कल्याणपुर थाना क्षेत्र के +2 राजकीय माध्यमिक विद्यालय वासुदेवपुर में बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा के तीसरे दिन शनिवार को दूसरी पाली में एक परीक्षार्थी परीक्षा हॉल में अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर गया। जिससे कुछ देर के लिए परिक्षा केन्द्र पर अफरातफरी का मौहौल हो गया। जिसे स्थानीय विघालय के शिक्षक और ड्युटी पर तैनात पुलिस कर्मी के सहयोग से इलाज के लिए सीएचसी में लाया गया। जहां छात्र की पहचान मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के गंगापुर गांव के दिलीप राय के पुत्र सचिन कुमार के रूप में हुई है । ड्युटी पर तैनात डॉक्टर रागीव अंसारी ने बताया कि छात्र को चक्कर आने से बेहोश हो गया था। जिसका इलाज सीएचसी में किया गया।

टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत अब दवा दुकानदारों पर भी विभाग ने निगरानी शुरु कर दी है। प्राईवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी मरीजों की दवा मिलने की प्रक्रिया को अब दवा दुकानदरों के द्वारा पूरी तरह पंजी में दर्ज करना होगा। यूं कहें तो प्राइवेट स्तर पर इलाज कराने वाले मरीजों का पूरा ब्यौरा दवा दुकानदारों को रखना होगा। ऐसा नहीं करने वाले दवा दुकानदारों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी। इसको लेकर स्वास्थ्य विभागा ने सभी सीएस के अलावे एनसीडीओ व सहायक औषधि नियंत्रक विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। ताकि किसी मरीजों की सही आंकलन किया जा सके। इसके तहत केवल निबंधित एवं लाईसेंस दवा दूकानदारों के द्वारा ही टीबी रोगी से संबंधित दवा का विक्रय किया जाना है। नए निर्देश के अनुसार अगर कोई दवा दूकानदार दूकान पर आने वाले टीबी मरीजों को दवा देता है तो शिड्यूल एच वन रजिस्टर में मरीजों को ब्यौरा अंकित करना है। जिसमें मरीजों का नाम, पता, मोबाइल नम्बर, उम्र, दवा शुरु करने की तिथि, डॉक्टर का नाम, पंजीकरण संख्या आदि के साथ दी जाने वाली दवाओं का ब्यौरा अंकित करना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही सीएस, सीडीओ व सहायक औषधि नियंत्रक को समय-समय पर समीक्षा भी करनी है। ताकि यह पता लगाया जा सकें कि टीबी के मरीजों की संख्या व दवा की उपलब्धता हो पा रही है या नहीं। डीटीओ डॉ. विशाल कुमार ने बताया कि पत्र मिला है। इसको लेकर माइक्रोप्लान बनाया जा रहा है। ताकि टीबी मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो सके। मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार के अंतर्गत केंद्रीय यक्ष्मा प्रभाग में कार्यरत प्रतिनिधियों के द्वारा पिछले महीने बिहार के आठ जिलों का भ्रमण किया गया था। जिसमें यह पाया गया कि प्राइवेट दूकानों के द्वारा टीबी मरीजों को दवा दी जाती है। लेकिन इन दुकानदारों के पास टीबी मरीजों के बारे में कोई आंकड़ा व नाम की सूची उपलब्ध नहीं है। प्राइवेट दवा विक्रेताओं के द्वारा शिड्यूल एच वन रजिस्टर का संधारण नहीं किया जाता है।

विद्यापतिनगर। प्रखंड के साहिट पंचायत भवन में टीबी मुक्त पंचायत बनाने को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आहन समेत बीपीआरओ अमित कुमार, मुखिया प्रतिनिधि लालबाबू सिंह मौजूद रहे। बैठक में मौजूद लोगों को टीबी बीमारी से बचाव और रोकथाम की जानकारी दी गई। जानकारी देते हुए आहन के कर्मी श्रीराम कुमार ने कहा कि टीबी कोई लाईलाज बीमारी नहीं है। सही समय पर सही उपचार से बीमारी को ठीक किया जा सकता है। साफ-सफाई और मरीज का विशेष ध्यान रखकर बीमारी को दूर किया जा सकता हैं। इस अवसर पर बीपीआरओ अमित कुमार ने साहिट पंचायत के लोगों जागरुक करते हुए पंचायत को टीबी मुक्त बनाने में आमजनों से सहयोग करने की बात कही। साथ ही आहन के कर्मी रूबी कुमारी ने कहा कि पंचायत स्तर पर टीबी रोगियों का शीघ्र निदान और उपचार, टीबी का पता लगाने को बढ़ावा देना और टीबी रोगियों और परिवारों की सहायता करना हैं। इसकी प्राप्ति को केंद्रित करते हुए क्षय रोग से उपचारित रोगियों को पंचायत स्तर पर चिन्हित किया जायेगा। सरकार टीबी रोग के मरीज को सारी सुविधा प्रदान करती हैं। मौके पर पंचायत सचिव शशि प्रकाश रंजन, सरपंच प्रतिनिधि कामेंद्र प्रसाद सिंह, राजू सिंह, प्रवीण कुमार, गिरिरंजीत कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे।

कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र के गोपालपुर पंचायत अंतर्गत बालापुर, झहुरी व गोपालपुर गांव में दो दर्जन से अधिक पशुपालकों के लगभग चालीस से ज्यादा पशु खुरपक्क मुंह मुहपक्का रोग की चपेट में आ गए हैं।जिसके कारण पशु पालकों में भय का माहौल बना हुआ है। अधिकांश मवेशियों ने खाना पीना छोड़ दिया है।जबकि पैर में जहां घाव हो जाने के कारण लगातार रिसाव होते रहता है। वहीं मुंह के अंदर छाला पड़ जाने के कारण दिनभर लाल टपकता रहता है। वही मवेशी खाना पीना छोड़कर दिनों दिन कमजोर होती जा रही है ।मामले में बालापुर के किसान शिवेशवर शर्मा की 10 मवेशियों, सुमंत कुमार की दो मवेशी, नीरज कुमार की एक गाय के साथ लगभग तीन दर्जन से अधिक पशु इसकी चपेट में आ चुके हैं।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

भारतीय संसद के इतिहास में न विपक्ष का हंगामा नया है और न उनका सदन से निष्कासन, हाल के सालों में इस तरह के निलंबन की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, इसमें भी निलंबन उनका होता है जो सदन में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखकर सरकार का विरोध करते हैं। लोकतंत्र और संसद जो सहमति और असहमति का मिला जुला रूप हैं, उसमें इस तरह की कार्रवाईयों का क्या औचित्य है?

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विद्यापतिनगर प्रखंड क्षेत्र में ठंड के मौसम आते ही ठंढ भरी राते लोगों को बीमार करने लगी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कॉल्ड डायरिया के साथ बुखार, पेट में दर्द और बेचैनी से शिकार लोग पहुंच रहें है। इसके अलावा त्वचा से संबंधी बीमारियों के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में चिकित्सक दवाई से अधिक खानपान में सावधानी की बरतने की सलाह दे रहे हैं। पीएचसी में इन दिनों ऐसे मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। औसतन प्रतिदिन 15 से 20 की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे डायरिया के मरीज आ रहे हैं। रोजाना सुबह से ही पर्ची कटाने वाली विंडो पर लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती है। ऐसा ही हाल दवाई लेने वाली विंडो पर भी है। अस्पताल में जो मरीज आ रहे हैं, उनमें ज्यादातर सर्द-गर्म की वजह से स्किन की बीमारियों के साथ-साथ कॉल्ड डायरिया के मरीज ज्यादा देखे जा रहे हैं। सभी मरीजों व बच्चों को इस से बचने की सलाह दी जा रही है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

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समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड क्षेत्र में राजकीय प्राथमिक विद्यालय बोचहा बहा पर करीब दो दर्जन छात्र का फाइलेरिया का दवा खाने से शुक्रवार को तबियत बिगड़ गई उसे अस्पताल लाया गया जहां सभी को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई । चिकित्सक वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सभी छात्र ठीक है कहीं से भी घबराने की कोई बात नहीं है । अभिभावको ने बताया की दवा खाने के दो-तीन घंटे बाद छात्र की उल्टी सर में दर्द तथा दी मितलाने लगा इससे लोगों की चिंता बढ़ गई उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां बीसीएम राहुल सत्यार्थी ने बताया कि जिन लोगों में फलेरिया के लक्षण पाए जाते हैं दवा सेवन करने के उपरांत उसे उल्टी जीव मिचलाना तथा सिर में दर्द आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं । ऐसे इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है विधायक राजेश कुमार सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इस अभियान की सफलता के लिए कोई ठोस पहल नहीं कि है । इससे आनंन- फानन में शुरू कर दिया गया । जिस कारण लोगों में अफरा तफरी का माहौल है । मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत यदि आमजनों के बीच जागरूकता अभियान संचालित किया जाता तो आज इस तरह की स्थिति उत्पन्न नहीं होती ।साथ ही आम जनों में चिंता नहीं होती अस्पताल पहुंचकर विधायक प्रतिनिधि रवीश कुमार सिंह ने स्थिति का जायजा लिया ।खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।