दिल्ली के आईएमटी मानेसर गुड़गांव से दीपक ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा ईएसआई से पेंशन धारक को पिछले तीन महीनों से पेंशन नहीं मिली। पेंशन धारक लगातार अपने-अपने ब्रांच ऑफिस में लाइफ सर्टिफिकेट दो-दो बार जमा करा चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें पेंशन नहीं मिली है।
दिल्ली के आईएमटी मानेसर गुड़गांव से दीपक ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि एस आई के लोकल ऑफिस के बाहर उड़ाया गया सोशल डिस्टेंस की धज्जियाँ। इस पर प्रशासन का है बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है।
मुख्यमंत्री के नाम गुमनाम अपील।
आशीष जी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्हें एक सप्ताह पहले कोरोना हुआ था केवल सरकारी कॉल आते रहे लेकिन सरकार की ओर कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई।
दिल्ली के आईएमटी मानेसर गुड़गांव से दीपक ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि एक श्रमिक भाई पिंटू पीएफ निकालने के लिए पिछले डेढ़ महीने से परेशान है। पीएफ ऑफिस में पीएफ का क्लेम करने पर अधिकारी ने नया पीएफ खाता ,नया केवाईसी लाने को कहा। जिसके बाद वे काफी परेशान है। उन्होंने बताया कि उनके पीएफ खाते में 20 हज़ार पीएफ जमा है
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दिल्ली एनसीआर के मानेसर के खो गाँव से शंकर पाल ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि प्लाट नंबर 32 ,सेक्टर 3 स्थित किरण उद्योग के सिक्योरिटी गार्डों ने कंपनी का गेट जाम कर दिया। उनका कहना था कि पहले तीन माह का बकाया वेतन का भुगतान करे इसके बाद गेट खोला जाएगा। कंपनी प्रबंधन ने इस मामले को लेकर पुलिस बुलाया ,जिसके बाद पुलिस ने कंपनी वलॉन को पैसों का भुगतान कर देने की सलाह दे कर मामला सुलझाया।
दिल्ली एनसीआर के मानेसर से दीपक ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मानेसर में बिजली की बहुत समस्या है। एक बार बिजली कटती है तो जल्दी नहीं आती है। गर्मी के मौसम में लोग परेशान है। नगर निगम भी इस पर कोई समाधान नहीं निकाल रहा है।
हमारे एक श्रोता पुजारी तिवारी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लॉक डाउन हटने के बाद वे जब गाँव से वापस काम पर आये तो उन्हें काम नहीं मिला जिससे भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है।
दिल्ली एनसीआर के मानेसर के सेक्टर 8 से दीपक ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि मकान निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा श्रमिकों को दिहाड़ी का पैसा समय से नहीं दिया जाता है। अगर पैसे मिलते है तो उसमे भी कटौती की जाती है
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जी यहाँ आपको यह समझना ज़रूरी है कि जिस व्यक्ति को यहाँ ठेकेदार कहा जा रहा है दरअसल उसे ही नियोक्ता माना जाना चाहिए।The building and other construction workers Act 1996 की धारा 2 (i) के अंतर्गत अगर निर्माण कार्य सरकार नहीं करवा रही है तो Contractor ही employer है। The building and other construction workers Act 1996 की धारा 45 के अंतर्गत employer (नियोक्ता) प्रत्येक महीने की तय तारीख से पहले वेतन देने के लिए कानूनन बाध्य है।अगर नियोक्ता वेतन कम देता है, या नहीं देता है या तय तारीख से पहले नहीं देता है तो सबसे पहले एक लिखित नोटिस नियोक्ता को देना होगा। उसके बाद एक शिकायत श्रम अधिकारी को लिखित मे देना होगा।एक दो साल का समय लगेगा आपका हक आपको ज़रूर मिलेगा।श्रमिक यह बात नोट कर लें ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि आपकी एक शिकायत पर सरकारी तंत्र आपके अधिकार के लिए तुरंत कार्यवाही करते हुए पूरा विभाग मैदान में उतार देगा।इसलिए आप भ्रम न पालें।आपका नियोक्ता और सरकार को पता है कि आप संगठित नहीं हैं और न ही संगठित होना चाहते हैं। इसलिए कोई भी आपके अधिकारों को कभी भी हड़प जाता है।मेरी सलाह है आप किसी यूनियन में शामिल हो जाएं या कोई यूनियन खुद ही बना लें।साथ ही आपसे यह भी निवेदन है कि अगर हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से आप संतुष्ट हैं और इससे आपकी सम्बंधित समस्या को हल करने में सहायता मिली है, तो अपना अनुभव हमसे ज़रूर साझा करें अपने मोबाईल में नम्बर तीन दबाकर, धन्यवाद।
April 14, 2021, 4:11 p.m. | Tags: govt entitlements int-PAJ wages workplace entitlements