तो साथियों , सुना आपने। पंचायतों में समितियों का कितना महत्व व आवश्यकता है। तो आप हमें बताएं कि - क्या आप अपनी पंचायत में होने वाले कार्यो के बारे में जानते है या उसकी योजना बनाते समय आपकी राय ली जाती है? - साथ ही अगर आपके गाँव में तालाब सिचाईं के लिए सुविधा नहीं है तो क्या आपने अपने ग्राम पंचायत से इसकी मांग की ? - और आपके मुखिया में क्या क्या गुण होने चाहिए ? और अगर मुखिया के चुनाव देरी होती है तो आपको कैसी परेशानी होगी ?क्या आप सरकारी बाबुओं के सामने अपनी बात खुल कर रख पाते है ? साथ ऐसा क्या करना चाहिए की पंचायत चुनाव सही समय पर हो ?
साथियों , गॉँवों में शिक्षा की कमी एवं गरीबी के कारण आये दिन कोई-न-कोई विवाद हुआ करते हैं एवं ग्राम वासी जटिल कानूनी प्रक्रिया के चक्कर मं फॅँस जाते हैं एवं बाद में चाहते हुए भी आपस में समझौता न कर पाते है। इसलिए इन मुद्दों को ध्यान में रखकर सर्वप्रथम यह प्रावधान किया गया कि किसी भी मुद्दे या विवाद को सामने आने पर ग्राम कचहरी का दायित्व होगा कि पक्षकारें के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण तैयार कर समझौता कराए ताकि ग्राम वासियों की मेहनत की कमाई का पैसा उनके विकास पर खर्च हो न कि कानून की जटिल प्रक्रियाओं पर। तो आप हमें बताएं कि — आप ग्राम कचहरी के बारे में क्या जानते हैं? — क्या आपके गांव में कचहरी लगती है और आपने उसमें कभी हिस्सा लिया है? — क्या आपने वहां प्रकरणों का निपटारा होते देखा है? अगर हां तो अपना अनुवभ हमारे साथ साझा करें. — अगर आपने ग्राम कचहरी में कोई सवाल पूछा हो और उसका जवाब मिला हो तो उसके बारे में बताएं? — आपके हिसाब से ग्राम कचहरी की जरूरत है या नहीं? क्या इनके होने से ग्रामीणों को फायदा मिलता है? . इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।
साथियों , आसान भाषा में कहें तो मुखिया का पद बहुत ही महत्वपूर्ण और जिम्मेदारियों वाला है। यदि ग्राम पंचायत किसी गाँव के विकास के लिए रीढ़ की हड्डी है, तो सरपंच या गाँव का मुखिया उस रीढ़ की हड्डी को अपने अच्छे कामों से मज़बूती देता है। तो आप हमें बताएं कि -- क्या आपके गाँव का मुखिया अपने पंचायत में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बिना किसी भेदभाव के करवा रहा है ? -- क्या आपके गांव में ग्राम सभा की बैठक होती है ? अगर हां तो अपना अनुभव साझा करें -- क्या आपको कभी ये महसूस होता है कि ग्राम प्रधान को उसके पद से हटाया जाना उचित है ? और इसके लिए क्या आपने अपने गाँव के लोगो के साथ बैठक की ? --- साथ ही इस बैठक में आपको अन्य सदस्यों का किस प्रकार साथ मिला ? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।
ग्रामसभा की बैठक में सदस्यों की सक्रिय भागीदारी ही पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ एवं ग्रामीण विकास को गति प्रदान कर सकती है। इसलिए ग्रामसभा के सभी सदस्यों को बैठक में हिस्सा लेना केवल उनका अधिकार ही नहीं परन्तु उनका परम कर्त्तव्य भी है। तो साथियों आप हमें बताएं कि — आप ग्राम सभा के बारे में कितना और क्या जानते हैं? क्या आपने कभी अपने गांव में ग्राम सभा की बैठक होते देखी है अगर हां तो अपना अनुभव साझा करें इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।
झारखण्ड राज्य के देओघर जिला से जयप्रकाश मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है ग्राम प्रधानों को मुखिया का पद मिल जाने के पाद उनकी कोई भूमिका नहीं होती है। साथ ही कह रहे है मुखिया द्वारा कोई सभा नहीं बैठाया जाता है नाही लोगों को इसके बारे जानकारी दी जाती हैं
झारखंड राज्य के गोड्डा ज़िला से राकेश कुमार मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम मेरा मुखिया कैसा हो कार्यक्रम के तहत कहते हैं, कि इनके पंचायत में कभी भी मुखिया के द्वारा पंचायत भवन नहीं खोला जाता है। और ना ही किसी भी व्यक्ति को कोई जानकारी भी नहीं दी जाती है
साथियों , ग्राम पंचायतों में विकास कार्य की जिम्मेदारी प्रधान और पंचों की होती है। इसके लिए हर पांच साल में ग्राम प्रधान का चुनाव होता है. क्योकि अगर पंचायत स्तर पर काम होगा तो देश आगे बढ़ेगा। दोस्तों, आप हमें बताएं कि क्या आपकी पंचायत में मुखिया या प्रधान द्वारा कौन कौन से कार्य किये जाते है ? या आपके गांव में प्रधान की तरफ से कौन—कौन से काम किए जा रहे हैं? क्या आप जानते हैं कि ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी क्या होती है?साथही आप अपने किन कामों के लिए ग्राम प्रधान पर निर्भर हैं ? औरक्या ग्राम प्रधान की ओर से आपको सूचित किया गया है कि वे गांव के किन कामों के लिए उत्तरदायी हैं?
साथियों , मुखिया या प्रधान का पद बहुत ही महत्वपूर्ण और जिम्मेदारियों वाला है। यदि ग्राम पंचायत किसी गाँव के विकास के लिए रीढ़ की हड्डी है, तो मुखिया या प्रधान उस रीढ़ की हड्डी को अपने अच्छे कामों से मज़बूती देता है। तो दोस्तों, आप हमें बताएं कि क्या आपकी पंचायत में महिलाओ की भागीदारी पंचायत चुनाव में है ? साथ ही आपके हिसाब से पंचायत चुनाव में महिलाओं की भागीदारी क्यों होनी चाहिए? और क्या पंचायत चुनाव में महिलाओ की भागीदारी होने से समाज में कुछ फ़र्क़ पड़ेगा? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।
तो साथियों, अब तक आप जान गए होंगे कि गाँव के विकास के लिए पंचायतों में समितियों के साथ साथ खुद जागरूक रहना भी बहुत ही आवश्यक है । और हम अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभाकर स्थानीय स्वशासन की जड़ें भी मज़बूत कर सकते है । तो आप हमें बताएं कि क्या आपके गाँव में स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना की स्थिति ठीक है साथ ही क्या आपके यहाँ स्वास्थ्य केंद्र सही ढंग से चल रहे है ? क्या आप अपने गांव की समितियों के बारे में जानते है और इन समितियों की बैठक में क्या आप शामिल होते है ? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के जरीडीह से शिव नारायण महतो मोबाइल वाणी पर चलाये जा रहे कार्यक्रम 'मेरा मुखिया कैसा हो' के तहत सुरेश कुमार महतो से बातचीत कर रहे हैं। इस विषय पर सुरेश कुमार ने बताया कि मुखिया पढ़ा-लिखा शिक्षित होना चाहिए जो गरीबों का भला कर सके