सोनो प्रखंड के दर्जनों गांव में प्रारंभ हुई पीने के पानी की समस्या सुख गए कुआं चापाकल सोनो( जमुई) प्रखंड अंतर्गत दर्जनों गांव में पीने के पानी की समस्या एक बड़ी आपदा के रूप में उभरती जा रही, मार्च महीने में ही प्रखंड के ऐसे कई गांव हैं जहां के कुआं चापाकल सहित बोरिंग का पानी गिरते जलस्तर का शिकार हो चुका। औरैया, रक्सा, भरतपुर, पैरा, खपरिया,बानाडीह, डूमरी जैसे अनेकों ऐसे गांव हैं जहां के ग्रामीणों को पीने की पानी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में अवैध रूप से बालू के उठाव के कारण भूमिगत जल का स्तर लगातार गिरता ही जा रहा है, पहले जो समस्याएं मई जून के महीने में हुआ करती थी अब मार्च महीने में ही लोगों को उन समस्या का सामना करना पड़ रहा, जो कहीं ना कहीं आने वाले समय में आपदा का बड़ा रूप ले सकती है। गांव के बुद्धिजीवियों से लेकर आरजेडी नेता असलम आलम ने बताया कि बालू के अवैध उठाव ने ग्रामीणों से लेकर किसानों के जीवन पर संकट के बादल छोड़ दिए जिससे ना तो किसान को ही खेती के लिए आने वाले समय में पानी मिल पाएगा और ना ही लोगों को दैनिक दिनचर्या के लिए जल की प्राप्ति हो पाएगी। प्रखंड से लेकर जिला के वरीय पदाधिकारियों से बालू के अत्यधिक उठाव को लेकर कई बार आवेदन देने के पश्चात भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है, ग्रामीणों की सुध बुध लेने वाले हितेषी भी चुप्पी साधे बैठे हैं जो कहीं ना कहीं आने वाले खतरे का सूचक है । जी

सोनो प्रखंड में सरकारी विद्यालय के वर्ग 5 और 8 के बच्चों का शुरू हुआ वार्षिक मूल्यांकन सोनो (जमुई) प्रखंड अंतर्गत सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले वर्ग 5 और 8 के बच्चों का वार्षिक मूल्यांकन सोमवार से प्रारंभ हुआ। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित शैक्षणिक सत्र 2022 -23 के वार्षिक मूल्यांकन के तहत सोमवार को प्रथम पाली में हिंदी वहीं द्वितीय पाली में अंग्रेजी भाषा की परीक्षा ली गई। प्रखंड के लगभग 200 सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों ने परीक्षा केंद्र पर शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करा अगले वर्ग में नामांकन की ओर कदम बढ़ाया।

बिहार राज्य के जिला जमुई के सोनो प्रखंड से वीरेन मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि मौसम परिवर्तन के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ रहा है इससे बचने के लिए लोगों को अपने खान पान पर अधिक ध्यान देना चाहिए। आगे कह रहे है कि उनके क्षेत्र में समय से वर्षा नहीं होने से खेती में भी काफी प्रभाव पड़ रहा हैं,किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीँ धरती से पेड़ पौधों को अधिक मात्रा में काटा जा रहा है जिसका असर हमारे पर्यावरण पर नजर आ रहा है

बिहार राज्य के जिला जमुई के सोनो प्रखंड औरैया गाँव से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि समय से वर्षा नहीं होने के कारण किसानों की खेती गेहू,चना खराब हो रही है इसके साथ ही गर्मी बहुत हो रही है जिस कारण पेड़ पौधें भी मर रहे हैं

बिहार राज्य के जिला जमुई के सोनो प्रखंड से हरिकिशोर मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि बदलते मौसम की वजह से बारिश समय पर नहीं हो रही है।आगे कह रहे है कि समय पर बारिश नहीं होने के कारण किसानों की खेती खराब होती जा रही है जिसे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।

बिहार राज्य के जिला जमुई के सोनो प्रखंड से राधेश्याम मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि मौसम के बदलने से किसानों का फसल सही ढंग से नहीं हो पा रहा हैं। आगे कह रहे है कि रबी फसल सही ढंग से नहीं होने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही हैं। कह रहे है कि उनके क्षेत्र में किसान सुखाड़ से परेशान हैं

बिहार राज्य के जमुई जिला के सोनो प्रखंड से कुंदन कुमार ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि समय के अनुकूल मौसम नही होने से खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।इस परिस्थिति में किसान खेती करने के लिए अलग-अलग उपाय करते हैं।वर्तमान समय में रासायनिक खाद के बिना खेती अच्छे से नही होती है। रासायनिक खाद से खेत पर बुरा प्रभाव पड़ता है,मगर इसके अलावा किसानों के पास कोई चारा नहीं है।

बिहार राज्य के जमुई जिला के सोनो प्रखंड से मिथुन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि पेड़ों की कटाई लगातार बढ़ रही है ,जिसके कारण जलवायु परिवर्तन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। पेड़ काटना सबसे बड़ा हानिकारक है। मानव के लिए जीवन को मंगलमय और स्वस्थ बनाये लिए केवल धन और भोजन ही प्रयाप्त नहीं है। इसके लिए शुद्ध वातावरण अर्थात मंगलकारी भौगोलिक परिवेश भी अपेक्षित है।इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया कि वर्तमान में मानव के मंगलमय की बात तो हर कोई करता है लेकिन उसके आधारभूत साधन गुणों का विनाश रोकने की बात कोई नहीं करता है ,जंगलों की बेताहाशा कटाई होने से मानव मंगल तथा पर्यावरण की समस्या उत्पन्न हो गयी है।इसलिए वर्तमान जनसंख्या वृद्धि के कारण जंगल त्रीव गति से काटे जा रहे है और लोगों के आवास और मकानों के लिए ईंधन इमारती लकड़ियों उद्योग धंधों के लिए वनों को काटा जा रहा है। ऐसे में लोगों को शिक्षित और समझदार बनाना बहुत जरुरी है एवं जंगल में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग जंगल से ही गुजर बसर करते है साथ में पेड़ पौधे लगाते है।लोगों को शिक्षित कर बताना है कि पेड़ पौधे नहीं काटे इसके लिए सरकार की तरफ से अलग व्यवस्था की गयी है उसे रोजगार मुहैया कराने के लिए।

बिहार राज्य के जमुई जिला से अभिक कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं मनरेगा योजनाओं के द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रोका जा रहा मनरेगा के तहत बहुत सारे योजना दिए जाते हैं जिससे बहुत सारे लोगों को रोजगार दिए जाते हैं। मनरेगा के तहत वृक्षा रोपण ,तालाब निर्माण का कार्य किया जाता है। मनरेगा द्वारा तालाब बनाने की योजना दी जाती है जिससे किसानों को पटवन में सहायता मिलता है। साथ ही पेड़ पौधे लगाये जाते हैं जिससे पर्यावरण में प्रदुषण कम हो रहा है।

बिहार राज्य के जमुई जिला के सोनो प्रखंड से योगेंद्र प्रसाद यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया है कि उनकी दर्जनों किसानों से बातचीत हुई ,जिसमें किसानों ने बताया कि सुबह से ही काफी कुहासा लगा हुआ है। क्षेत्र में किसान लोगों की फसल का काफी नुकसान हो गया है। एक तो जलवायु परिवर्तन के कारण से समय पर ठंडा नहीं होना समय पर वर्षा नहीं होना समय पर गर्मी नहीं होना यह सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन का है और आये दिन खेत में नमी नहीं रहने के कारण खरीफ फसल नहीं हुई है। अब रबी फसल पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है ,जिस कारण फसल एक से एक बीमारी से ग्रसित हो गयी हैं और फिर कुहासा कोहरा से दलहन पौधों पर भी काफी प्रभाव पड़ा है और दलहन, तलहन की खेती के समय में काफी नुकसान होगा।