हमारे श्रोता शुभम ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महाराष्ट्र में सरकार ने वीकेंड लॉक डाउन की घोषणा की है। इससे व्यापारी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित है। वहीं सीबीएसई दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पर विचार कर रहे है। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर..
हरियाणा राज्य के झज्जर ज़िला के बहादुरगढ़ से सतरोहन लाल कश्यप ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि दिल्ली में लगे लॉक डाउन से श्रमिकों में भय आ गया है की कही हरियाणा में भी लॉक डाउन न लग जाए। इस कारण श्रमिक पिछले वर्ष की पीड़ा को याद करते हुए ज़ल्द ही अपने घरों की ओर पलायन कर रहे है
आज हम बात करेंगे उन मजदूर श्रमिकों की जो काम की तलाश में बीते कई महीनों से इधर उधर भटक रहे हैं, हम बात उनकी भी करेंगे जिन्हें काम से निकाल दिया गया है। लॉकडाउन के चलते इन कंपनियों ने घाटे का हवाला देते हुए मजबूरों की संख्या कम कर दी, उनकी तनख्वाह घटा दी। कुछ कम्पनियों ने तो अपने मजदूरों की संख्या इसलिए भी घटा दी ताकि कम मजदूरों से ज़्यादा उत्पादन करवाया जा सके। कई कंपनियां तो ऐसी भी थीं जिन्होंने कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन छुट्टी पर भेज दिया यानि उन्हें बिना बताये काम से निकाल दिया. ऐसे हालातों में मजदूरों के मन में अपने भविष्य को लेकर निराशा के कई सवाल उठ रहे हैं? लाखों की संख्या में मजदूर पलायन करके अपने गांव आ गए हैं क्योंकि जिस शहर में वो वर्षों से मजदूरी करके गुजारा कर रहे थे आज उस शहर में सन्नाटा पसरा है। देश में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी है, महाराष्ट्र जैसे राज्य में मिनी लॉक डाउन लग चुका है, वहां से पलायन शुरू हो गया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है अगर जल्द ही हालात कण्ट्रोल में नहीं हुए तो पूरे देश में फिर से लॉकडाउन लग सकता है।मजदूर इस भय से जी रहे हैं कि अगर दोबारा लॉकडाउन लग गया तो वो फिर खाने को मजबूर हो जाएंगे। पिछले वर्ष लॉक डाउन की स्थिति में सरकार ने दावा किया था कि किसी भी कर्मचारियों के वेतन की कौटती नहीं की जाएगी, कर्मचारियों की छटनी नहीं होगी, नौकरी से नहीं निकाला जाएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कंपनियों ने लगातार श्रमिकों की छटनी की और अभी भी कर रही है। श्रमिक वर्ग अभी भी काम की तलाश में भटक रहे हैं। साथियों,तो हम आपसे जानना चाहते हैं कि सरकार ने जो बड़े बड़े वादे किए थे क्या उसका लाभ आपको मिला? सरकार के दावों की धरातल पर क्या स्थिति है? आप मुझे अपने या अपने आसपास की जमीनी सच्चाई बताएं जिससे हम जान सकें कि बड़े- बड़े वायदों की सच्चाई क्या है?आप हमें बताएं कि लॉकडाउन ने, आपके काम को किस प्रकार प्रभावित किया है ? पिछले एक वर्ष में आपके काम में किस प्रकार के बदलाव हुए हैं? क्या आपकी कम्पनी में कोरोना महामारी के कारण श्रमिकों की छटनी हुई है? अगर हाँ, तो आपने इसके लिए क्या प्रयास किये? इन सभी सवालों पर अपने विचार अपने फोन में नंम्बर तीन दबाकर ज़रूर रिकॉर्ड करें।
Transcript Unavailable.
दिल्ली के बहादुरगढ़ हरियाणा से शत्रोहन लाल कश्यप ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कंपनियों में श्रमिकों को समय से वेतन नहीं मिलता है। लॉक डाउन के बाद से स्थिति और भी दयनीय हो गयी है।
दिल्ली के बहादुरगढ़ हरियाणा से शत्रोहन लाल कश्यप ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राजधानी के कंपनियों में काम की कमी और श्रमिकों की छटनी से मजदूरों की समस्या बढ़ गयी है
उत्तरप्रदेश राज्य के इटावा जिला से नौमान ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज इटावा में लॉक डाउन की स्थिति देखने को मिली
दिल्ली के आईएमटी मानेसर गुरुग्राम से दीपक ने साझा वाणी के माध्यम से बताया कि झारखण्ड निवासी अनिल सोनी कोरोना के बढ़ते मामलों और कंपनियों में काम की कमी के कारण अपने गृह राज्य वापस जा रहे हैं।
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर से सत्यम सिंह ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि लॉक डाउन के बाद अब जब नाईट कर्फ्यू लगा है मानेसर में इस कारण उनके जीजा ड्यूटी नहीं कर पा रहे है
Transcript Unavailable.