बिहार राज्य के जमुई जिला के सोनो प्रखंड से मिथुन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि पेड़ों की कटाई लगातार बढ़ रही है ,जिसके कारण जलवायु परिवर्तन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। पेड़ काटना सबसे बड़ा हानिकारक है। मानव के लिए जीवन को मंगलमय और स्वस्थ बनाये लिए केवल धन और भोजन ही प्रयाप्त नहीं है। इसके लिए शुद्ध वातावरण अर्थात मंगलकारी भौगोलिक परिवेश भी अपेक्षित है।इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया कि वर्तमान में मानव के मंगलमय की बात तो हर कोई करता है लेकिन उसके आधारभूत साधन गुणों का विनाश रोकने की बात कोई नहीं करता है ,जंगलों की बेताहाशा कटाई होने से मानव मंगल तथा पर्यावरण की समस्या उत्पन्न हो गयी है।इसलिए वर्तमान जनसंख्या वृद्धि के कारण जंगल त्रीव गति से काटे जा रहे है और लोगों के आवास और मकानों के लिए ईंधन इमारती लकड़ियों उद्योग धंधों के लिए वनों को काटा जा रहा है। ऐसे में लोगों को शिक्षित और समझदार बनाना बहुत जरुरी है एवं जंगल में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग जंगल से ही गुजर बसर करते है साथ में पेड़ पौधे लगाते है।लोगों को शिक्षित कर बताना है कि पेड़ पौधे नहीं काटे इसके लिए सरकार की तरफ से अलग व्यवस्था की गयी है उसे रोजगार मुहैया कराने के लिए।

बिहार राज्य के जिला जमुई के सोनो प्रखंड से मुन्ना कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि आए दिन हमे जलवायु परिवर्तन से काफी नुक्सान देखने को मिल रही है। आगे कह रहे है कि जलवायु में परिवर्तन कुछ मुख्य कारण से होती है जैसे तेल कोयला का जलना आदि। आगे कह रहे है क़ी अपने समय से मौसम में बदलाव नहीं होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है आये दिन लोग बीमार पड़ रहे हैं

बिहार राज्य के जिला जमुई से मिथुन मोबाइल वाणी के मध्य से कह रहे है कि जलवायु एक ऐसा पहलु है जो हर इंसान के जीवन से जुड़ा है। आगे कह रहे है कि जलवायु की दशा हमारे जीवन को काफी प्रभावित करती है।आए दिन यह देखने को मिलता है कि मौसम में काफी बदलाव हो रहे है जैसे समय से बारिश नहीं होना या ज़्यादा बारिश का हो जाना आदि। जिसका असर किसानों के फसलों पर पड़ता हैं। आगे कह रहे है कि इस साल समय से बारिश नहीं होने के कारण जमुई जिला को सुखाड़ घोषित कर दिया गया था जिससे किसानों को काफी नुक्सान हुआ है कई किसान तो भुखमरी के कागार पर आ गए हैं

बिहार राज्य के जमुई जिला के सोनो प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता योगेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से आए दिन लोगों पर काफी प्रभाव पड़ रही है। समय-समय पर बरसा नहीं होना सबसे बड़ी समस्या है जो कि हमारे यहां मौसम पर फसल नहीं उगना हमारे यहां लोगों खेती दृष्टि पर ही निर्भर करता है, जो कि सही समय पर वर्षा नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पेड़ पौधे काटे जाने से जलवायु परिवर्तन काफी प्रभाव पड़ रहा पेड़ पौधे काटकर गांव शहर में तब्दील किया जा रहा है। जो कि आने वाले समय में काफी लोगों पर प्रभाव पड़ेगी खानपान भी लोगों के साथ-साथ काफी चेंज हुई है। किसानों के लिए समय पर बरसात नहीं होना बहुत बड़ी समस्या है।

बिहार राज्य के जमुई जिला से नितीश कुमार ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।नितीश कुमार ने बताया कि अनावश्यक तरीके से बालू के उठाव से जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ जल प्रदुषण,ध्वनि प्रदुषण,मृदा प्रदुषण बढ़ रहे हैं। इससे किसानों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

बिहार राज्य के जमुई जिला के सोनो प्रखंड अंतर्गत औरैया से बताया है कि वायु प्रदूषण जल प्रदूषण और हमारे यहां आपदा की मार से किसान और लोग को काफी क्षति हुई है मौसम के में फसल सही से नहीं हो रही है और जानवरों पर भी काफी प्रभाव पड़ रही है लोग भी काफी बीमार पड़ रहे है। आगे कह रहे है कि अगर जल्द ही जलवायु परिवर्तन को ठीक नहीं किया गया तो आने वाले समय में भयावह सूखा पड़ सकता है जिससे कई लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा

बिहार राज्य के जमुई जिला से योगेंदर प्रसाद यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से ग्रीन हाउस प्रभाव के चलते अनेक क्षेत्रों में औसत तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है 1000 वर्षों की तुलना में सर्वाधिक होगी वहीं 2022 में देखने को मिल रही है। कई क्षेत्रों में सुखाड़ घोषित किया गया है खरीफ फसल की पैदावार नहीं हुई है और धान की खेती तो ना के बराबर हुई है ,अभी रबी फसल है जो कि ये भी जलवायु परिवर्तन का ही प्रभाव है। वर्षा के प्रभाव से जलवायु परिवर्तन के परिणामसवरुप दुनिया की मानसून क्षेत्र में वर्षा में वृद्धि होगी जिस कारण बाढ़ ,भूमि अपरदन जैसी समस्या पैदा होगी। जल की गुणवत्ता में गिरावट आएगी ताजे जल की आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। नदी के कटाव से पानी की भी किल्लत होगी पानी की सतह निचे चली जाएगी। इससे लोगो को प्रदूषित जल पिने के लिए विवश होना होगा जो की जलवायु परिवर्तन का ही कारण है। जलवायु परिवर्तन जल स्रोत को भी प्रभावित करेगा। जलवायु परिवर्तन के कारण धुर्वी बर्फ के पिघलने के कारण विश्व का औसत समुद्री जल स्तर 21वीं शताब्दी के अंत तक 9 से 88 सेंटीमीटर बढ़ने की संभावना है। जिससे दुनिया की आधी से अधिक आबादी समुद्र से 60 किलोमीटर की दुरी पर रहती है विपरीत प्रभाव पड़ेगा। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कृषि पर भी पड़ रहा है और पड़ेगा।

बिहार राज्य के जमुई जिला के सोनो प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता योगेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से बढ़ रहा है, इस कदर लोगों को काफी परेशानी हो रही है। जलवायु परिवर्तन से मानव जीवन के हर पहलुओं के लिए ख़तरा बन चुका है। अगर इस पर ग़ौर नहीं किया गया इसे यूं ही छोड़ दिया गया तो आने वाले समय में तापमान इस कदर बढ़ जाएगा कि मानव जीवन पर संकट आ सकता है। भयावह सूखा पड़ सकता है समुद्री जलस्तर बढ़ सकता है इन सब प्राकृतिक आपदाओं की कई प्रजातियां विलुप्त हो सकती है। मानव जीवन के आगे बड़ी चुनौती है संभावित समाधान भी है।

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बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अमित कुमार सविता ने एक विद्यार्थी से साक्षात्कार लिया जिसमें उसने बताया की जब भी मौसम में बदलाव आता है, तो लोगों को शारीरिक कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है। इसलिए हमें अपने तबियत का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। वर्त्तमान समय में जलवायु परिवर्त्तन का मुख्य कारण है, वनों की अंधाधुंध कटाई।व्यक्ति अपनी जरूरतों के लिए पेड़ की कटाई करते जा रहे हैं।