दिल्ली एनसीआर के उद्योग विहार से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से राजकुमार से हुई। राजकुमार ने बताया कि उद्योग विहार में पहले कुछ ही कम्पनियाँ थी जो श्रमिकों का कार्ड बदल देती थी परन्तु अब तो सारी कम्पनियाँ अपने श्रमिकों के साथ ऐसा ही करती है और 5 साल पूरा होने से पहले ही कार्ड बदल देती है जिससे श्रमिक ग्रेचुइटी पाने के हक़दार न बन पाए। कंपनी में कोई भी समस्या आने पर श्रमिक कंपनी प्रबंधन या लेबर कोर्ट जाते है ,परन्तु इसमें उनका समय की बर्बादी ही होती है। कई श्रमिकों को नियमों के बारे जानकारी नहीं होती। राजकुमार को भी नए श्रम कानूनों के बारे में नहीं पता है। नए दौर में क़ानून में बदलाव जरूरी भी है परन्तु वो सभी श्रमिकों के हित में होना चाहिए। श्रम कानूनों का पालन श्रमिक ही अच्छी तरह निभाते है। श्रमिकों को क़ानून व उनके अधिकार की जानकारी होनी चाहिए। ताकि कानूनों के तहत ही श्रमिक अपना बचाव करें और श्रमिकों और प्रबंधन में तालमेल बैठना चाहिए

दिल्ली, एनसीआर के उद्योग विहार से हमारे श्रोता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे हैं कि बेरोज़गारी बहुत बढ़ गई है। उद्योग विहार में लोग काम की तलाश घूम रहे हैं। प्रवासी श्रमिक जो वापस आए हैं, उन्हें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

उद्योग विहार, फ़ेज़ एक, दिल्ली से साझा मंच मोबाईल वाणी के सम्वाददाता नन्द किशोर उद्योग विहार में दस साल से काम कर रहे सुरेश कुशवाहा से बात कर रहे हैं। सुरेश कुशवाहा ने बताया कि शुरू के दो-तीन साल उन्होंने अकेले काम किया, फिर अपने पत्नी के साथ कर रहे हैं। पहले पीस रेट पर काम करते थे, लेकिन कहीं-कहीं वेतन पर भी काम किया है। लेकिन अब समस्या है कि काम मिल ही नहीं रहा है। कम्पनी वाले दो-चार महीना काम कराने के बाद निकाल भी देते थे। लेकिन वहाँ पीएफ़ फँसता था, तो मिल जाता था, मगर अब नहीं मिल रहा है। लॉक डाउन के बाद अपने परिवार को घर छोड़ आए हैं। अभी बिना जान-पहचान के मजदूरों को नौकरी नहीं मिल रही है। कोरोना और लॉक डाउन के कारण श्रमिकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। अब इस सेक्टर में काम नहीं करना है, अब बेकरी का काम करना है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसका प्रशिक्षण नहीं ले पा रहा हूँ। एक सप्ताह से काम खोज रहे हैं, लेकिन कहीं काम नहीं मिल रहा है। काम मिलने पर बाद में परिवार को भी ले आएँगे। भविष्य में सब कुछ सही होने पर इस सेक्टर को छोड़ दूँगा।

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दिल्ली एनसीआर के उद्योग विहार से सोनू ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रदुषण फ़ैलाने के आरोप में सोमवार को गुडगाँव के सहारा मॉल को सरकारी विभाग के अफसरों ने सील कर दिया गया। साल 2018 में जो वाटर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के सैंपल में प्रदुषण की बहुत ज़्यादा मात्रा पाई गई थी। इस पर करवाई करते हुए हरियाणा के प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जुर्माना भी लगाया गया था। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर

फैक्टरी में काम नही मिल रहा है

सड़कों में गड्ढे

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