तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

भारत में हर पाँच मिनट पर घरेलू हिंसा की एक घटना रिपोर्ट की जाती है। नेशनल फैमिली हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार सख्त घरेलू हिंसा कानून- 2005 होने के बावजूद देश में हर तीन महिलाओं में से एक महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 79.4% महिलाएं कभी अपने पति के जुल्मों की शिकायत ही नहीं करती। दोस्तों, हर रोज महिलाओं के खिलाफ जुर्म बढ़ रहे हैं , क्या अब हमारी संस्कृति को ठेस नहीं पहुंच रही , जिस पर इतने डींगे हाँकते है ? समाज में उत्पीड़न, शोषण और हिंसा का निरंतर बढ़ता ग्राफ अब बढ़ता ही जा रहा है। और जिस पर हमें अपनी चुप्पी तोड़नी ही होगी। हमें इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठानी ही होगी।

राज्य स्तर पर रक्तदान व अन्य सामजिक क्षेत्रों में महती भूमिका का निर्वाह कर रही प्रबोध जन सेवा संस्थान ने अब ठिठुरते तन को मानवता की गर्माहट देने के लिए 'इंसानियत की दीवार' खड़ी कर संस्थान से जुड़े सहयोगियों ने समाज में नजीर पेश की है। विदित हो, विगत बुधवार को जिले के बटिया में अवस्थित बाबा झुमराज स्थान प्रांगण के सामुदायिक भवन में "इंसानियत की दीवार" मुहिम शुरू की गई, जहां समृद्ध वर्ग कपड़े दे सकेंगे और हर जरूरत मंद अपने जरूरत के मुताबिक कपड़े ले सकेंगे। संस्थान से जुड़े वरिष्ठ सहयोगी व सामाजिक कार्यकर्त्ता सुदर्शन सिंह, संस्थान सचिव सुमन सौरभ, बाबा झुमराज कमिटी के सचिव मोहन यादव, दहियारी पंचयात के पेक्स अध्यक्ष शुखदेव यादव ने सामूहिक रूप से फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया। वहीं, मुहिम को धार दे रहे युवाओं ने बताया कि पहले खेप में यहाँ तीन हजार से ज्यादा जैकेट, ब्लेजर, चादर, सिलीपर, शर्ट, पेंट, छोटे बच्चों का कपड़ा, शूट, साड़ी, जूता, सिलीपर इत्यादि विभिन्न प्रकार की सामग्री पहुंचा दी गई है। इस से पूर्व हम लोगों ने सिकंदरा प्रखंड के लछुआर ग्राम में भी कार्यक्रम आयोजित की थी जहाँ एक हजार से ज्यादा असहाय लोग लाभान्वित हुए थे पर इस क्षेत्र में असहाय जरुरतमंद की संख्या देखते हुए कपड़ों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है जिस से ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें साथ ही साथ हम लोग विशेष ख्याल यह रखते हैं कि किसी जरूरतमंद के आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचे। इस प्रयास के सफल क्रियान्वयन में संस्थान के जमुई जिला सचिव विनोद कुमार, अनुराग सिंह, रौशन सिंह, शिवजीत सिंह, सौरभ मिश्रा, हरेराम सिंह, राजेश यादव, मिथुन कुमार सिंह आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। वहीं कार्यक्रम में उपस्थित ब्रह्मेश्वर यादव, दिलीप कुमार पासवान, राजकुमार यादव, मुकेश कुमार, दिवाकर कुमार सिंह व अन्य सैकड़ों लोगों ने संस्थान द्वारा वर्षो से किए जा रहे कार्यों की सरहाना की व इंसानियत की दीवार जमुई के विभिन्न स्थानों पर लगाए जाने को लेकर संस्थान से जुड़े सहयोगियों से चर्चा की है।

सुनिए जेंडर हिंसा के खिलाफ चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए पतोत्री वैद्य जी को, जिनका कहना है युवाओं की सोच में एक नई उम्मीद और दृष्टिकोण है जो समाज में जेंडर के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय रूप से उतर रहा है। युवा समझते हैं कि जेंडर परिवर्तन का मतलब सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि सोच और आदतों में भी बदलाव लाना है।अब आप हमें बताएं कि जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ आप क्या सोच रहे हैं और इसे खत्म करने के लिए क्या कोशिश कर रहे हैं? अपने विचार और सुझाव हमें बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर

यूनेस्को की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 1.10 लाख ऐसे स्कूल हैं जो केवल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इसके अलावा देश भर में शिक्षकों के लगभग 11.16 लाख पद खाली हैं और उसमें से भी तक़रीबन 70 फीसदी पद गांव के इलाके के स्कूलों में हैं। है ना मज़ेदार बात। जो गाँव देश की आत्मा है , जिसके लिए सभी सरकारें खूब बड़ी बड़ी बातें बोलती रहती है। कभी किसान को अन्नदाता , भाग्य विधाता, तो कभी भगवान तक बना देती है। उसी किसान के बच्चों के पढ़ने के लिए वो स्कूलों में सही से शिक्षक नहीं दे पाती है। जिन स्कूलों में शिक्षक है वहाँ की शिक्षा की हालत काफी बदहाल है. माध्यमिक से ऊपर के ज्यादातर स्कूलों में संबंधित विषयों के शिक्षक नहीं हैं. नतीजतन भूगोल के शिक्षक को विज्ञान और विज्ञान के शिक्षक को गणित पढ़ाना पड़ता है. ऐसे में इन बच्चों के ज्ञान और भविष्य की कल्पना करना मुश्किल नहीं है. लोग अपनी नौकरी के लिए तो आवाज़ उठा रहे है। लेकिन आप कब अपने बच्चो की शिक्षा के लिए आवाज़ उठाएंगे और अपने जन प्रतिनिधियों से पूछेंगे कि कहाँ है हमारे बच्चो के शिक्षक? खैर, तब तक, आप हमें बताइए कि ------आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में कितने शिक्षक और शिक्षिका पढ़ाने आते है ? ------ क्या आपने क्षेत्र या गाँव के स्कूल में हर विषय के शिक्षक पढ़ाने आते है ? अगर नहीं , तो आप अपने बच्चों की उस विषय की शिक्षा कैसे पूरी करवाते है ? ------साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

दोस्तों, दुनिया भर में काम के घंटे घटाए जाने की मांग बढ़ जा रही है, दूसरी तरफ भारत काम के घंटों को बढ़ाए जाने की सलाह दी जा रही है। भारत में ज्यादातर संस्थान छ दिन काम के आधार पर चलते हैं, जिनमें औसतन 8-9 घंटे काम होता है, उस हिसाब से यहां औसतन पैंतालिस घंटे काम किया जाता है। जबकि दुनिया की बाकी देशों में काम के घंटे कम हैं, युरोपीय देशों में फ्रांस में औसतन 35 घंटे काम किया जाता है, ऑस्ट्रेलिया में 38 घंटे औसतन साढ़े सात घंटे काम किया जाता है, अमेरिका में 40 घंटे, ब्रिटेन में 48 घंटे और सबसे कम नीदरलैंड में 29 घंटे काम किया जाता है। दोस्तों, बढ़े हुए काम घंटों की सलाह देना आखिर किस सोच को बताता है, जबकि कर्मचारियों के काम से बढ़े कंपनी के मुनाफे में उसका हक न के बराबर या फिर बिल्कुल नहीं है? ऐसे में हर बात पर देशहित को लाना और उसके नाम पर ज्यादा काम की सलाह देना कितना वाजिब है? इस मसले पर अपना राय को मोबाईल वाणी पर रिकॉर्ड करें और बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, आप भले ही मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में, इसे रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं अपने फोन से तीन नंबर का बटन

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अमित कुमार सबिता ने बताया कि राष्ट्रीय युवा योजना के तत्वावधान में बापू की कर्मभूमि भितिहरवा आश्रम से गांधी जयंती के मौके पर भाई जी डॉ.एसएन सुब्बाराव शांति व सद्भावना संदेश सायकिल यात्रा राष्ट्रीय युवा योजना के सचिव रण सिंह परमार के नेतृत्व में प्रारंभ हुई। जो विभिन्न जिलों का भ्रमण कर 17 अक्टूबर को नालंदा के सरमेरा में प्रवेश करेगी । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी खबर सुनें

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अमित कुमार सबिता ने बताया कि सिकन्दरा प्रखंड बिछबे पंचायत के पतम्बर गांव में परिवार विकास/चाइल्ड फण्ड इन्टरनेशनल के तत्वावधान में युवाओं को जीवन कौशल का प्रशिक्षण परिवार विकास संस्थान के समन्वयक प्रमोद राय की ओर से दिया गया। उन्होंने बताया कि बेहतर जीवन जीने की कला को ही जीवन कौशल कहते हैं। जीवन कुशलता का अर्थ है कि हम अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का कैसे प्रभावी रुप से सामना कर सके। इसके लिए निर्णय लेने की और नेतृत्व करने की क्षमता होनी चाहिए। नकारात्मक बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। सकारात्मक सोच के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहने की जरूरत है। युवाओं को अभी सरकार की ओर से तथा संस्थान की ओर से विभिन्न प्रकार के दिये जाने वाले प्रशिक्षण पाकर दक्ष होना जरूरी है। जिससे कि आप कोई आप कोई भी कार्य बेहतर ढंग करके अपने पारिवारिक आमदनी को बढ़ाकर बेहतर जिंदगी जी सकते हैं। लड़कियों के लिए ब्यूटीशियन, सिलाई प्रशिक्षण, तथा लड़कों के लिए मोबाइल, कम्प्यूटर, तथा व्यवसाय दुग्ध उत्पादन हेतु पशु पालन ,मत्स्य पालन,बकरी पालन मधुमक्खी पालन और खेती से संबंधित भी प्रशिक्षण दिये जाते हैं। तथा रोजगार करने के लिए 5 लाख से 10 लाख तक अनुदान भी सरकार की ओर से दिया जाता है। खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

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