अहमदाबाद से दुर्गाराम साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ठेकेदारी प्रथा में काम करनेवाले श्रमिकों का ठेकेदार आर्थिक और शारीरिक रूप से शोषण करते हैं। सरकार द्वारा लाए जा रहे नए श्रम क़ानून के माध्यम से इनके साथ बड़ी कम्पनियों में काम करनेवाले श्रमिकों का भी शोषण होगा। सरकार को चाहिए कि सरकार कम्पनियों के साथ ठेकेदारों को भी इस तरह नियमों के दायरे में ले आए, जिससे वे मनमानी करते हुए श्रमिकों का शोषण न कर सकें।

अहमदाबाद, गुजरात से अरूण साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से सरकार से निवेदन कर रहे हैं कि कपड़ों की जो सिलाई यूनिट अभी किसी तरह चालू हुई हैं, लेकिन बीस-बाईस हज़ार कमाने वाला कामगार आज नौ-दस हज़ार पर काम करने को तैयार है। इस स्थिति में उनका जीविकोपार्जन मुश्किल हो गया है। इसे देखते हुए सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए और मज़दूरों के जनधन खातों की तरह उनके खातों में भी आर्थिक मदद भेजनी चाहिए।

अहमदाबाद से दुर्गा राम साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लॉक डाउन में किसी तरह घर गए कामगार तीन गुना अधिक किराया देकर जब काम पर आए, तो महीने में सिर्फ़ पंद्रह दिन काम देकर कम्पनी मालिक पारिश्रमिक में तीस प्रतिशत की कटौती कर वेतन दे रहे हैं। इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए और यह खबर समाचारों का हिस्सा बननी चाहिए।

श्रोताओं मै रंजीत एडवोकेट आजीविका ब्यूरो से, पूरे देश में अभी नहीं तो कभी नहीं अभियान चला रहें है,जिसके लिए आप सभी की भागीदारी जरूरी है। लॉकडाउन के वजह से बढ़ती मुश्किलों के बाद प्रवासी श्रमिक घर यानी गांव जा रहे हैं कई साथी अब घर पर ही हैं, लेकिन हां कभी ना कभी उन्हें वापस काम पर जाने की जरूरत होगी। - फिर से ऐसी बुरी परिस्थितियों में जाने से कैसे बचें? - श्रोताओं, कार्य क्षेत्र में फिर से वापस जाने से पहले, क्या आप बेहतर काम करने की स्थिति को सुरक्षित करने के लिए कदम उठा सकते हैं? क्या आप एक-दूसरे के बीच बात कर सकते हैं, ठेकेदार और नियोक्ता के साथ स्पष्ट रूप से बात कर सकते हैं, सामूहिक रूप से काम कर सकते हैं ताकि नियोक्ता बेहतर शर्तों और सुविधाएं प्रदान करने के लिए मजबूर हों? - वापस मत जाइए जब तक आपको मिनिमम मजदूरी का आश्वासन नहीं दी जाती है, वापस काम पर मत जाइए तक काम के घंटे का आश्वासन नहीं दिया है, तब तक काम पर वापस न जाएं,जब तक आपने रोजगार आदि का प्रमाण नहीं दिया है, तब तक पीछे न हटें। जुड़े रहें अभी नहीं तो कभी अभियान से ,साझा मंच पर कॉल करें

Transcript Unavailable.

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:- अहमदाबाद में कोरोना बे काबू नए 331 केस दर्ज ,27 लोगों की गई जान। :- भारत में 10 लाख तक कोरोना केस जुलाई तक होंगे वैज्ञानिक चेतावनी। :- पारले-जी बिस्कुट ने 82 सालों का तोड़ा रिकॉर्ड,,बिक्री में तेजी। :- गुजरात में रियल एस्टेट मार्केट में 30 से 35 फीसदी का घटा ,लॉकडाउन का प्रभाव। :- अहमदाबाद की जनता भगवान भरोसे ,मृत्यु दर नहीं रोक पाई सरकार। :- सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में भारी बारिश की संभावना। :- एनटीटी ने गुजरात की केमिकल फ़ैक्टरी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया ,बॉयलर विस्फोट में आठ कामगारों की मौत हो गई थी।

हेमलता साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि बहुत सारी श्रमिक महिलाओं को लॉक डाउन में घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा है, साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना संक्रमण के दर और डवाखनों के बंद होने से बहुत परेशानी हुई। बहुत सारी श्रमिक महिलाओं ने लॉक डाउन में घर चलाने के लिए अपने गहने तक बेच दिए।