मेरी भी आवाज़ सुनो कार्यक्रम के अंतर्गत बालिका समृद्धि योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। बालिका समृद्धि योजना का उद्देश्य लड़कियों के जीवन स्तर में सुधार लाना है...
मेरी भी आवाज़ सुनो कार्यक्रम के तहत सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में जानकारी दी गई। सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बेटियों के लिए कई वित्तीय योजनाओं का प्रावधान है।
बिहार राज्य के जमुई जिला के चकाई प्रखंड से जय कुमार शुक्ला ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि सोमवार को प्रधान भवन चकाई में आहूत पंचायत समिति की बैठक में मध्याहन भोजन योजना में संवेदक द्वारा घटिया चावल की आपूर्ति किये जाने का मामला सामने आया है। वहीं पंचायत समिति सदस्यों ने एक स्वर में कहा की स्कूलों में संवेदक द्वारा घटिया चावल की आपूर्ति की जा रही है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
मेरी भी आवाज सुनो की इस कड़ी में हम जानेंगे कि लाडली लक्ष्मी योजना में पंजीयन करवाने से बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई और शादी के लिए सरकार के तरफ से किस तरह से आर्थिक मदद की जाती है। विस्तारपूर्वक खबरों को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
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बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का प्रावधान है कि जो अत्यंत गरीब परिवार है जो गरीबी रेखा से निचे गुजर बसर कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना का सही टेक वितरण हो इसके लिए प्रखंड स्तर पर सहायक की नियुक्ति संविदा पर की जाती है। ये सहायक गांव में जाकर पता लगाएं कि कौन लोग अत्यंत गरीब है और किसे आवास योजना का लाभ देना है,परन्तु यहाँ तो उल्टा देखने को मिलता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पाता है प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ। सहायक का काम होता है की जिनको आवास योजना का आबंटन हुआ है उनके पास जाकर या दलाल के माध्यम से सूचित करे। परन्तु यहाँ तो सहायक सूचित करते है पहले किस्त की राशि आबंटित कर दी गयी है मिठाई के लिए पैसा भेजें और अगर उन्हें नहीं दिया जाता है रिश्वत तो दूसरे किस्त एवं अंतिम किस्त की राशि नहीं भेजी जाती है और प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य अधूरा रह जाता है एवं गरीबों को पक्का माकन नसीब नहीं हो पता है
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार ने सरकारी स्कूलों में दोपहर का भोजन बच्चों को देने का प्रावधान किया है। इसके लिए मेन्यू भी जारी किया गया है। परन्तु मेन्यू के अनुसार बच्चों को भोजन नहीं दिया जा रहा है ।जंगल के सुदूर स्कूलों में तो सन्नाटा रहता है ,न पढ़ने वाले होते हैं और ना ही पढ़ाने वाले। वहां मध्याह्न भोजन का सवाल ही पैदा नहीं होता। जहाँ मध्याह्न भोजन दिया जाता है वहाँ भी बस खानापूर्ति ही होता है
दोस्तों, केन्द्र सरकार ने 1995 में देश के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना की शुरूआत की थी. पहले यह योजना कुछ चुनिंदा राज्यों और स्कूलों में शुरू हुई, फिर धीरे—धीरे करके गांव कस्बों तक पहुंच गई. लेकिन क्या है इस योजना के फायदे ?और क्यों है इसकी ज़रूरत ? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
दोस्तों, प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत 25 जून 2015 से की गई है. इस योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले वेे परिवार उठा सकते हैं, जो अपना घर बनाना चाहते हैं. इस योजना के तहत सरकार कम ब्याजदर पर लोन प्रदान करती है, साथ ही सब्सिडी की सुविधा भी दी जाती है.इस विषय पर और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
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