साझा मंच मोबाईल वाणी के रिपोर्टर नंद किशोर कापासेड़ा, नई दिल्ली से बता रहे हैं कि कापासेड़ा के हरियाणा से लगे ग्रामीण क्षेत्र में अवैध रूप से काले रंग की पाईप्स के माध्यम से घर-घर पानी की सप्लाई की जा रही है, जिनके जगह-जगह टूट कर सड़कों पर पानी बहने से पानी तो बर्बाद हो ही रहा है, साथ ही सड़के भी ख़राब हो रही हैं और आवागमन भी बाधित हो रहा है। पानी की इस बर्बादी को रोकने वाला कोई नहीं है, तो फिर हम ये कैसे कह पाएँगे कि जल ही जीवन है!

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कापासेड़ा, दिल्ली से नंद किशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि कोरोना संक्रमण के कारण घर चले गए कामगारों के वापस काम पर आने के लिए कई कम्पनियाँ विशेष भत्ता, लॉक डाउन की अवधि का वेतन, बस-रेल-हवाई जहाज़ का टिकट तक देने को तैयार हैं। उनके खातों में पैसे डालने के साथ कॉल भी की जा रही हैं। इसे देखते हुए कुछ कामगार वापस आने का मन बना रहे हैं।

बॉर्डर से बोल रहा हूँ कंपनी नंबर एक सौ चौबीस में काम करता हूँ अभी तक तीन महीना हो गया पैसा नहीं दिया ठेकेदार किसी को बहुत परेशान कर रहे हैं न्यूज़ में ये सुने थे कि ठेकेदार हो या कम्पनी हो टाइम से पैसा मिलना चाहिए मगर एक सौ चौबीस कम्पनी नम्बर के ठेकेदार जितने हैं सारे वर्कर के लिए इतना तबाही कर दिए हैं कि तीन महीना से ज़्यादा हो चुका है पैसा अभी तक नहीं मिला है मेरा कहना है कि ये कारवाई आगे बढ़ाए एक सौ चौबीस कंपनी फेस वन में है ये मेरा कहना है भाई कैसे भी करके आगे कार्रवाई बढ़ाया जाए इसको सबको सूचना आगे बढ़ाया जाए क्योंकि ये ऐसे करके बहुत परेशान कर रहे हैं ठेकेदार जितने 70 महीना हो गया यह क्रम हालात में क्या खाएं क्या नहीं खाएं हिट न्यूज़ वाले बोले थे कि टाइम से पैसा मिलना चाहिए तीन तीन महीना हो गया कंपनी नंबर 12470 रहे परेशान कर रहे हैं ठेकेदार जितने हैं वो पहले तो सबसे ज़्यादा तो पैसा ही वो खाट काट लेते हैं जिसको होता है उसका पैसा काट लेते हैं दूसरी बात टाइम से पैसा नहीं तीन तीन महीना हो गया इस तरह हम हालात में क्या खाएँगे क्या नहीं खाएँगे न्यूज़ वाले बोले थे कि टाइम से पैसा मिलना चाहिए तीन तीन महीना हो गया कम्पनी नंबर एक सौ चौबीस के ठेकेदार ऐसे कर रहे हैं बहुत परेशान कर रहे हैं बहुत से ऐसे ठेकेदार हैं एक सौ तेरह के कम्पनी के हो गया ऐसे ऐसे करके बहुत मुश्किल कर दिए हैं गरीब आदमी को बहुत परेशान कर रहे हैं हमारा आगे कार्यक्रम बढ़ाया जाए न्यूज़ ओज जो न है दिया जाय कम से कम इसका कुछ रास्ता निकाला जाय

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हम जानना चाहते हैं कि क्या आपकी कंपनी ने लॉग डाउन से पहले की तनख्वाह ठीक तरीके से नहीं दे रहे या आप लॉकडाउन के दौरान तनख्वाह ना देने की बात कह रहे हैं। यदि आप लोग डाउन से पहले की बात कर रहे हैं तो आप अपने यूनियन या खुद भी लेबर ऑफिस में एक लिखित शिकायत दे सकते हैं और इस शिकायत के साथ अपनी कंपनी के द्वारा दी गई आई.डी कार्ड, सैलरी स्लिप, अप्वाइंटमेंट लेटर का जेरोक्स अटैच करें। लॉक डाउन के दौरान सैलरी की बात करें तो ग्रह मंत्रालय ने अपनी 29 मार्च की अधिसूचना में घोषणा की है कि लॉकडाउन अवधि को ऑन-ड्यूटी माना जाएगा, और नियोक्ता को लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को भुगतान करना होगा। लेकिन एसोसिएशन ऑफ़ इंडस्ट्रियल एम्प्लॉयर्स ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें सरकार को लॉकडाउन के दौरान पूर्ण वेतन देने के निर्देश को चुनौती दी गई थी, दूसरी ओर एक और जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कर्मचारियों की समाप्ति और वेतन कटौती से सुरक्षा की मांग की गई है। इसके लिए श्रमिको को जागरूक होना होगा और संगठन बनाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नियोक्ता और कर्मचारियों को आपस में बातचीत करनी चाहिए। नियोक्ता जो लॉकडाउन के दौरान काम कर रहे थे, लेकिन पूरी क्षमता से नहीं, वो बातचीत में भी प्रवेश कर सकते हैं. चल रही बातचीत के लिए कर्मचारियों को बिना किसी पूर्वाग्रह के काम करने की अनुमति दी जा सकती है.
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June 17, 2020, 8:05 p.m. | Tags: lockdown   industrial work   governance   int-DT   govt entitlements   wages   int-PAJ   workplace entitlements  

कापासेड़ा, नई दिल्ली से नंदकिशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते जाने और ट्रेन के शुरू हो जाने से बिहार-यूपी जाने वाले मजदूरों की भीड़ स्टेशन पर बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ़ रेलवे के नए नियमों के तहत ट्रेन खुलने के समय से दो घंटे पहले स्टेशन पहुँचकर सारी जाँच प्रक्रिया से गुजरना होगा, लेकिन लोग डर के मारे चार घंटे से भी पहले पहुँच जा रहे हैं। इस भीड़ की वजह से लोग कोरोना संक्रमण फैलने के डर से भयभीत भी हैं।

दिल्ली, कापासेड़ा से साझा मंच मोबाईल वाणी के सम्वाददाता नंद किशोर बता रहे हैं कि कोरोना-संक्रमण के भय से बढ़ते सेनेटाईजर के बढ़ते इस्तेमाल से लोगों में त्वचा-सम्बन्धी बीमारियाँ फैल रही हैं तथा एन नाईन्टी मास्क के ज़्यादा प्रयोग से चेहरे की त्वचा पर लाल निशान पड़ जा रहा है। इन परेशानियों को देखते हुए हमें सावधानी के साथ इन्हें इस्तेमाल करना चाहिए।

कापासेड़ा, दिल्ली से नंद किशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लॉक डाउन फ़ाईव में दिल्ली और हरियाणा सरकारों ने अपनी सभी सीमाओं को सील कर दिया है, इससे दोनों सरकारों का नुक़सान है, क्योंकि दोनों राज्यों के कामगार और नागरिक एक-दूसरे राज्यों पर रोज़गार और विभिन्न ज़रूरतों के की वजह से आश्रित हैं। इस कारण उद्योग-धंधों का संचालन प्रभावित हो रहा है। इसमें सबसे अधिक नुक़सान श्रमिकों का हो रहा है। सरकार को सूझबूझ के साथ इस समस्या का हल निकालना चाहिए। कोरोना-संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय है खुद का बचाव।

हो रहा नाले की सफाई

बदला मौसम की मिजाज

दिल्ली से नंद किशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि देशभर में चौथे चरण का लॉक डाउन अपने अंतिम चरण में है। लेकिन खुल रही दुकानों में ग्राहकों की बहुत कमी है। इस महामारी को रोकने के लिए हम सभी को जागरूक होते हुए शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा।