फरीदाबाद से धनंजय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ईएसआई में पूरी दवाएं नही मिलती है और अल्ट्रासाउंड के लिए लम्बी डेट दी जाती है
फरीदाबाद के मिलाड कॉलोनी से श्रोता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ईएसआई में लम्बी लाइन लगती है,दवाएं नही मिलती है और बुरा व्यवहार कर के भगा देते हैं।
फरीदाबाद के मिलाड कॉलोनी से ममता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ये ईएसआई में इलाज के लिए काम से छुट्टी लेती हैं।इसका पैसा कंपनी या ईएसआई के तरफ से नही मिलता है।
फरीदाबाद के मिलाड कॉलोनी से वंदना ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि एमरजेंसी टेस्ट,जैसे - एक्स-रे,अल्ट्रासाउंड,इत्यादि के लिए ईएसआई में लम्बी डेट दी जाती है। इस वजह से जरुरी टेस्ट प्राइवेट में कराना पड़ता है।प्राइवेट में टेस्ट करवाने से बहुत पैसे खर्च हो जाते हैं और कंपनी से छुट्टी भी हो जाती है।
फरीदाबाद के मिलाड कॉलोनी से वर्षा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इनको ईएसआई से बहुत समस्या होती है। गर्भवती को अल्ट्रासाउंड के लिए तीन महीने का समय देते हैं। ये लोग पेशेंट की कोई दिक्कत सुनते ही नही हैं। दवा और डाक्टर को दिखने के लिए बहुत समय लगता है
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उत्तर प्रदेश राज्य के उन्नाव जिला से राम करण ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मुम्बई के एक श्रमिक आकाश जिन्हे हाथ में चोट लग गयी थी। जिसके वजह से वे काम नहीं कर पा रहे थे। उन्हें कम्पनी से हटा भी दिया। लेकिन अभी तक उन्होंने अपनी समस्या रिकॉर्ड नहीं करवाई। श्रमिक वाणी के संवाददाता लगातार उनके सम्पर्क में हैं। उन्हें रिकॉर्ड करने को कह रहे हैं क्योंकि जब तक बोलेंगे नहीं तब तक बदलेगा नहीं इसलिए उन्हें आवाज उठाना चाहिए । वे अभी भी अपनी समस्या रिकॉर्ड करवाने के लिए राजी नहीं हैं लेकिन उन्हें पैसों की बहुत कमी है। श्रमिक मजदुर डरते हैं लेकिन हमारे बीच बहुत सारे ऐसे संगठन है ,जो श्रमिकों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं। जैसे श्रमिक वाणी और सेफ इन इण्डिया जमीनी स्तर से मजदूरों के लिए काम करती हैं इसलिए मजदूरों को अपनी समस्या रिकॉर्ड करवानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के ग़ाज़ियाबाद ज़िले के लोनी से सुरेश कश्यप ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ये मजदूर हैं और फैक्ट्री मालिक समय से वेतन नही देते हैं। श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है
हमारे श्रोता श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि सेफ इन इण्डिया बहुत बड़ा संगठन है ,जो कि लोगों की हर तरह से मदद करता है। चाहे इएसआइ के माध्यम से हो या अन्य किसी माध्यम से। मजदूरों को किसी भी तरह से परेशान किया जाता हो ,राय कानून बताते हैं और वर्करों से मिलते भी हैं।सेफ इन इण्डिया जमीनी स्तर से काम करता है। इसलिए सेफ इन इण्डिया जैसे संगठनों से जरूर जुड़े। जो भी वर्कर हैं उन्हें आप संगठन बनाना होगा और अपना आवाज उठाना होगा। वर्कर सोचते हैं कि जब उन्हें जरूरत होगी तो वे कहीं जायेंगे और आवाज उठायेंगे लेकिन वे कुछ नहीं कर पाते हैं। लेकिन उन्हें अन्य संगठनों और प्रभावशाली लोगों से मिलना चाहिए।
श्रमिक वाणी के माध्यम से रामकरण ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनके साथ में एक श्रमिक काम कर रहे थे जिनका कांच की कंपनी में काम करते समय हाथ फट गया था। कंम्पनी द्वारा कुछ इलाज करवाया उसके बाद उन्हें कम्पनी द्वारा कोई पैसा भी नहीं दिया गया है और उनके कपड़े भी रख लिए गए हैं।