विश्व वन्यजीव दिवस जिसे आप वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के नाम से भी जानते है हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है की लोग ग्रह के जीवों और वनस्पतियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूक हो इतना ही नहीं धरती पर वन्य जीवों की उपस्थिति की सराहना करने और वैश्विक स्तर पर जंगली जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य या दिवस मनाया जाता है.विश्व वन्यजीव दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए है हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है जिससे लोगो में इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता को बढ़ावा मिले . हर वर्ष की तरह इस वर्ष 2024 का विश्व वन्यजीव दिवस का थीम है " लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज" है। "तो आइये इस दिवस पर हम सभी संकल्प ले और वन्यजीवों के सभी प्रजातियों और वनस्पतियों के संरक्षण में अपना योगदान दे।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

जलवायु की पुकार [श्रोताओं की सरगम] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे अलग अलग लोगों के योगदान के बारे में की कैसे पर्यावरण के समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।

जलवायु की पुकार [छोटे कदम, बड़ा परिवर्तन ] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे  बिजली बचाना,कचरा का सही निपटान करना और पानी का कम उपयोग करना हमारे पर्यावरण के लिए क्यों जरुरी है ?

अमेठीयाडीह में बाघ के भय से दहशत में ग्रामीण जांच में जुटी वन विभाग की टीम सोनो (जमुई)/ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बृहस्पतिवार का दिन अमेठीयावासियों के लिए काफी उहापोह भरा रहा, प्रातः काल सो कर उठे ग्रामीणों के नींद किसी अनजान भय से इस तरह गायब हुई जिसकी सत्यता में ग्रामीण से लेकर प्रशासन की टीम दिन भर जुटी रही। मामला चुरहैत पंचायत के अमेठीयाडीह की है जहां किसी ग्रामीण ने एक बंद पड़े आवास के ऊपर किसी जंगली जानवर को देखा। उक्त व्यक्ति ने बाघ होने के शक में वीडियो बना अन्य ग्रामीणों को भेज दिया, व्यक्ति द्वारा बनाए गए वीडियो की खबर जैसे- जैसे ग्रामीणों को लगी वैसे- वैसे उक्त स्थल पर लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई। बाघ वाले वीडियो के सत्यता की जांच के लिए वन विभाग की टीम उक्त स्थल पर पहुंच जांच- पड़ताल में जुट गई, घंटो तक जांचोपरांत करने के पश्चात उपस्थित पदाधिकारियों ने बताया कि पूरे गांव सहित आसपास के इलाकों में जंगली जानवर की खोजबीन की गई लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा, उन्होंने बताया कि उक्त स्थान से जंगल की दूरी 3 किलोमीटर है साथ ही झारखंड सीमा का जंगली इलाका 8 से 9 किलोमीटर की दूरी पर है, वैसी स्थिति में किसी जंगली जानवर के होने की आशंका व्यक्त की जा सकती है। वहीं गांववासियों को अनजान जंगली जानवर का भय सता रहा जिससे वह स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से मामले पर जल्द से जल्द पर्दा उठा सुरक्षा की गुहार लगाई।

Transcript Unavailable.

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता रजनीश कुमार ने विक्रमादित्य से साक्षात्कार लिया। जिसमें उन्होंने जानकारी दी की वर्त्तमान में ग्लोबल वार्मिंग बहुत बड़ी समस्या है। इसके समाधान के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए।जिससे पर्यावरण संतुलित रहे। समुद्री जलस्तर के बढ़ने से प्राकृतिक आपदा भी बढ़ रही है। इसके साथ ही फसलें भी प्रभावित हो रही हैं

बिहार राज्य के जमुई जिला से कृष्णा कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से चंद्र सेखर सिंह से बातचीत की। बातचीत में चंद्र सेखर सिंह ने बताया जलवायु परिवर्तन के मुख्य कारणों में से एक पेड़ों की कटाई है। पेड़ों की कटाई होने से बारिश में कमी आ रही है जिससे जलस्तर काफी गिर रहा है और पुरे क्षेत्र में सुखाड़ की स्थिति बनी हुयी है इसलिए लोगो का सजग होना बहुत जरुरी है कि लोग सजग हो।