समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड क्षेत्र में राजकीय प्राथमिक विद्यालय बोचहा बहा पर करीब दो दर्जन छात्र का फाइलेरिया का दवा खाने से शुक्रवार को तबियत बिगड़ गई उसे अस्पताल लाया गया जहां सभी को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई । चिकित्सक वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सभी छात्र ठीक है कहीं से भी घबराने की कोई बात नहीं है । अभिभावको ने बताया की दवा खाने के दो-तीन घंटे बाद छात्र की उल्टी सर में दर्द तथा दी मितलाने लगा इससे लोगों की चिंता बढ़ गई उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां बीसीएम राहुल सत्यार्थी ने बताया कि जिन लोगों में फलेरिया के लक्षण पाए जाते हैं दवा सेवन करने के उपरांत उसे उल्टी जीव मिचलाना तथा सिर में दर्द आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं । ऐसे इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है विधायक राजेश कुमार सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इस अभियान की सफलता के लिए कोई ठोस पहल नहीं कि है । इससे आनंन- फानन में शुरू कर दिया गया । जिस कारण लोगों में अफरा तफरी का माहौल है । मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत यदि आमजनों के बीच जागरूकता अभियान संचालित किया जाता तो आज इस तरह की स्थिति उत्पन्न नहीं होती ।साथ ही आम जनों में चिंता नहीं होती अस्पताल पहुंचकर विधायक प्रतिनिधि रवीश कुमार सिंह ने स्थिति का जायजा लिया ।खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

देश के सभी नागरिको को सही स्वास्थय मिले , इसे लेकर सरकार ने 2018 आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। यह भारत सरकार की एक हेल्थ स्कीम है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर नागरिको को देश के अस्पतालों में 5 लाख रु तक की मुफ्त में इलाज की सुविधा दी जाती है. इसके तहत पहली अगस्त 2023 तक 24.33 करोड़ कार्ड बनाए गए हैं। ज़ाहिर है , सरकार ने इस योजना प्रचार बहुत व्यापक तौर पर किया। नेताओ के साथ साथ सरकारी जनता ने भी देश के नागरिको को समझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि सरकार गरीबो की मसीहा है। लेकिन आज 5 साल बाद अब इसी आयुष्मान भारत योजना की हकीकत अब लोगो के सामने आ रही है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. कैग ने इस योजना को लेकर जारी की अपनी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया है इस योजना के तहत ऐसे मरीज भी लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें पहले मृत दिखाया गया था. यहीं नहीं इस योजना के तहत 9 लाख से ज्यादा लाभार्थी तो सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए हैं. प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड धारक मध्य प्रदेश में ही हैं. यहीं पर सबसे ज्यादा लापरवाही देखी जा रही है. ---------------तब तक आप हमें बताइए दोस्तों कि आपके गांव या जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज़ की स्थिति क्या है ? ---------------वहां पर आपको किस तरह की सुविधाएँ मिल रही है ? ---------------क्या आपके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड है और क्या आप उसका लाभ उठा पा रहे है ? ----------------इस बढ़ती महँगाई के कारण स्वास्थ्य पर होने वाला खर्चा आपका कितना बढ़ा है ? दोस्तों इस मुद्दे पर अपनी बात को जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर या मोबाइल वाणी एप्प में ऐड का बटन दबाकर।

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बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से रेनू देवी बता रही हैं की इनके गाय को चेचक बीमारी हो गयी है। तो ये उस बीमारी की दवा के बारे में जानकारी चाहती हैं

विद्यापतिनगर प्रखंड के कई क्षेत्रों में लोग मटमैले पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पानी भरते ही मिट्टी की परत बर्तनों की सतह पर दिखने लगती है। समस्या उन घरों के लिए किसी सजा से कम नहीं जो पूरी तरह पानी की सरकारी व्यवस्था पर टिके हैं। बारिश के मौसम में चिकित्सक खासतौर पर शुद्ध पानी पीने की सलाह दे रहे है। लेकिन एक सप्ताह से अधिक कुछ पंचायतों में लगे नल जल योजना के नलों में मटमैला पानी आ रहा है। इससे बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है। वहीं रोजाना पेयजल सप्लाई पर अनिश्चितता बनी रहती है कि, पानी कब आएगा। गंदे पानी से परेशान ग्रामीणों ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। आरोप है कि पेयजल आपूर्ति के लिए पंचायत में जो पानी की टंकिया बनाई गई है, उन्हें कई सालों से साफ ही नहीं किया गया है। जिन पाइप लाइनों से होकर पानी गुजरता है, वह भी पुरानी हो चुकी हैं। पाइप लाइन में लीकेज होने की वजह से गंदा पानी नलों में आ रहा है, जिसके कारण ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि यदि शीघ्र ही साफ पानी की आपूर्ति नहीं हुई तो वह बाल्टियों में गंदा पानी लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से हमारे एक संवाददाता रवि ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपक कुमार से बातचीत किया।बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वो जलवायु परिवर्तन बड़ा प्रत्यक्ष रूप से देख रहा है अभी जो मौसम है उसमें गर्मी कम होनी चाहिए हवा में नमी होनी चाहिए और बरसात ज्यादा होनी चाहिए परंतु ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है और इस वजह से समुदाय को रोजगार कम मिल रहा है और साथ ही उनके बीमार होने की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं जिसके कारण समुदाय को नई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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विद्यापतिनगर। हर साल जुलाई में आंख आने की बीमारी यानि कंजेक्टिवाइटिस का प्रकोप शुरू हो जाता है। इस वर्ष भी मिर्जापुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के पास प्रतिदिन आधा दर्जन मरीज इस परेशानी को लेकर पहुंच रहे हैं। चिकित्सक मरीजों को अधिक एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। आंख के ग्लोब के ऊपर एक पतली झिल्ली चढ़ी होती है। इसे कंजेक्टिवा कहते हैं। कंजेक्टिवा में किसी भी प्रकार के संक्रमण जैसे बैक्टीरियल, वायरल, फंगल या एलर्जी होने पर सूजन आ जाती है, जिसे कंजेक्टिवाइटिस कहा जाता है। यह रोग तीन प्रकार ऐलरजिक, बैक्टीरियल और वायरल का होता है। मौसम में होने वाले बदलाव के समय वायरल कंजेक्टिवाइटिस होता है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

विद्यापतिनगर नेशनल फैक्टर वार्न डीजिज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत प्रखंड के शेरपुर पंचायत में गुरुवार की रात स्वास्थ्य विभाग की ओर से कैंप लगा कर दो दिनों में 255 लोगों का फाइलेरिया की जांच की। बीसीएम विणा कुमारी ने बताया कि 24 जून तक शेरपुर और गढ़सिसई पंचायत के सेंटरों पर फाइलेरिया की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट जिले को भेजी जाएगी। दोनों केन्द्रों पर तीन-तीन सौ लोगों की जांच करने का लक्ष्य दिया गया है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

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