगह सरकारी स्कुल की छत गिर गई या स्कुल की दिवार ढह गई। यहाँ तक कि आजकल स्कुल के क्षेत्र में लोग पशु भी बाँधने लगते है, अभी ऐसी ही खबर दैनिक भास्कर के रांची सस्करण में छपी। रांची के हरमू इलाके में जहाँ कुछ लोग वर्षो सेअपने दुधारू पशु को स्कुल से सटे दीवाल में बाँध रहे है और प्रशासन इस पर मौन है। ये हाल झारखण्ड की राजधानी रांची के एक सरकारी स्कुल का है , बाकि गाँव का हाल तो छोड़ ही दीजिये। क्या आपको पता है कि शिक्षा के अधिकार के नियम के तहत स्कुल में पीने का साफ़ पानी और शौचालय की बुनियादी सुविधा के अनिवार्य रूप से मुहैया करवाने की बात कही गयी है। और ये बेसिक सी चीज़े उपलब्ध करवाना सभी सरकारों का काम है। लेकिन जब 25 से 35 % स्कूलों का हाल ये हो तब किसे दोषी माना जाए ? सरकार को नेताओ को या खुद को कि हम नहीं पूछते??? बाक़ि हाल आप जान ही रहे है। तब तक, आप हमें बताइए कि ******आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में शौचालय और पानी की व्यवस्था कैसी है ? ****** वहां के स्कुल कितने शिक्षक और शिक्षिका पढ़ाने आते है ? ****** साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।
Transcript Unavailable.