बिहार राज्य के जमुई जिला के बरहट प्रखंड से संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शिक्षक सह सामाजिक कार्यकर्ता श्री मनीष कुमार जी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि शिक्षा के आभाव मे महिलाएं अपने अधिकारों को पहचान नहीं पा रही हैं। महिलाओं में शिक्षा का दर बहुत कम पाया जाता है। महिलाएं शिक्षित होंगी तो वे पुरुष के बराबर कंधे से कांधा मिला कर चल सकेंगी और अपने अधिकारों को पहचानेंगी। साथ ही समाज में महिलाओं को जागरूक करने की आवश्यकता है। समाज जागरूक होगा तो महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलेगा
बिहार राज्य के जमुई जिला के बरहट प्रखंड से संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रिटायर्ड पुलिस सब-इंस्पेक्टर नन्दकिशोर पासवान से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं के पास भी भूमि का अधिकार हो इसके लिए सबसे पहले महिला के नाम से जमीन रजिस्ट्री होना जरूरी है। जितना अधिकार पुरुष का है उतना हो महिला का भी अधिकार होना चाहियें । भारत के सभ्यता संस्कृति में भी भारी गिरावट आया है। साथ ही उन्होंने बताया कि महिलाओं के प्रति हिंसा को कम करने के लिए सबसे जरूरी है शिक्षा। साथ ही कानून में भी महिलाओं की सुरक्षा के प्रति कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है
बिहार राज्य के जमुई जिला के बारहट प्रखंड से संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ता ब्रह्मदेव मंडल से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को शिक्षित कर महिलाओं को विकसित किया जा सकता है। महिलाओं को भी भूमि का अधिकार मिले इसके लिए कानून तो बना ही हुआ है। और महिलाओं को उनका अधिकार धीरे धीरे मिल भी रहा है। आज के समय में महिलाओं के नाम से संपत्ति भी खरीदा जा रहा है
बिहार राज्य के जमुई जिला के बारहट प्रखंड से संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ता राजेश कुमार निराला से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को भी भूमि का अधिकार मिले इसके लिए कानून तो बना ही हुआ है। लेकिन इसके प्रति समाज को जागरूक होने की आवश्यकता है। बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है। समाज यदि इस बात को स्वीकार कर लेगा तो महिलाओं को उनका अधिकार मिलने लगेगा
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बिहार राज्य के जमुई जिला के बरहट प्रखंड के ग्राम नूमर वार्ड संख्या 9 से संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ता रामचन्द्र पंडित से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि हिलाओं को भूमि का अधिकार दिलाने के लिए सबसे पहले यह समझना चाहिए कि लड़के और लड़की में कोई अंतर नहीं है और जहां तक शिक्षा की कमी का सवाल है, शिक्षा हर जगह लड़कियों के लिए अधिक सुलभ होनी चाहिए। हमारे देश की संस्कृति में पहले की अपेक्षा बहुत ज्यादा गिरावट आ गया है। आज महिलाओं को घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है। महिलाएं खुले आम नहीं घूम पा रही है
बिहार राज्य के जमुई जिला से नागमणि कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मुरारी सिंह से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि शिक्षा में असमानता का मुख्य कारण यह है कि सभी पूंजीपतियों के बच्चे बड़े बड़े विद्यालयों में पढ़ाई करते है। और गरीब परिवार के बच्चे न ही विदेश जा पाते हैं और ना ही अच्छे विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर पाते है। यह बदलाव तब ही हो सकता है जब तक पूंजीपति भी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई नहीं करवाते है। साथ ही उन्होंने बताया कि आज के समय में शिक्षा में बहुत विकास हुआ है।
बिहार राज्य के जमुई जिला से बुलबुल कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बिंदु कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि महिलाओं के साथ हमेशा से ही शिक्षा में भेदभाव किया जाता रहा है। लेकिन आज के समय में लोग जागरूक हो रहे हैं और बेटियों को भी बराबर का अधिकार दिया जा रहा है। लेकिन समाज में सुरक्षा के दृध्टिकों से बेटियों पर थोड़ी पाबंदियां लगायी जाती है
बिहार राज्य के जमुई जिला के बारहट प्रखंड से संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शिक्षक सह सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कुमार से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी की महिलाओं को शिक्षित कर महिलाओं को विकसित किया जा सकता है। कहीं न कहीं महिलाओं को ऐसा आरक्षण देना चाहिए ताकि कुर्सी की मानसिकता वाले लोगों के पास उनके नाम जैसे घरों में उनके नाम पर जमीन न हो। आधी जमीन महिलाओं के नाम पर भी होनी चाहिए, अगर सरकार इसके लिए कोई नियम या बिल लाएगी तो कहीं न कहीं इस नियम के तहत महिलाओं को जमीन का अधिकार मिलेगा।
बिहार राज्य के जमुई जिला के बरहट प्रखंड के नुमार पंचायत से संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शिक्षक सह सामाजिक कार्यकर्ता शिवेंदु कुमार से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को शिक्षित कर महिलाओं को विकसित किया जा सकता है। हिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव का जो प्रचलन है उसे ख़तम करने की आवश्यकता है। आज के समय में महिलाएं सभी क्षेत्र में पृष्ठों की बराबरी कर रही हैं। इसके साथ ही महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि जब तक देश के लोगों की मानसिकता में बदलाव नहीं होगा , तब तक महिलाओं के साथ भेदभाव ख़तम नहीं होगा।