अपने अधिकारों की रक्षा के लिए विरोध और मुखालफत करना ज़रूरी है, बिना इसके आपको कोई अधिकार नहीं मिलेगा, आपकी नजर में अभी तक क्या कमी रह गई कि सत्ता और पूंजी के इस खेल में पूंजी अभी भी जीतती नजर आ रही है, क्या आपको भी लगता है कि आपके अपने बीच के लोगों ने मजदूर से मालिक बनने के क्रम में अपने साथियों का साथ छोड़ दिया जिससे हक और अधिकार की लड़ाई कमजोर हुई?अपने विचार और सवाल हमसे जरूर साझा करें नंबर 3 दबाकर और अगर यह डेयरी आपको पसंद आयी है और लोगों से साझा करना चाहते हैं तो दबाएँ नंबर 5 शुक्रिया धन्यवाद्।

आलंम् की अनमोल बात

Transcript Unavailable.

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मिड डे मील की बात

आशा वर्कर की हाल जाना

रेडी पटरी यूनियन के सदस्य ने हड़ताल में उठाया रेडी पटरी लगाने वाले लोगों का मुद्दा

सबीर की मन की बात

लोगो की हाल मन से जाना

मन की बात लोगों से