metro mein Safar ke dauran Delhi metro ke niyam aur Sarson ka rakhe Dhyan Varna chukani padti hai Bhari jurmana
online PF form bharne ke liye sabse pahle aapko aapke mobile number registered honi chahie EPFO se UN number aapke pass honi chahie aavedan karte samay Aadhar card bank account ke passbook ya cheque book is document se aap apna EPF ka Paisa nikal sakte hain
हमारे संवाददाता सोनू,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि रेलवे के लाखों पदों के लिए 15 दिसंबर से परीक्षा शुरू हो रही है जिसमें आप सब भाग लेकर अपना आवेदन दे सकते हैं और परीक्षा में शामिल हो सकते हैं रेलवे का बड़ा ऐलान
हमारे संवाददाता सोनू,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि डाल्टेनगंज में प्रदर्शनकारियों के कारण रेल लाइन बाधित था। जिस कारण राजधानी एक्सप्रेस के पैसेंजर्स को बसों के माध्यम से उनके गंतव्य स्थान पहुँचाया गया। लेकिन इसमें से एक युवती अपनी जिद्द पर अड़ गई कि वो राजधानी एक्सप्रेस में ही बैठ कर राँची जाएगी। इस पर रेलवे अधिकारी ,प्रबंधन सोच विचार पर प्रदर्शन ख़त्म होने के बाद राजधानी एक्सप्रेस को अकेली पैसेंजर को लेकर 535 किलोमीटर का रांची स्टेशन तक का सफ़र तय करना पड़ा। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर
हमारे संवाददाता सोनू ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि सरकार को रोज़गार पर विचार करना चाहिए। क्योंकि कई पद खाली है और कई युवा वर्ग रोज़गार की तलाश में भटक रहे है। अब धीरे धीरे देश पटरी पर आ रहा है। मेट्रो का परिचालन शुरू होने वाला है। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर
हमारे संवाददाता सोनू,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि ओरिएंट क्राफ्ट कंपनी में श्रमिकों को पानी की उचित सुविधा नहीं मिल रही है। साथ ही कुछ श्रमिकों ने बताया कि अगस्त महीने का वेतन खाते में आया परन्तु ओवरटाइम का पैसा किस्तों में बाँट दिया गया है। श्रमिक इस कारण परेशान है। उद्योग विहार की गारमेंट कंपनियों की हलात ख़राब है। कंपनियों में काम नहीं है ,श्रमिकों की छटनी होते जा रही है
हमारे संवाददाता सोनू,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि बिहार में शराबबंदी है ,कानून लागू है लेकिन आए दिन शराब तस्करी के मामले सामने आती रहती है। शनिवार की सुबह पटना के गोमती इलाके में आर ब्लॉक के पास पुलिस और शराब माफिया के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें कई पुलिसवाले घायल हो गए। अस्पताल में सभी का उपचार चल रहा है। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर
हमारे संवाददाता सोनू ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री का कल सोमवार को निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर
paniyon se hokar sarmik ko Gujar na pad raha hai duty
उद्योग विहार से संतोष भगत जी साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से नंद किशोर से बात कर बता रहे हैं कि लॉक डाउन के पहले के काम का पैसा इनके ठेकेदार ने पुलिस-केस की धमकी देने के बाद दिया। उसके बाद के काम के सत्रह हज़ार के बदले सिर्फ़ पाँच हज़ार दिया और माँगने पर बहानेबाज़ी कर रहा है।
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हम आपसे जानना चाहते हैं कि क्या आपकी कंपनी लॉकडाउन से पहले की तनख्वाह ठीक तरीके से दे रही थी ? या फिर आप अभी लॉकडाउन के दौरान तनख्वाह ना देने की बात कह रहे हैं। यदि आप लॉकडाउन से पहले की बात कर रहे हैं तो आप अपने यूनियन या खुद भी लेबर ऑफिस में एक लिखित शिकायत दे सकते हैं और इस शिकायत के साथ अपनी कंपनी के द्वारा दी गई आई.डी कार्ड, सैलरी स्लिप, अप्वाइंटमेंट लेटर का जेरोक्स अटैच करें। लॉकडाउन के दौरान सैलरी की बात करें तो ग्रह मंत्रालय ने अपनी 29 मार्च की अधिसूचना में घोषणा की है कि लॉकडाउन अवधि को ऑन-ड्यूटी माना जाएगा, और नियोक्ता को लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को भुगतान करना होगा। लेकिन एसोसिएशन ऑफ़ इंडस्ट्रियल एम्प्लॉयर्स ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें सरकार को लॉकडाउन के दौरान पूर्ण वेतन देने के निर्देश को चुनौती दी गई थी, इस सब के बीच सरकार ने 17 मई को एक और अधिसूचना की घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी 29 मार्च की अधिसूचना समाप्त हो गई है। दूसरी ओर एक और जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कर्मचारियों की समाप्ति और वेतन कटौती से सुरक्षा की मांग की गई थी। इन सब पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 जून लगभग डेढ़ महीने बाद अपना फैसला सुना, जिसमे उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले मैं अपनी तरफ से कोई फैसला नहीं दे सकता, पर सुप्रीम कोर्ट यह कहा कि नियोक्ता और मजदुर आपस मैं मिलबैठ कर सैलरी के ऊपर समझौता कर सकते हैं और अगर कोई समझौता नही होपारहा तो वो लेबर ऑफिस, यूनियन को समझौता करवाने के लिए बुला सकते हैं, मगर सरकार कंपनी के सैलरी ना देने पर कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कर सकती। लेकिन आप अभी भी लॉकडाउन से पहले के वेतन कि मांग कर सकते हैं, और कंपनी अगर मना कर तो कार्यवाही कर सकते हैं। इसलिए श्रमिक को जागरूक होना होगा, अपने अधिकारों को जानना होगा, और यूनियनें के साथ संगठित होकर शोषण के आवाज़ उठाना होगा, यही नियोक्ता के खिलाफ खड़े होने का एकमात्र तरीका है।
July 27, 2020, 5:45 p.m. | Tags: lockdown industrial work governance skd int-DT coronavirus govt entitlements int-PAJ wages workplace entitlements