अपने अधिकारों की रक्षा के लिए विरोध और मुखालफत करना ज़रूरी है, बिना इसके आपको कोई अधिकार नहीं मिलेगा, आपकी नजर में अभी तक क्या कमी रह गई कि सत्ता और पूंजी के इस खेल में पूंजी अभी भी जीतती नजर आ रही है, क्या आपको भी लगता है कि आपके अपने बीच के लोगों ने मजदूर से मालिक बनने के क्रम में अपने साथियों का साथ छोड़ दिया जिससे हक और अधिकार की लड़ाई कमजोर हुई?अपने विचार और सवाल हमसे जरूर साझा करें नंबर 3 दबाकर और अगर यह डेयरी आपको पसंद आयी है और लोगों से साझा करना चाहते हैं तो दबाएँ नंबर 5 शुक्रिया धन्यवाद्।

दुनिया भर में हर साल 15 मार्च को उपभोक्ता के हक की आवाज़ उठाने और ग्राहको को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक बनाने के लिए "विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस" मनाया जाता है। 15 मार्च, 1983 में उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की शुरूआत कंज्यूमर्स इंटरनेशनल नाम की संस्था ने की थी।आपको बता दे की हर साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के लिए एक थीम बनाई जाती है कंज्यूमर्स इंटरनेशनल ने इस साल की थीम " उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई "को चुना है। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को "विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस"की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

आलंम् की अनमोल बात

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नमस्कार श्रोताओं , मैं माना कुमारी तनंत हूँ , जो तिरुपुर की ऑडियंस कंपनी में काम करती है , गर्भवती अवस्था में काम करती है , वह लगभग दो साल तक काम करती है , लेकिन उसने सात महीने के लिए अपनी कंपनी में एस . आई . पी . एफ . सी . को काट दिया । वह मातृत्व लाभ के बारे में नहीं जानती थी , लेकिन एक दिन जब उसे एक बैठक में इसके बारे में पता चलता है , तो वह अपनी कंपनी के प्रबंधक से बात करती है । इस सुविधा के लाभों को काम में लाया जाता है और एक बच्चे के जन्म के बाद , उसे एक छह महीने का मातृ तालाब मिला है और उसे राधिका की तरह लगभग पचास - चार हजार रुपये मिले हैं ।

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गुड़गांव में के खांडसा औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले मज़दूर बताते हैं नोट बंदी और कोरोना के बाद से कोई लाभ नहीं मिला बल्कि महंगाई बहुत बढ़ गई है और सरकार ने खाने पीने की चीज़ों में टैक्स लगा कर मजदूरों की स्थिति को बहुत ही विकट परिस्थितियों में डाल दिया है।

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश कुमार सेन से हुई नरेश कुमार बताते हैं आज भारत बद का अगवन किया गया है जहां तलक हमारे संगठन हैं उन सभी संगठनों ने फैक्ट्री में करावल नगर वे शाहदरा में कई फैक्ट्रियों में मजदूरों ने आज अपने काम बंद रखें और किसानों के समर्थन में कई जगहों पर बैठ के भी की गई

मिड डे मील की बात

आशा वर्कर की हाल जाना