बिहार राज्य के जमुई जिला से बीरेंदर कुमार ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि घोपलामारन स्कूल में चापाकल खराब रहने से पेयजल के लिए छात्र-छात्राएं इधर-उधर भटक रहे हैं। किसी भी अधिकारी को इसकी चिंता नहीं है।स्कुल के शिक्षक ने बताया कि चापाकल ख़राब होने की शिकायत दर्जनों बार की गई है,मगर स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

बिहार राज्य के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता अमित कुमार सविता ने अनीश कुमार सिन्हा से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि उनके घर में चापाकल है। उनके घर का काम महिलायें ही करती हैं। दिन भर में पानी का जो भी काम होता है वो महिलायें ही करती है। उनके गाँव में पानी सुख जाता है तो महिलायें ही अक्सर बाहर निकल कर पानी लाने का काम करती हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?

बिहार राज्य के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता अमित कुमार सविता ने फुलेश्वर ठाकुर से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी वे पोहे गांव के पूर्व मुखिया रह चुके हैं ,उनका कहना है की पहले के मुताबिक जल संकट कम हुआ है। जब से मुख्यमत्री नल जल योजना आया है तब से ज्यादा महिलाओं को आराम मिला है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

बिहार राज्य के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता अमित कुमार सविता ने सुनील कुमार गुप्ता से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि पहले लोग नदी से पानी लाते थे और उसे शुद्ध करते थे जिसमे काफ़ी समय लगता है। बिना शुद्ध जल पीये हमारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है।अन्य अन्य प्रकार की बीमारी होने का डर बना रहता है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ? और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें ...

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अमित कुमार सविता ने रवि रंजन से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने बताया कि बिहार राज्य ना केवल आर्थिक बल्कि कई पहलुओं से पिछड़ा हुआ है। एक छोटा सा उदाहरण यह है, की सरकार जिस नल-जल योजना को सफल मान रही है,असल में यह योजना धरातल पर विफल है।पूरे देश में पानी के बचाव पर जोर दिया जा रहा है और यहाँ के लोग इसे बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं करते हैं। सरकार को इस योजना को सही तरीके से संचालित करने की जरूरत है।इस क्षेत्र में पानी की जाँच की कोई व्यवस्था नहीं है। गंदे पानी के सेवन से लोग बीमार हो रहे हैं। इसके बाद भी पानी की जाँच पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण ही बच्चे कुपोषित,नाटे और बीमारी से ग्रसित पाये जा रहे हैं। सरकार को हर स्तर पर बेहतर प्रयास करने की जरूरत है।

बिहार राज्य के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से मदन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहत है की, हमेशा साफ़ पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। सरकार द्वारा नल जल योजना का लाभ घर घर पहुंचाया गया है जिससे लोग साफ़ पानी पी सके। पानी को साफ़ करने के लिए उसमे फिटकिरी मिलाया जाता है जिससे पानी बिलकुल साफ़ हो जाता है

बिहार राज्य के जमुई जिला के सोनो प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता योगेंद्र प्रसाद ने लोहा पंचायत निवासी रिशी से साक्षात्कार लिया। जिसमें उन्होंने बताया की प्रदूषित पानी पीने से यहाँ के लोगों को कई तरह की बीमारी हो रही है। लोग जहरीला पानी पीने से अनेक तरह की बीमारियों से ग्रसित है।

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता संजीत कुमार ने बिट्टू कुमार से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने बताया कि उनके गांव के चापाकल का जल स्तर काफी नीचे चला गया है। जिसके कारण लोग दूसरे के चापाकल पर निर्भर है या फिर कुआँ से काम चला रहे हैं। नल जल का लाभ भी लोगों को नहीं मिल रहा है। जब योजना की शुरुआत हुई थी तब एक साल तक पानी मिला था। लेकिन अब नहीं मिल रहा है। लोग अपने घरों से अब पाईप भी काट के हटा दे रहे हैं। इस क्षेत्र में जल की जाँच नहीं हुई है।