उत्तर प्रदेश के मूल निवासी नागेंद्र नाथ यादव अहमदाबाद, गुजरात से साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि घर जाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी न तो गाँव जाने की कोई व्यवस्था हुई, न ही कोई दूसरी मदद मिली। साझा मंच मोबाईल वाणी में काल करने पर यहाँ से भी कोई मदद नहीं मिली।
:- आप पॉजिटिव रहेंगे तो कोरोना नेगेटिव रहेगा। :- शहर में हिट -वे के साथ कोरोना का कहर 5468 एक्टिव केस 24 लोग की मृत्यु . :- अस्पताल में कोरोना से मृत्यु के बाद भी बना डाला 5 लाख का बिल। :- पर प्रांतीय श्रमिक की वतन वापसी से कोरोना की संख्या देश में बढ़ी। :- श्रमिक राम भरोसे ,यूपी जाने वाली ट्रेन उड़ीसा पहुंची। :- गुजरात में तीन लाख औद्योगिक इकाइयों में 25 लाख लोगों ने काम शुरू किया
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गुजरात के एक श्रोता से बातचीत में साझा मंच के माध्यम से बताया गया कि कोरोना महामारी से मजदूर वर्ग पर सबसे ज्यादा प्रभाव तो पड़ा ही है साथ ही आम जन भी परेशान हुए है। प्रवासी मजदूरों को अपने गांव जाने के लिए घुस देना पड़ रहा है। एक टिकट के लिए 685 से 1500 रूपये तक चुकाना पड़ रहा है। उसके बाद भी प्रवासियों को टिकट नहीं मिल रहा है। इन्होने ये भी बताया साझा मंच को कि श्रम कानून में बदलाव सही नहीं है। इससे मजदूरों को शोषण अधिक होगा।
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:- गुजरात का अहमदाबाद कोरोना का एपी सेंटर बना :- लम्बे लॉक डाउन के कारण अहमदाबद का पहिया थमा। :- प्रवासी मजदूरों के बीच छाया कोरोना का भई।
Hemlata from Ahemdabad by the means of Sajha Manch is telling about situation arised due to the corona virus pandemic & the lockdown, workers are afraid about the increasing cases of corona virus, now they are selling their bike & everything they have in their home to arrange for their transport, government must think & act soon to help these people.
जब से देश में तालाबंदी हुई है, तब से हम लोग देश के अलग अलग कोने में बसे श्रमिकों को हम मदद कर रहें हैं। अगर किसी भी श्रमिकों को हम से कोई भी तत्काल मदद की आवश्यकता है तो ,आप साझा मंच पर दो बार शून्य दबा कर हमारी मदद ले सकते हैं। जब से लोक डाउन बढ़ा है श्रमिकों कि स्तिथि और भी ख़राब होती जा रही है। श्रमिकों के पास नई -नई समस्या आने लगी हैं। जितने भी इन श्रमिकों के पास पैसा था अथवा जितना भी इन श्रमिकों को वेतन मिला था। अब ख़त्म होता जा रहा है और राशन दुकानदार श्रमिकों को राशन उधार भी नहीं दे रहें हैं। जिस कारण श्रमिक और भी परेशान है। सरकार से लगतार इन श्रमिकों की मांग हैं कि घर पंहुचाया जाये .लेकिन इस मांग को देखते हुए कई राज्य के सरकार ने इनके लिए अपने स्तर से कई तरह से सुविधा दे रही हैं लेकिन इस बात को देखना है कि यह प्रक्रिया कब तक चलेगी और कब तक श्रमिक अपने गांव घर पहुंच पाएंगे साथ ही कब श्रमिक खुद को सुरक्षित महसूस कर पाएंगे। अगर आप श्रमिकों को आजीविका ब्यूरो से किसी भी प्रकार किस हायता चाहिए तो साझा मंच पर दो बार शून्य दबा कर अपनी बात को हमारे तक पंहुचा सकते हैं। धन्यवाद मै आपका साथी महेश गजेरा।
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May 14, 2020, 12:51 p.m. | Location: 1129: TN, Tirupur, SIDCO | Tags: lockdown int-DT labour coronavirus migration interview
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May 14, 2020, 1:48 p.m. | Tags: food lockdown sos coronavirus wages int-PAJ workplace entitlements