श्रोताओं मै रंजीत एडवोकेट आजीविका ब्यूरो से, पूरे देश में अभी नहीं तो कभी नहीं अभियान चला रहें है,जिसके लिए आप सभी की भागीदारी जरूरी है। लॉकडाउन के वजह से बढ़ती मुश्किलों के बाद प्रवासी श्रमिक घर यानी गांव जा रहे हैं कई साथी अब घर पर ही हैं, लेकिन हां कभी ना कभी उन्हें वापस काम पर जाने की जरूरत होगी। - फिर से ऐसी बुरी परिस्थितियों में जाने से कैसे बचें? - श्रोताओं, कार्य क्षेत्र में फिर से वापस जाने से पहले, क्या आप बेहतर काम करने की स्थिति को सुरक्षित करने के लिए कदम उठा सकते हैं? क्या आप एक-दूसरे के बीच बात कर सकते हैं, ठेकेदार और नियोक्ता के साथ स्पष्ट रूप से बात कर सकते हैं, सामूहिक रूप से काम कर सकते हैं ताकि नियोक्ता बेहतर शर्तों और सुविधाएं प्रदान करने के लिए मजबूर हों? - वापस मत जाइए जब तक आपको मिनिमम मजदूरी का आश्वासन नहीं दी जाती है, वापस काम पर मत जाइए तक काम के घंटे का आश्वासन नहीं दिया है, तब तक काम पर वापस न जाएं,जब तक आपने रोजगार आदि का प्रमाण नहीं दिया है, तब तक पीछे न हटें। जुड़े रहें अभी नहीं तो कभी अभियान से ,साझा मंच पर कॉल करें