तमिलनाडु के तिरुपुर से रेशमा में साझा मंच के माध्यम से बताती हैं कि कोरोना काल के कारण कई मजदूरों की नौकरी चली गई है। लॉक डाउन होने के बाद कई मजदुर अपने गांव चले गए थे और अब वहाँ फंसे हुए हैं।

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम के माध्यम से बताती है कि सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को तो खोल दिया गया है परन्तु दर्शन के जो लोग जा रहे है ,वो लोग कोरोना संक्रमण से सतर्कता नहीं बरत रहे है। सोशल डिस्टेंस का भी पालन नहीं किया जा रहा है। सही से मास्क का प्रयोग भी कुछ लोगों के द्वारा नहीं किया जा रहा है

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टीटी मिल्स, मुस्कान टेलर के पास से अरुण साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से अपना नाम नहीं बताने को बोल रहे एक श्रमिक से लॉक डाउन के बाद की परेशानियों के बारे में बात कर रहे हैं। वे श्रमिक बता रहे हैं कि लॉक डाउन के बाद वापस काम पर कम्पनी की बस से आए थे और इनसे कहा गया था कि भाड़ा नहीं काटेंगे, लेकिन काटा गया। अब पैसा नहीं बचता है, बहुत तनाव है। हमेशा यहाँ से भागने को मन करता रहता है। किसी ऑफ़िस में कहा गया कि भाड़े का पैसा तीन महीने में वापस ड़े देंगे, कहीं छः महीने में देने को कहा गया, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला है। बिहार से काम पर वापस आने के बाद कम्पनी वालों ने इनलोगों से एक काग़ज़ पर यह लिखवा कर हस्ताक्षर करवा लिए कि ये लोग अपनी मर्ज़ी से काम पर वापस आए हैं और वह कागज अपने पास रख लिया। उसमें और क्या-क्या लिखा था, इन्हें नहीं पता।

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कई पुलिसकर्मियों और दुकानदारों ने एक बैठक की। जिसमे यह निर्णय लिया गया कि वे अपने दुकान के बाहर कैमरा लगाएंगे। जिससे आये दिन होने वाले झगड़ों पर अंकुश लग सके ।

तिरुपुर से मिना कुमारी साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से अखिलेश सिंह से पीएफ की समस्या पर चर्चा कर रहे हैं। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

हमारी संवाददाता मीना कुमारी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से हुई। महिला ने बताया कि तमिलनाडु में काम करने अच्छा लगता है। गृह राज्य में कड़ी धुप में मज़दूरी करना पड़ता है तथा पैसे भी ज़्यादा नहीं मिलता है। काम ज़्यादा होने पर भी कम वेतन मिलता है। इसलिए वापस तमिलनाडु जाना चाहते है। तमिलनाडु में काम का मज़दूरी सही से मिलता है। बच्चों की पढ़ाई भी सही से होती है केवल ट्यूशन का ही 1000 रूपए लगता है। लॉक डाउन में कर्ज़ भी बढ़ गया था परन्तु खेत में काम कर अभी स्थिति ठीक हुई

हमारी संवाददाता रेशमा की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से संगीता से हुई। संगीता ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान कई समस्या आई। कम्पनियाँ भी बंद थी। पैसे की समस्या ज़्यादा उत्पन्न हुई। दुकानें भी बंद थी। बिना पैसे के कही कुछ नहीं मिल रहा था

हमारी संवाददाता मीना कुमारी की बातचीत एक महिला से हुई। महिला ने बताया कि लॉक डाउन में बहुत समस्या हुई। खान पान का सामग्री बहुत महँगी रहने के कारण खाने पीने में बहुत दिक्कत हुई। लॉक डाउन के दौरान परिवार के सदस्य की बीमारी भी आई। पैसा की कमी में ही बंदोबस्त करते हुए इलाज़ करवाया गया। अभी भी ज़्यादा सुधार नहीं हुआ है। कंपनी में अभी भी सही से काम नहीं मिल रहा है। काम अभी भी मंदा चल रहा है

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बस परिचालन सम्बन्धी जानकारी साझा कर रही हैं। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें