उत्तरप्रदेश आज़मगढ़ से अनिल श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि वर्तमान में जो हिन्दू मुस्लिन में नमाज़ और मंदिर का मुद्दा चल रहा है वह राजनीती का मुद्दा है
दिल्ली गुरुग्राम रोड के उद्योग विहार से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कंपनियों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदुर अरुण से हुई। अरुण कहते है कि वे लॉक डाउन के बाद गाँव से पलायन कर के दिहाड़ी मजदुरी का कार्य कर रहे हैं।जिसमें उन्हें रोजाना काम नहीं मिलता है।उनके अनुसार बेरोजगारी बढ़ने के साथ साथ हर क्षेत्र में महंगाई बढ़ गयी है। ऐसे में श्रमिकों को संगठित होना पड़ेगा।
दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम रोड से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रमिक विकास कुमार से हुई। विकास कहते है कि देश में जिस तरह से महँगाई बढ़ रही है ,उसी प्रकार वेतन में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए। कहीं भी खऱीदारी करने जाए तो बिल बहुत बन जाता है। खाद्य पदार्थ के साथ पेट्रोल डीज़ल ,खाद्यान तेल के दाम में बढ़ोतरी होती जा रही है। देखा जाए तो मोबाइल रिचार्ज के भी दाम बढ़ चुके है। लोग महँगाई के कारण पौष्टिक व संतुलित आहार नहीं ले पा रहे है। इस कारण स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और कई बिमारियों के चपेट में भी लोग आ जा रहे है। ऐसे में श्रमिकों को संगठित होना पड़ेगा और अपने वेतन बढ़ोतरी के लिए माँग करनी पड़ेगी। अभी जिस तरह से महँगाई बढ़ रही है ,उसमे हर एक वर्ग के श्रमिकों की न्यूनतम वेतन 25 हज़ार रूपए तक होना चाहिए।
दिल्ली आईएमटी मानेसर से विकास साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि आईएमटी की सभी कम्पनियाँ शर्ट डाउन करने का फैसला ले रही है। किसी किसी कंपनी में दो दिन ,चार दिन,या सात दिन का ब्रेक श्रमिकों को दिया जा रहा है
दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम रोड से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रमिक अमित कुमार से हुई। अमित कहते है कि देश में जिस तरह से महँगाई बढ़ रही है ,उसी प्रकार वेतन में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए। कहीं भी खऱीदारी करने जाए तो बिल बहुत बन जाता है। खाद्य पदार्थ के साथ पेट्रोल डीज़ल ,खाद्यान तेल के दाम में बढ़ोतरी होती जा रही है। देखा जाए तो मोबाइल रिचार्ज के भी दाम बढ़ चुके है। लोग महँगाई के कारण पौष्टिक व संतुलित आहार नहीं ले पा रहे है। इस कारण स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और कई बिमारियों के चपेट में भी लोग आ जा रहे है। ऐसे में श्रमिकों को संगठित होना पड़ेगा और अपने वेतन बढ़ोतरी के लिए माँग करनी पड़ेगी। अभी जिस तरह से महँगाई बढ़ रही है ,उसमे हर एक वर्ग के श्रमिकों की न्यूनतम वेतन 25 हज़ार रूपए तक होना चाहिए।
दिल्ली एनसीआर के मानेसर से विकास ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि आईएमटी मानेसर में जितनी भी कम्पनियाँ है वहाँ काम मंदा चल रहा है। ऑटो सेक्टर की कंपनियों में काम की कमी हो गई है। श्रमिक परेशान है। मज़दूर के पास एकमात्र सहारा पीएफ का पैसा है लेकिन पीएफ का ऑनलाइन आवेदन नहीं हो पा रहा है।
दिल्ली एनसीआर के मानेसर से विकास ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि पहले की अपेक्षा अब फैक्टरियों में काम कम है। मानेसर में ऑटो सेक्टर की कंपनियों में काम नहीं है और श्रमिक परेशान है। इस वजह से दिहाड़ी कार्य कर रहे है जिसमे उन्हें सही से दिहाड़ी नहीं मिल रही है
खजुरी ख़ास से हस्मत अली कुछ लोगों से साझा मंच के माध्यम से बात कर रहें हैं, इन लोगों का कहना है की सरकार अपनी गलती को छुपाने के लिए धर्म के नाम पर विवाद को हवा देती है. जब सरकार गरीबी, महंगाई या रोज़गार जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है तभी लोगों के दिमाग में हिन्दू और मुसलमान का फ़र्क़ दाल देती है. और जो समझदार लोग हैं वो सरकार की इस साजिश को समझ कर हर हाल में भाई चारा का प्रमाण देते हैं. इन लोगों का कहना है की इन्हें न ही लाउडस्पीकर पर आज़ान के होने से समस्या है और ना ही लाउडस्पीकर में हनुमान चालीसा को पढ़ने से इनलॉगों का कहना है की ये सभी मुसलमान हिन्दू तथा अन्य धरम के लोग प्यार मुहबत के साथ एक ही जगह रहते हैं तथा हर पर्व को जोश के साथ मनाते हैं और आगे भी गंगा जमनी तहज़ीब का साथ देते रहेंगे।
नई दिल्ली के आया नगर से रामकरण एक समाज सेवी नरेश से बात कर रहें हैं, नरेश का कहना है की लॉक डाउन के समय इनकी दूकान मंदा हो गया था लेकिन अब ठीक है तथा इनका घर बॉर्डर पर पड़ता है और लॉक डाउन के समय में इन्होने प्रवासी मज़दूरों को खाना और पानी दे कर सेवा किया इनका माना है की किसी को भी खाना खिलाना सबदे बड़ी मदद है.
दिल्ली एनसीआर से राजेश साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि पहले के ज़माने में हिन्दू और मुसलमान एक साथ दुःख और सुख बाटते थे पर अब कुछ लोगों के कारण इनमे दरार सा आ गया है। आगे कह रहे है कि हम सभी को भाईचारे के साथ आपस में रहना चाहिए ताकि हमारा भविष्य अच्छा रहे