झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के चंद्रपुरा प्रखंड से नरेश महतो जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बातया कि 2010 में राज्य में 32 वर्षों के बाद पहली बार राज्य में पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचयात चुनाव कराया गया था और इसका उद्देश्य था सत्ता विकेन्द्रीकरण करने का यानि स्थानीय सत्ता स्थानीय लोगों के हांथों में सौपने का, लेकिन वर्तमान में सरकार का यह उद्देश्य भी पूरा होता नहीं दिख रहा है। साथ ही पंचायत चुनाव करने के पीछे यह मकसद भी था कि राज्य और केंद्र सरकार की सभी योजनाएं शहर और गाँव के हर लोगों तक पहुँच सके, परन्तु चुनाव तो हुए लेकिन लोगों को कोई लाभ प्राप्त नहीं हुए जो लोग पंचायत प्रतिनिधि बने वे लोग खुद का विकास अवशय किये परन्तु आम जनताओं का विकास के बारे में कोई नहीं सोचा । जिन मुखियाओं के पास पंचायत चुनाव से पहले कुछ भी नहीं था वे लोग आज आमिर बन गए।जनता की परेशानियों को नहीं देख रहे है।अगर लोगों को पेंसन सबन्धित या बीपीएल कार्ड सबन्धित जानकारियां चाहिए, तो उन पंचायत प्रतिनिधि को डोनेसन देना पड़ता है, तभी जा कर उनका काम हो पाता है। ऐसे हालात में पंचायतों का सर्वांगीण विकास कैसे संभव है ? यह एक विचारणीय प्रश्न है।
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के चंद्रपुरा से नरेश महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज यह देख जा रहा है, कि कुपोषण के कारण विकसित राज्यों की अपेक्षा विकाशील राज्यों में प्रतिदिन कुपोषण एक विकराल रूप लेता जा रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि धन के अभाव में गरीब जनता प्रयाप्त पौष्टिक आहार जैसे- दूध,फल,हरी सब्जी,घी आदि नहीं खरीद पातें हैं। ऐसे गरीब परिवार केवल अनाज से ही अपना पेट भर पाते हैं। यह देखा जाता है कि गांव में रहने वाले परिवारों के पास संतुलित आहार की जानकारी नहीं होती है। जिस कारण गांव के बच्चे कुपोषण के चपेट में आ जाते हैं। हमारे राज्य की वर्तमान स्थिति यह है कि हर तीन गर्भवती महिलाओं में से एक महिला कुपोषण का शिकार हो जाती है। इसका कारण खून की कमी बताया जाता है जिससे महिला रक्तलप्पा जैसी बिमारियों से ग्रसित हो जाती है। सरकार द्वारा पुरे राज्य भर में पंचायत स्तर पर कुपोषण से बचाव को लेकर सहिया के मदद से गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने हेतु अभियान चलाया जा रहा है। परन्तु ये सभी भरष्टाचार के गाल में समाते जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों में आयोजित भोजन पखवाड़ा का दिलासा देते हुए समाज कल्याण विभाग तीन वर्ष के लगभग तीन लाख बच्चों में से 1.8 कुपोषण रेडजोन तथा 22.8 बच्चे यलोजोन में पाए गए हैं।
Transcript Unavailable.
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के चंद्रपुरा से नरेश महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रत्येक मनुष्य के लिए शिक्षा का होना आवश्यक है। जिस तरह घर की नींव मज़बूत होने पर वह लम्बे समय तक टिका रहता है , उसी तरह मनुष्य में शिक्षा की उपयोगिता है। शिक्षा से ही हमें अच्छे और बुरे की पहचान होती है। शिक्षा से विवेक आता है और विवेक से संस्कार की उत्पत्ति होती है। एक आदर्श समाज के निर्माण में शिक्षा को कभी भी नाकारा नहीं जा सकता है। यह कथन प्रचलित है कि विद्या विहीन व्यक्ति , पशु के सामान होता है। परन्तु झारखंड राज्य में शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय है। जब तक बच्चों की शिक्षा में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर सुधार नहीं किया जायेगा , तब तक उच्च स्तर की शिक्षा का विकास नहीं होगा। चंद्रपुरा प्रखंड में प्राथनिक विद्यालयों में शिक्षक आते तो है , परन्तु केवल और केवल सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाने के लिए। क्योंकि सरकार ने नो वर्क , नो पे का नियम लागू कर रखा है। इसीलिए सरकार को इन सब पर ध्यान देने की आवश्यकता है
झारखंड राज्य के बोकारो जिला के चंद्रपुरा से नरेश महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कोयला खदानों से खनन कार्य के दौरान पिने का पानी दूषित हो रहा है। प्रदुषण का आलम यह है कि जिस दामोदर नदी पर जिला की लगभग 10 लाख आबादी पानी के लिए निर्भर करती है , उसका पानी पिने योग्य नहीं है। नदी के तटीय क्षेत्रों के 15 से अधिक कोल-वाशरियों के होने के कारण नदी का पानी दूषित हो चूका है। इसके अलावा कई उद्योगों का कचरा भी इसी नदी में जाता है। जिस कारण नदी में ऑक्सीजन की मात्रा लगातार कम होते जा रही है। आज की परिस्थिति यह है कि कोई भी यह बताने वाला नहीं है कि इस स्थिति में सुधार कैसे होगा
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.