बिहार राज्य के जमुई ज़िला के झाझा प्रखंड के बलियाडीह ग्राम से नीरज ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि क्षेत्र में बिजली की समस्या है। आठ घंटे बिजली मिलनी चाहिए

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

बिहार राज्य के जमुई जिले के ग्राम तथा पंचायत गुटवे के अर्जुन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की मनरेगा कार्ड का लाभ नहीं मिल रहा है

एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?

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तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

ग्रामीण आवास योजना में घोर अनियमितता को लेकर लछुआड़ गांव के ग्रामीणों का एक दल शुक्रवार को जमुई समाहरणालय पहुंचकर जिलाधिकारी जमुई को एक हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा है। दिए ज्ञापन में आवास योजना से वंचित पीड़ित नूतन देवी,बसंत मांझी,पंकज ठाकुर ने आरोप लगाया है कि आवास सहायक की मनमानी व दबंगई के कारण सही लाभुकों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। सही लाभुक परेशान होकर रह गए हैं।बताया कि आवास सहायक ने वित्तीय वर्ष 2023- 24 में एक ही परिवार के तीन सदस्यों में शामिल जयंती देवी, संगीता देवी एवं विनय चौधरी को आवास योजना का लाभ दे दिया गया है। बावजूद हमलोग इस लाभ से वंचित होकर रह गए हैं। बताया इसमें एक लाभुक का पति सरकारी शिक्षक भी हैं।ज्ञापन में यह भी बताया कि इन सभी लाभुकों के पास पूर्व से पक्का मकान बना है,चार पहिए वाहन भी मौजूद हैं।ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से स्थलीय जांच करवाकर उचित कार्रवाई की मांग करते हुए आवास योजना से वंचित सभी लाभुकों को लाभ प्रदान करने की मांग की है।

सिकंदरा आर . टी . पी . एस . काउंटर कर्मचारी वहाँ हैं अन्यथा आम लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है । हां , अगर आप सिकंदरा ब्लॉक कार्यालय में स्थित आर . टी . पी . एस . काउंटर पर किसी काम के लिए जा रहे हैं तो वह 11.30 बजे होगा । मैं उसके बाद ही जाऊंगा क्योंकि ग्यारह बजे के बाद कर्मचारी काउंटर पर पहुंचते हैं और यह कर्मचारी नहीं बल्कि कोई उच्च अधिकारी होता है । अभी सभी शिक्षक योग्यता परीक्षा के क्रम को लेकर परेशान हैं । एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा । कि जाति को कम से कम बीस बार आवासीय आय के लिए चलाया गया है , कभी - कभी मेरे प्रमाण पत्र में सबसे पिछड़े को अनुसूचित जाति से बदल दिया गया है , नाम ऑनलाइन है , फॉर्म भरते समय सभी कागजात ऑनलाइन लिए जाते हैं , फिर भी काउंटर कार्यकर्ता उक्त कागजात के साथ अन्य लोग नए कागजात की मांग करते हैं सरकार के पास 15 फरवरी तक फॉर्म भरने का जनादेश है , जबकि कागजी कार्रवाई में 15 फरवरी से अधिक समय लग रहा है । आप का काउंटर वर्कर रोणाव कुमार पिछले तीन दिनों से लापता है । दूसरी ओर गुरुवार को एन . सी . एल . के कर्मचारी काउंटर से निकलते देखे गए , केवल एक काउंटर कार्यकर्ता रुपेश कुमार शाह समय पर पहुंचे , जबकि सिकंदरांचल कर्मचारी विभाग का व्यवहार भी सही नहीं है । लोगों ने आरोप लगाया कि वे कार्यालय में नहीं मिलते हैं । अब वह एक बिचौलिये के साथ पुरानी इमारत में एक नया कार्यालय चलाता है । कभी - कभी वे मिलते हैं । टेलीफोन पर भी वह फोन उठाने की जहमत नहीं उठाता । वह आय प्रमाण पत्र में आय की तलाश करते हुए भी दिखाई देता है । मैं जम्मू के जिला मजिस्ट्रेट से पूछता हूं ।

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