नए नए आजाद हुए देश के प्रधानमंत्री नेहरू एक बार दिल्ली की सड़कों पर थे और जनता का हाल जान रहे थे, इसी बीच एक महिला ने आकर उनकी कॉलर पकड़ कर पूछा कि आजादी के बाद तुमको तो प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल गई, जनता को क्या मिला, पहले की ही तरह भूखी और नंगी है। इस पर नेहरु ने जवाब दिया कि अम्मा आप देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकड़ पा रही हैं यह क्या है? नेहरू के इस किस्से को किस रूप में देखना है यह आप पर निर्भर करता है, बस सवाल इतना है कि क्या आज हम ऐसा सोच भी सकते हैं?

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला ब्लॉक बेंगाबाद से लक्ष्मण राणा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि गिरिडीह जिले के भ्रष्ट आईएस अधिकारी द्वारा चौबीस घंटे तक बिगुल बजाने या बिगुल बजाने का आदेश दिया जाता है। यह आवाज झारखंड सरकार के मुख्य सचिव तक भी पहुंचनी चाहिए क्योंकि आम ग्रामीणों की शिकायत है कि जब सोने का समय आता है तो रात भर डी. जे. लाऊड स्पीकर में बजाया जाता है, जो आज आम ग्रामीणों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन गयी है। क्षेत्र में कितने लोगों के मरने के बावजूद, अधिकारी इससे सबक नहीं लिए है।