तिरुपुर से हमारी एक श्रोता ने बताया कि पूजा के अवसर पर मजदूरों के साथ बच्चों को पैसे दिए गए

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कन्ना से हुई। कन्ना ने बताया कि वो तिरुपुर में लगभग 12 साल से रह रहे है। तिरुपुर में ही रहकर वो पढाई कर रहे है और अभी 11वीं कक्षा के छात्र है। अभी स्कूल बंद है जिस कारण वो कंपनी में कार्य कर रहे है। उन्हें 210 रूपए प्रति दिन का मिलता है।कंपनी में कार्य करने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है। मैनेजर कहते है कि काम कर के पुस्तक आदि के लिए खर्च निकाल लें

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से अशोक कुमार ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि हर एक बस स्टॉप के पास स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक छोटा सा शौचालय होना चाहिए। ताकि यात्रियों को असुविधा न हो।

तमिलनाडु राज्य के तृपुर से हमारे श्रोता रंजन साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि यात्रियों को बस में चेंज पैसे को लेकर बहुत सी परेशानियों का सामना करना पद रहा है

तमिलनाडु तिरुपुर से मीना कुमारी साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि तमिलनाडु में बुधवार को कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 7 लाख के आसपास पहुंच गया हैं। राज्य में अब तक महामारी संक्रमण के कारण बहुत गिरावट आई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से संक्रमित मरीजों की संख्या 39 मरीजों की जान चली गई है

तमिलनाडु के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से मंजू देवी से हुई। मंजू ने बताया कि ठेकेदार ने श्रमिकों से पैसे लेकर उनके लिए बस उनके गृह राज्य भेजवाए ,जहाँ से 40 से 50 मज़दूर वापस आए है। कंपनी में चार साल से कार्य कर रहे है। पहले जिस तरह से कार्य होता था और जितना वेतन मिलता था ,वहीं अभी भी हो रहा है। लॉक डाउन में जो पैसा बकाया था वो ठेकेदार के द्वारा मिल गया है। पहले पीएफ का पैसा कटता था अब काम करते हुए केवल एक ही महीनें हुए है इसलिए इसकी जानकारी नहीं है।उनके पास यूएएन नंबर नहीं है जिससे वो पीएफ का पैसा का योगदान देख सके। ठेकेदार के द्वारा लगभग 60 श्रमिक कार्य कर रहे है जो पीस रेट में है। उन्हें नकद में पैसे मिलते है। श्रमिकों के अनुसार पीस रेट में काम करना ज़्यादा फ़ायदेमंद है इसमें श्रमिकों को आराम मिलता है। अगर कंपनी में श्रमिकों को कुछ परेशानी होती है तो अगर ठेकेदार से बात किया जाता है तो वो सहायता करते है। पहले जो कंपनी में वो शिफ्ट में कार्य कर रही थी वहाँ उन्होंने प्रबंधन से वेतन बढ़ाने की बात की थी परन्तु कोई समाधान नहीं निकलने पर उन्होंने दूसरी कंपनी ज्वाइन कर ली जहाँ वो पीस रेट में कार्य कर रही है।मंजू के अनुसार जिस श्रमिक को काम में समस्या होती है तो उसे ही आगे बढ़ कर अपने लिए आवाज़ उठाना पड़ता है

तमिलनाडु राज्य के सिडको से मीना की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से ममता से हुई। ममता ने बताया वो तिरुपुर में 13 साल से तीन कंपनियों में काम कर चुकी है। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी में एक सप्ताह पहले एक श्रमिक की पांच उँगलियाँ कार्य के दौरान कट गई थी । कंपनी वालों ने 5 से 6 दिन का उनका इलाज़ करवाया इसके बाद उस घायल श्रमिक के भविष्य की चिंता करते हुए छह श्रमिकों ने मिलकर कंपनी प्रबंधन से दुर्घटना मुआवज़ा की बात की परन्तु कोई समाधान नहीं निकला। जिस श्रमिक की उँगलियाँ कटी है ,वो पीस रेट में कार्य करते है जिन्हे पीएफ ईएसआई की सुविधा नहीं मिलती है। ममता का कहना है कि पीस रेट में कोई फ़ायदा नहीं है ,चार दिन का कार्य एक दिन में ही निबट जाता है जिससे कई श्रमिक पीस रेट में ही कार्य करना पसंद करते है। बड़ी कंपनियों में 50 से 60 कारीगर होने पर भी पीएफ व ईएसआई का लाभ नहीं मिलता। पहले कंपनी में ममता ने चार साल काम किए परन्तु कोई लाभ नहीं मिलता था। न बोनस मिलता था न ही पीएफ का सुविधा। छुट्टी लेने पर भी पैसे काटे जाते थे। चार सालों में कोई बचत नहीं कर पाए। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी साक्षात्कार...

तमिलनाडु के सिडको से रेशमा साझा मंच के माध्यम से बताती हैं की काम का झांसा दे कर अलग अलग राज्यों से 25 लड़कियों को एक बस में बैठा कर चेन्नई भेजा जा रहा था जिसे पुलिस ने छत्तीसगढ़ में पकड़ा

तमिलनाडु के तिरुपुर से रेशमा में साझा मंच के माध्यम से बताती हैं कि तमिलनाडु में जहाँ एक किसान पंक्षियों से परेशान हो कर उन्हें भगाने का कार्य करते थे, वहीँ दूसरे किसान ने अपनी जमीन का आधा हिस्सा पंक्षियों के नाम कर दिया

तमिलनाडु के तिरुपुर से रेशमा में साझा मंच के माध्यम से बताती हैं कि तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में लगातार हल्की बारिश हो रही है। इस वजह से मछुवारों को चेतावनी दी गई है की वे तेरह अक्टूबर से सोलह अक्टूबर तक केरल और कर्नाटक के समुन्द्रों में ना जाए