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दिल्ली से हमारी श्रोता ,श्रमिक वाणी के माध्यम से बताती है कि वो एक कंपनी में काम करती थी। एक माह काम करने के बाद उन्हें काम से निकाल दिया गया और उन्हें वेतन देने से मना कर रहे है

महिला को दिहाड़ी कम मिलते है

दिल्ली राज्य के मानेसर से रवि ने मोबाइल वाणी के माध्यम मजदूरी के विषय पर नेहा सिंह से बातचीत की। नेहा सिंह ने बताया वह काफी समय से लेबर चौक पर काम के लिए जाती है तो कभी काम मिलता है कभी काम नहीं मिलता है और घर जाना पड़ता है। कंपनी में तो दिहाड़ी अच्छी मिल जाती है किन्तु फैक्ट्री में आठ घंटे के काम के ढ़ाई सौ से तीन सौ रूपये तक ही मिलते है। और काम भी बहुत कम लोगों को ही मिलता है। ठेकेदार अपने ही मजदूरों को काम पर लगाता है

दिल्ली के मानेसर से सुधा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि उन्हें काम नहीं मिल रहा है ऐसे में वह अपने बच्चो का पालन पोषण कैसे करे

हरियाणा राज्य के झज्जर ज़िला के बहादुरगढ़ से मनोहर लाल कश्यप ,श्रमिक वाणी के माध्यम से बताते है कि इन्होने दिनांक 6 नवंबर 2022 को श्रमिक वाणी में एक महिला रीमा से लिया साक्षाक्तर को प्रसारित कर बताया था कि इन्हे ग्रीनपार्क में दो बच्चों की देखभाल के लिए रखा गया था ,लेकिन उनसे दो बच्चों की देखभाल के अलावा अन्य कार्य भी करवाया जाता था छह दिन काम करने के बाद इन्हे नौकरी देने वाले व्यक्ति राजेंदर ने पैसे नहीं दिया। इस ख़बर को श्रमिक वाणी में प्रसारित कर के सम्बंधित अधिकारी और राजेंदर के साथ साझा किया गया। जिसका असर यह हुआ कि राजेंद्र ने श्रमिक रीमा को उनके वेतन का कुछ प्रतिशत दे दिया।

दिल्ली के श्री राम कॉलोनी से जुबेर खान, श्रमिक वाणी के माध्यम से गुड़िया से बात कर रहे है। गुड़िया बताती है कि ये घर में बाहर से पीस लेकर बैग बनाने का काम करती है। एक बैग के 30 रूपए मिलते है। दिनभर में 120 रूपए कमा लेती है। इस काम में मेहनत बहुत लगता है,लेकिन यह रेट बहुत कम है । किसी तरह थोड़ी बहुत घर के खर्च चल जाता है