राजस्थान राज्य के नीमराना से रफ़ी जी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रमिक से बातचीत कर रहे हैं जो ए बी इन व्योय कंपनी में कार्यरत हैं। ये कंपनी बियर बनाती है। कंपनी श्रमिकों से 12 घंटे काम करवाती है और तनख्वा भी समय पर नहीं देती है। ठेकेदार ने कोई भी जोइनिंग लेटर या पे स्लिप मजदूरों नहीं दिया है। राजस्थान सरकार जो आठ घंटा काम करने का नियम लागु कर रही है वो मजदूरों के हित के लिए सही है। लेकिन नियोक्ता को आधा पैसा काटने का नियम लागु होने पर श्रमिकों को नुक्सान होगा जिसके लिए अभी श्रमिक अपने हक़ के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

राजिस्थान राज्य से जितेंद्र साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि सरकार द्वारा मजदूरों के लिए बनाई गई कानून मजदूरों के पक्ष में नहीं है। साथ ही कह रहे है कि है कि इस क़ानून के तहत मजदूरों को बंधुवा मजदूर बना दिया जायगा तथा उनसे मनचाहा ढंग से काम करवाया जाएगा । बताते है कि मजदूर वर्ग के लोग कमजोर और मजबूर है यदि कोई मजदूर कंपनी से अपना हक़ मांगता है तो उन्हें काम से निकल देने की धमकी दी जाती है और यदि प्रशाशन के पास जाता है तो उन्हें उनकी तरफ से कोई मदद नई की जाती हैं। कह रहे है कि वो इस कानून का विरोध करते है और करते रहेंगे

राजिस्थान राज्य से मुकेश साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि जिस तरह से किसानों पर लाठियां बरसाया गया है ये अपराध है। साथ ही कह रहे है कि किसानों ने अपनी मांगों को लेकर काफी महीनों से आंदोलन कर रहे है सरकार ने आज तक उनकी बात नहीं मानी है

राजिस्थान राज्य से हमारे श्रोत्त साझा मंच मोबाइल वाणी केमाध्यम से कह रहे है कि इस नए नियम के तहत मजदूरों के साथ उदासीन रवैया अपनाई है। बताते है कि इस कानून का विरोध लगभग सभी मजदूर कर रहे है क्यूंकि कानून उनके हिट में नहीं है इससे मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। आगे कह रहे है कि नए कानून की वजह से मजदूरों को जबरन पूंजीवादी व्यवस्ता की और धकेला जा रहा है जिसमे मजदूरोना का कोई उज्जवल भविष्य नहीं है। बताते है कि के कंपनी ने काफी सारे मजदूरों को काम नहीं होने का हवाला देके काम से बाहर निकाल दिया है जिसके लिए मजदूर धरना पर बैठे है। धरना पर बैठने के बाद भी राज्य सरकार तथा प्रसासन के तरफ से उनकी कोई मदद नहीं की जा रही हैं

राजिस्थान राज्य के नीमराना जिला से अनवर मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सरकार द्वारा लाया गया मजदूरों के लीये नया कानून एक मजदूर विरोधी कानून है। साथ ही कह रहे है कि इस कानून के आने से मजदूर सिर्फ बंधुवा मजदूर बन कर रह जाएंगे जिससे उन्हें अपनी आवाज उठाने का मौका नहीं मिलेगा। साथ ही बता रही है कि उनकी संगठन इस कानून के प्रति सभी मजदूरों को सतर्क भी कर रही है ताकि मजदूर बहकावे में न आ जाए

राजस्थान के नीमराना औद्योगिक क्षेत्र के जापानी ज़ोन के डाइकिन कंपनी में काम करने वाले श्रमिक साथी बता रहे हैं कि राज्य एवं केन्द्र दोनों ही सरकारें श्रमिकों के खिलाफ क़ानून बना रही हैं और यूनियनों के उच्च स्तर पर बैठे अधिकारियों भी मज़दूरों का नहीं देते हैं साथ।

राजिस्थान राज्य से हमारे श्रोता साझा मंच मोबाइल मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि सरकार द्वारा बनाई गई नई नियम जिसके तहत मजदूर अब सिर्फ 8 घंटे ही काम कर पाएंगे इस नियम से वो नाखुश है। बताते है कि सिर्फ 8 घंटे अगर वो काम करते है तो उनका पैसा ज्यादा नहीं बन पाएगा जिससे उन्हें अपने परिवार का रोजी रोटी चलाने में दिक्कत होगी

राजिस्थान राज्य से बीएस राणा साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि राजिस्थान सरकार ने जो श्रमिकों के लिए नया कानून लेकर आई है उसके तहत मजदूर गुलाम बनकर रह जाएंगे। साथ ही कह रहे है कि उनकी बैठक शर्म संगठनों के साथ हुई थी जिसमे उन्हें बताया गया था की राजिस्थान में कोई भी ऐसा कानून लागू नहीं की जायगी जो मजदूर विरोधी हो पर बैठक के दुसरे दिन ही कानून को लागू करने की बात सामने आ गई है जिसकी वर्ग के लोग काफी परेशान हैं

राजिस्थान के नीमराना जिला से मनोज साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि वो राजिस्थान में 4 सालों से मजदूरी का काम कर रहे है। साथ ही कह रहे है कि सरकार द्वारा बनाया नया नियम जिसके तहत अब मजदूर सिर्फ 8 घंटे ही काम कर पाएंगे उससे वो नाखुश है क्यूंकि सिर्फ 8 घंटे के काम करने से उनका रोजी रोटी नहीं चल पाएगा। उन्होने आगे कहा कि कंपनी में काम करने के बाद उन्हें काफी साड़ी चीज़ों में पैसा भरना पड़ता है जैसे रूम का किराया घर का खर्चा परिवार का खर्चा आदि,यदि वो ओवरटाइम नहीं करेंगे तो उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा

राजिस्थान राज्य के नीमराना जिला से हमारे श्रोता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि वो बिहार के रहने वाले है और नीमराना जिला में 2 सालों से मजदूरी का काम करते हैं। उनहोंने बताया कि सरकार द्वारा मजदूरों के लिए बनाये गए नए कानून से वो नाखुश है। बताते है कि जहा वो कंपनियों में ओवरटाइम कर के महीने का वेतन में से अधिक पैसा कमाते थे अब वह नहीं कर पाएंगे क्यूंकि नए कानून के तहत मजदूरों को सिर्फ 8 घंटे ही काम करने की अनुमति हैं