तमाम दावों के बाद भी सच्चाई यही है कि आज भी देश में महिलाएँ और लड़कियां गायब हो रही है और हमने एक चुप्पी साध राखी है। दोस्तों, महिलाओं और किशोरियों का गायब होना एक गंभीर समस्या है जो सामाजिक मानदंडों से जुड़ी है। इसलिए इसे सिर्फ़ कानूनी उपायों, सरकारी कार्यक्रमों या पहलों के ज़रिए संबोधित नहीं किया जा सकता। हमें रोजगार, आजीविका की संभावनाओं की कमी, लैंगिक भेदभाव , जैसे गंभीर चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसकी रोकथाम के लिए सोचना होगा। साथ ही हमें लड़कियों को शिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने की भी आवश्यकता है। तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- लड़कियों को मानसिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं? *----- आप इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं? साथ ही आप सरकार से इस मुद्दे पर क्या अपेक्षाएं रखते हैं? *----- आपके अनुसार लड़कियों और महिलाओं को लापता होने से बचाने के लिए क्या किया जा सकता है?

झारखण्ड राज्य के रांची जिला से सुनील सरजी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की हमारे देश में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसे कारकों को ध्यान में रखना चाहिए । देश भर में गाड़ियों की संख्या बहुत बढ़ गई और उनसे निकलने वाले धुएं की वजह से गर्मी ज्यादा होती है। मौसम लगातार खराब होता जा रहा है और पर्याप्त रूप से भी बारिश नहीं हो रही है। लोगो को इस पर ध्यान देने की जरुरत है।

नमस्कार ,मैं दिनेश कुमार हूँ,उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से, जानना चाहता हूँ कि पहले से सक्रिय अपने पासबुक खाते को कैसे पुनर्स्थापित किया जाए।मुझे अपना पासबुक अकॉउंट दुबारा कैसे ठीक कराएं। जो पहले से चालु है। डेट ऑफ़ बर्थ सही कराना है

-राशन कार्ड बनवाने के लिए क्या उम्र होनी चाहिए? -आधार कार्ड कैसे बनता है? -इन प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

उत्तरप्रदेश राज्य के बाँदा जिला से दीपक मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि उनके मुँह में दाने हैं, इसका इलाज करने के लिए उन्हें क्या करना होगा ?

पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से राज्य में "एक पेड़ मां के नाम अभियान" चलाया जा रहा है। राज्य में प्रशासन ने महिलाओं के प्रति कृतज्ञता व सम्मान की दृष्टि से इस कार्यक्रम का आयोजन राज्य स्तर पर किया है। महिला सुरक्षा शाखा द्वारा पौधरोपण अभियान की इस कड़ी में 23 जुलाई 2024 को पुलिस महानिरीक्षक म.सुरक्षा जोन कार्यालय एवं महिला हेल्पलाइन (1090) के कार्यालय परिसर में एडीजी श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, आईजी श्रीमती हिमानी खन्ना एवं एआईजी श्रीमती किरणलता केरकेट्टा (महिला सुरक्षा) के साथ कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पौधरोपण किया।

नई दिल्ली।। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वार्षिक वित्तीय खर्चों की पूर्ति के लिए, देश को कल्याण की दिशा दिखाने के लिए सरकार द्वारा जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए मंगलवार के दिन लोकसभा में बजट 2024 पेश किया। बजट का लक्ष्य अपुष्ट था।बजट के माध्यम से गरीब, महंगाई, युवा और अन्नदाता की समस्याओं को केंद्रित कर कांग्रेस के न्याय फार्मूला को अघोषित हासिल करने की चेष्टा दिखाई दी है। जहां सदन का केंद्र बैंगनी किनारे वाली क्रीम रंग की साड़ी पहनकर सदन में पहुंचीं वित्त मंत्री सीतारमण तक सीमित था बस्ता खुलते ही बजट की प्रस्तुती पर खिसक गया।आरंभ से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर भरोसा जताने और लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का जनादेश देने के लिए देश की जनता को धन्यवाद दिया गया। श्रीमति सीतारमण के अनुसार बजट रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर तैयार किया गया है।साथ ही साफतौर पर यह भी स्पष्ट किया की जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी नीतिगत अनिश्चितता की चपेट में है… समय की धरा प्रवाह में भारत की आर्थिक वृद्धि को स्थापित किया जाना जटिल प्रक्रिया से संभव होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि देश की मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है और चार प्रतिशत की ओर से बढ़ रही है। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बजट पेश होने से पहले कहा कि वो उम्मीद कर रही हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से कुछ राहत दिलाएंगी और सरकार प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ नहीं बल्कि ‘जन की बात’ करेगी।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मेरा नाम आदर्श है। मैं महाराष्ट्र के नागपुर जिला से बात कर रहा हूं। अब मुझे बताएँ कि पासबुक से अपना नाम कैसे हटाया जाए ?

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

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