तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के मध्यम से रोहन से हुई। रोहन ने बताया कि वो दो साल से तिरुपुर में है। वो एनजीओ में फील्ड वर्कर का काम करते है। इस वक़्त वो घर घर जा कर मास्क वितरण करने का काम कर रहे है

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमार ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कोरोना वायरस के कारण तमिलनाडु के कृषि मंत्री का निधन हो गया

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर से हमारे श्रोता रंजन साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है कि तमिलनाडु में 16 नवंबर से सभी स्कूलें खुल जाएंगी

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से अशोक कुमार ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि उनकी बातचीत एक श्रमिक से हुई। श्रमिक ने बताया कि उन्हें कंपनी में सही से वेतन नहीं मिलता। काम करने के बावज़ूद पूरा वेतन नहीं दिया जाता है। अगर कुछ गलती हो जाती है तो ठेकेदार से साथ सभी को प्रबंधन की फटकार पड़ती है। वो अपनी कंपनी में काम कर के खुश नहीं है।

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से अशोक कुमार ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि उनकी बातचीत एक श्रमिक से हुई जो रहिथम कंपनी में पीस रेट पर कार्य करते है। उस श्रमिक ने बताया कि पीस के हिसाब से जो पैसे मिलना चाहिए ,वो काट कर दिया जाता है। वो उस कंपनी में कार्य कर के खुश नहीं है।

तमिलनाडु तिरुपुर सिडको से नेहा साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि लॉक डाउन के बाद कंपनियों में कोरोना से बचाव के लिए कोई सुविधा मुहैया नहीं दी जा रही है

तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से डिल्लु राम शर्मा ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लॉक डाउन के कारण काम बहुत मंदा चल रहा है। खाने की बहुत समस्या हो रही है। उन्हें साझा मंच से मदद चाहिए

तमिलनाडु तिरुपुर से राजन साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्हें नवरात्र में नवकन्या को भोजन करा कर अच्छा लगा

तिरुपुर से हमारी एक श्रोता बताती रहीं हैं कि आज पांच लोगों ने कंपनी में काम करने से मना कर दिया। लॉक डाउन के दौरान कंपनी प्रबंधक ने उन मजदूरों को घर जाने भी नहीं दिया और ना ही उन्हें उनका पूरा वेतन दिया। कंपनी प्रबंधक ने मजदुरों को वही रह कर काम करने की सलाह दी और राशन पानी देने की बात कही लेकिन उन्हें कभी भी पूरा वेतन नहीं दिया। मजदूरों को काम चलाने के लिए बस 500-1000 रूपए देता रहा। इससे ख़ासा नाराज़ होकर आज मजदूरों ने काम छोड़ दिया

तिरुपुर से संगीता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्हें लॉक डाउन के बाद अपने बेटे के साथ घर से वापस आने में दस हज़ार खर्च हो गए।