झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के जरीडीह प्रखंड के ग्राम टीरोटोला भवाँटांड से रंगलाल महतो ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनका प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा दो साल से रुका हुआ है।इसी को लेकर वो पंचायत मुखिया से लेकर प्रखंड कार्यालय तक के चक्कर काटते रहे परन्तु उनका काम नहीं बना। इसके बाद उन्होंने इस समस्या को साझा मंच पर रिकॉर्ड करवाया । ख़बर का असर यह हुआ कि साझा मंच संवाददाता रफ़ी के मार्गदर्शन के अनुसार उन्होंने दिल्ली के प्रधानमंत्री कार्यालय,मुख्यमंत्री झारखण्ड और बोकारो उपायुक्त के पास रजिस्ट्री के माध्यम से प्रार्थनापत्र भेजा । जिसमे उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए लिखा कि उन्होंने सभी दस्तावेज़ के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया था जिसके बाद भी उनके खाते में राशि नहीं आई है । इस प्रक्रिया के बाद उनके खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना का राशि भुगतान हुआ। इस सराहनीय कार्य हेतु वो साझा मंच के शुक्रगुज़ार है

झारखंड राज्य के बोकारो जिला प्रखंड जरीडीह पंचायत गायछंदा से शिव नारायण महतो साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि गायछंदा पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल रहा है। गरीबों से पंचायत प्रतिनिधि और बिचौलियों के द्वारा 8 से 10 हज़ार रूपए की मांग की जाती है। रूपए न देने के कारण गरीब और जरूरतमंद लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं। वहीं संपन्न लोगों को पहले से ही आवास मिला हुआ है और जिनके परिवार में सरकारी नौकरी करने वाले हैं वैसे लोगों से रुपया लेकर डबल आवाज को दिया जाता है। गरीब एक घर के लिए तरस रहे हैं। एक लाभुक रंगलाल महतो से संबंधित मुखियापति ने कई बार कागज़ात लिया लेकिन अभी तक उन्हें आवाज योजना का लाभ नहीं मिला। क्योंकि उन्होंने घूस नहीं दिया। रंगलाल ने प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री और डीसी के पास आवेदन देकर इसकी शिकायत की। एक महीना होने को है अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। पंचायत प्रतिनिधि और बिचौलिए कह रहे हैं कि जिसको जहां शिकायत करना है करें ,हम लोग जिसको चाहेंगे आवास उसी को मिलेगा। प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री ,डीसी के पास भी शिकायत करने पर गरीब को न्याय नहीं मिल पा रहा है। साझा मंच से जानना चाहते हैं कि ऐसे में गरीब लोग क्या करेंगे कहां जाएंगे कोई दूसरा उपाय बताएं।

झारखंड राज्य के बोकारो से कैलाश महतो साझा मंच के माध्यम से यह जानना चाहते हैं कि प्रधान मंत्री कृषि योजना का लाभ कैसे ले सकते हैं

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पीएम-किसान सम्मान योजना के तहत देश भर के सभी किसान परिवारों को हर चार महीने में 2000/- की तीन समान किस्तों में रुo 6000/- प्रति वर्ष की सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत परिवार की परिभाषा पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे हैं। फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा। नामांकन के लिए किसान को राज्य सरकार द्वारा नामित स्थानीय पटवारी/ राजस्व अधिकारी/ नोडल अधिकारी (पीएम-किसान) से संपर्क करना होगा। कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) को फीस के भुगतान पर योजना के लिए किसानों का पंजीकरण करने के लिए अधिकृत किया गया है। pmkisan.gov.in/ पोर्टल में किसान कॉर्नर के ऑप्शन को क्लिक करके किसान अपना स्व-पंजीकरण भी कर सकते हैं। पोर्टल में किसान कॉर्नर का ऑप्शन यूज करके किसान अपने आधार कार्ड के अनुसार पीएम-किसान डेटाबेस में अपना नाम भी संपादित कर सकते हैं तथा इसके माध्यम से किसान अपने भुगतान की स्थिति भी जान सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप पीएम-किसान सम्मान निधि हेल्पलाइन नंबर- 011-24300606, 0120-6025109 पर कॉल कर सकते हैं।
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Aug. 12, 2020, 10:06 p.m. | Tags: int-PAJ   farmer   agriculture   government scheme  

Transcript Unavailable.

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आपको बताना चाहते हैं कि सरकार पुरुषों के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रही है। सरकार की पूरी कोशिश है कि हमारे पुरुष प्रधान समाज में हमेशा में हमेशा से उपेक्षित रही महिलाओं को सशक्त बनाया जाए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जाय। लेकिन यह काम तब तक नहीं हो सकता, जब तक उनके हाथ में ताक़त और पैसा न हो। इसी को दृष्टिगत रखते हुए सरकार महिलाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। जैसे- लॉक डाउन में वित्तीय मदद उन्हीं जनधन खातों में आयी है, जिसे महिलाएँ चला रही हैं, उज्ज्वला योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब जनधन खाता उस महिला के नाम पर हो- जिसने आवेदन किया था, ज़मीन या घर अगर महिला के नाम पर ख़रीदा जाय, तो सरकार स्टाम्प शुल्क में छूट देती है। सरकार के ये सारे कदम महिला-पुरुष भेदभाव के नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में छोटे-छोटे प्रयास हैं।
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July 13, 2020, 5:45 p.m. | Tags: rural banking   gender   government scheme   fuel   int-PAJ   women  

झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो नावाडीह प्रखंड से एक श्रोता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बतातीं हैं कि उनके कार्य स्थल पर महिलाओं के साथ अत्याचार होता है।

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यह सुनकर बहुत दुख हुआ, इस प्रकार की घटना आप सभी के साथ हो रही है। हम समझते हैं कि आप जिस संयोग से गुजर रहे हैं, लेकिन यह समय आ गया है कि सभी एक साथ आएं और इस बुराई पर आवाज उठाएं। मेरा निवेदन है कि आप सब एक साथ आएं और नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें अगर किसी भी मामले में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है तो नजदीकी महिला पुलिस स्टेशन और महिला हेल्प लाइन से संपर्क करें ताकि वे मदद कर सकें।
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Nov. 3, 2019, 2:31 p.m. | Tags: gov officers   police   rights   exploitation   govt entitlements   int-PAJ   workplace entitlements  

झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला से मुकेश कुमार शर्मा ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताया कि एक व्यक्ति को पहले 2000 रूपए पेंशन मिलता था परन्तु कुछ सालों से उन्हें पेंशन मिलना बंद हो गया। इससे उन्हें बहुत समस्या आ रही हैं रोज़मर्रे के ख़र्चे उठाने में।

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आपको बताना चाहेंगे कि आपका सवाल अधूरा है,आपने यह नहीं बताया है कि कौन सी पेंशन उन्हें नहीं मिलनी बंद हो गयी। इतना कहना चाहूंगी कि इसके लिए उन्हें अपने ज़िले के सामाजिक कल्याण विभाग में जाकर संपर्क करना होगा ,जहाँ से उन्हें ये पता चल सके कि उनका पेंशन किस वजह से रुका हुआ है और उसे शुरू करने के लिए बैंक खाते के साथ-साथ क्या-क्या प्रमाण देने होंगे,जिससे उनका पेंशन फिर से शुरू हो सकें।
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Dec. 9, 2019, 1:18 p.m. | Tags: govt entitlements   int-PAJ  

झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के जरीडीह प्रखंड से शिव नारायण महतो ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पांच साल पहले उनका बेटा रोज़गार की तालाश में दिल्ली गया।वहा जाने के बाद दिल्ली का ही निवासी हो कर रह गया। शिव नारायण महतो, बेटे से लगातार संपर्क में थे पर अब उनका बेटा वापस अपने निवास स्थान पर लौट कर नहीं आना चाहता हैं। साथ ही अब बेटे से उनका पूरी तरह से संपर्क टूट चुका हैं।

झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो नावाडीह प्रखंड से संतोष कुमार साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि झारखण्ड राज्य में झारखण्ड सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के टेंडर निकाले जाते हैं। राज्य में सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाता है ,लेकिन मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जाती है।

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जी आपको बताना चाहेंगे कि हर राज्य सरकार की तरफ से साल में दो बार न्यूनतम वेतन में कुछ बदलाव या सुधार किये जाते है। उसी के अनुसार हर कार्य वर्ग में अलग अलग न्यूनतम वेतन निर्धारित किये है इसकी पूर्ण जानकारी आप श्रम विभाग में जाकर ले सकते है और साथ ही आप इसके वेबसाइट पर जाकर भी पता कर सकते है। न्यूनतम वेतन को तीन श्रेणिओं में बांटा गया है कुशल,अर्धकुशल, और उच्च कुशल श्रमिक। सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी ना देना कानून का उल्लंघन है। हम आपके द्वारा बताये गए काम के बारे नहीं जानते हैं लेकिन यह सरकारी अनुबंध है इसलिए यह निर्माण क्षेत्र हो सकता है। झारखंड में न्यनतम मजदूरी कम से कम अकुशल श्रेणी के लिए 6,172 रु और कुशल के लिए प्रति माह 8,523 है ,जो प्रति सप्ताह48 घंटे से अधिक नहीं है।इसके अलावा, श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं किया जाता है और न ही महीने के अंत में पूर्ण निपटान दिया जाता है। यह पेमेंट ऑफ वेजेस एक्ट का उल्लंघन है। हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? आप किसी भी क्षेत्र में काम शुरू करने से पहले कंपनी में काम करने का सभी नियम और शर्तों को जान लें और साथ ही सबूत भी ले लें,इसके लिए आप साझा मंच मोबाइल वाणी पर बात पते की कार्यक्रम सुन सकते है।
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July 31, 2019, 9:57 p.m. | Tags: int-PAJ  

झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के चंदनक्यारी से धीरज कुमार ओझा साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से आधार कार्ड से मिलने वाले सामाजिक सुरक्षा व सरकारी लाभ की जानकारी चाहते हैं।

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बताना चाहेंगे कि आपके सभी प्रशनों का उत्तर आपको आधार हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके मिल सकता है। आधार हेल्पलाइन का नंबर है 1947, इसे याद रखने का आसान तरीका है जिस साल भारत आज़ाद हुआ था, यानि कि (उन्नीस सौ सैंतालिस)1947.
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March 29, 2019, 3:50 p.m. | Tags: govt entitlements   int-PAJ   UID