कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"

बिहार राज्य के जमुई ज़िला से नरेंद्र कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पूर्व प्रधान आकाश सक्सेना से हुई। आकाश कहते है कि महिलाओं को सभी अधिकार होना चाहिए। महिला शिक्षित नहीं रहती है इसीलिए उन्हें अधिकार से वंचित रहना पड़ता है। अशिक्षा के कारण उनमे अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता नहीं है। अगर महिला शिक्षित होगी तो वो जागरूक बनेगी और अपने अधिकार प्राप्त कर पाएगी। महिलाओं के नाम से जमीन की रजिस्ट्री होना चाहिए। अगर महिला को जमीन अधिकार मिलेगा तो अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा लिखा पाएगी और आत्मनिर्भर बन पाएगी।

बिहार राज्य के जमुई जिला के बरहट प्रखंड से मोबाइल वाणी के संवाददाता आशुतोष पाण्डेय ने सामाजिक कार्यकर्ता नुनेश्वर यादव से बातचीत की। जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि शिक्षा के आभाव ने महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर रखा है। पहले लोग लड़कियों को शिक्षा नहीं देते थे। लेकिन आज के समय में समाज लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान दे रहा है। और लड़कियों को शिक्षित कर सशक्त बनाया जा रहा है। महिलाओं को जब तक शिक्षा नहीं दिया जायेगा तब तक वे अपने अधिकारों के लिए आवाज़ नहीं उठा पाएंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि संपत्ति में महिलाओं को बराबर का अधिकार मिले, इसके लिए सरकार कोई कुछ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला से रजनीश की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अनिल कुमार यादव से हुई। ये कहते है कि समाज में महिलाओं को जमीन पर अधिकार नहीं मिल पाता है। इसको लेकर समाज के लोगों को जागरूक करना होगा। शिक्षा के अभाव के कारण महिला अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है। महिला जागरूक हो कर अपने अधिकार को प्राप्त कर सकती है

बिहार राज्य के जिला गिद्धौर से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रंजीत पांडेय से हुई। रंजीत पांडेय यह बताना चाहते है कि पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को आर्थिक क्षेत्र में ज्यादा महत्व नहीं दिया जा रहा है। महिलाओं में अभी भी शिक्षा की कमी है। समाज में असामनता को दूर करने के लिए महिला को शिक्षित करने की जरूरत है। अचल संपत्ति का हक़ महिलाओं को भी है। जमीन महिला के नाम से किया जा रहा है लेकिन जमीन का कागज़ महिला के पास नहीं होता है। पुरुष ही जमीन का कागज़ को रख लेते है। लोग समझते है कि महिला सिर्फ घर में रहकर ही काम कर सकती है। अगर महिलाओं को भूमि पर अधिकार दिया जाए तो उनमे आत्मनिर्भरता आएगी। वह अपना काम पुरे विस्वास के साथ कर सकेगी।

बिहार राज्य के जमुई जिला से रजनीश कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से गांव के मुखिया विजय भगत से बातचीत किया। बातचीत के दौरान विजय भगत ने बताया कि किसी तरह आर्थिक रूप से कमज़ोर व्यक्ति अपनी बेटी को शिक्षित बनाता है, उसके बाद बेटी की शादी करने के लिए भी दहेज़ में खर्च होता है। इस कारण लोग अपनी बेटी को संपत्ति में अधिकार नहीं देते हैं। संपत्ति में अधिकार अगर महिलाओं को देना है तो पहले दहेज़ प्रथा को ख़तम करना होगा। सरकार के नियमानुसार महिला को संपत्ति म अधिकार दिया गया है, लेकिन अगर भाई दहेज़ देकर बहन की शादी करता है तो महिला को संपत्ति में अधिकार नहीं बनता है

बिहार राज्य के जमुई जिला से नरेंद्र कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अनीता से बातचीत की। अनीता का कहना है कि उन्हें भी सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए उनके पांच बच्चे हैं उसे पढ़ाना लिखाना है। उनका कहना है कि महिलाओं के नाम पर भूमि का पंजीकरण नहीं होता, पुरुषों को नाम से भूमि का अधिकार दिया जाता है,जबकि महिलाओं के नाम पर भी जमीन होना चाहिए ताकि वे आगे बढ़ पाए

बिहार राज्य के जमुई जिला से नरेंद्र कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मोनिका देवी से बातचीत की। मोनिका देवी का कहना है कि पैतृक संपत्ति पर महिलाओं को अधिकार मिलना चाहिए। जितना अधिकार पुरूषों को दिया जाता है महिलाओं को भी उतना ही अधिकार दिया जाना चाहिए।ताकि बच्चों को पढ़ा लिखा सके

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2021 की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में आर्थिक समानता में महिलाओं की संख्या 58 फीसदी है। लेकिन पुरुषों के बराबर आने में उन्हें अभी सदियां लग जाएंगी। 156 देशों में हुए इस अध्ययन में महिला आर्थिक असमानता में भारत का स्थान 151 है। यानी महिलाओं को आर्थिक आजादी और अचल संपत्ति का हक देने के मामले में एक तरह से हम दुनिया में सबसे नीचे आते हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के जीवन का बड़ा समय इन अधिकारों को हासिल करने में जाता है, अगर यह उन्हें सहजता से मिल जाए तो उनका जीवन किस तरह आसान हो सकता है? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन- कौन से संसाधन और सहायता की आवश्यकता हैं?

बिहार राज्य के जिला जमुई से नरेंद्र कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कुंदन कुमार से हुई। कुंदन यह बताना चाहते है कि महिलाओं को भी शिक्षित होना चाहिए , चाहे लड़का हो या लड़की हो सभी का शिक्षित होना बहुत जरुरी है। महिलाओं को भी अधिकार मिलना चाहिए और महिलाओं के नाम से भी जमीन रजिस्ट्री होना चाहिए। । भूमि में हिस्सा पाकर उसमे खेती बारी करके अच्छा मुनाफा जा सकता है और अपने बच्चो की अच्छी परवरिश कर सकती है।अशिक्षा के कारण ग्रामीण क्षेत्र की महिला जागरूक नहीं हो पाती है। महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए तभी वो आगे बढ़ पाएंगी