Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखण्ड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी मे प्रसारित खबर के अस्र के बारे मे बताते हैं, कि विष्णुगढ़ प्रखण्ड के चान्हो ग्राम पंचायत अंतर्गत छप्पटाढ़ मे विधुत ट्रांसफार्मर जले एक सप्ताह से अधिक हो गया था बिजली नही रहने के कारण लोगों को रात मे काफ़ी परेशानी होती थी. साथ ही मोबाइल चार्ज करने के लिए लोगों को पड़ोसी गाँव जाना पड़ता था खराब ट्रांसफार्मर के कारण बच्चो को पढ़ाई लिखाई सहित अन्य कार्य करने मे भी काफ़ी परेशानी होती थी .इस खबर को 27 जुलाई 2018 को मोबाइल वाणी मे रिकॉर्ड कर प्रसारित किया गया साथ ही इस खबर को विधुत विभाग के वरिय पदाधिकारी,मुख्य मंत्री के सचिव सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को फ़ॉरवर्ड कर सुनाया गया इसके चार दिन के बाद ही ट्रांसफार्मर विभाग के द्वारा दे दिया गया इससे लोगों एवम छात्रों मे काफ़ी खुशी देखने को मिली है .
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के चंद्रपुरा प्रखंड से नरेश महतो जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बारिश का मौसम अपने में ही कुछ खास हैं।इस मौसम में हर तरफ़ हरयाली देखने को मिलती हैं। लोग गर्मी से राहत पाने के लिए बेसब्री से बरसात का इंतज़ार करते हैं। परन्तु जब ये आती हैं तो कई बार अपने साथ मौत की पैग़ाम भी लेकर आती है। इस मौसम में व्रजपात की घटनाएं अधिक होती हैं। इससे मरने वालो की संख्या भी बहुत है।सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य भर में व्रजपात से एक न एक मौत जरूर होती हैं।हालांकि इससे बचाव के लिए सरकार घनी आबादी वाले जगहों पर स्थित ऊँची-ऊँची भवनों पर तड़ित चालक यंत्र लगा कर रखी थी लेकिन सही देखरेख न होने के कारण अब ये यंत्र ग़ायब कर लिए गए हैं।बज्रपात से बचाव के उपाए साझा करते हुए कहते हैं कि ग्रामीण इलाको में व्रजपात की चपेट में आये व्यक्ति को गोबर की ढेर में गर्दन से नीचे हिस्से को ढ़ाका जाता है।अपनी राय साँझा करते हुए नरेश जी ने कहा कि बरसात में गर्जन के दौरान अगर घर से बाहर हो,तो पेड़ों के नीचे आश्रय लेने के बजाय जमीन में दोनों एड़ी को सटा कर बैठ जाए और दोनों अँगूठो से कान को बंद कर ले। व्रजपात से बचाव में यह कारगार साबित होती हैं।
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
झारखंड राज्य के बोकारो जिले के चन्द्रपुरा प्रखंड से नरेश महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सरकार शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने का प्रयास कर रही है तथा अनेकों योजनाएँ लागू कर रही है। शिक्षा निति आयोग के आधार पर शून्य से चौदह वर्ष के उम्र के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की गई। सरकार द्वारा गांव-गांव में जा कर विद्यालय भवन बनवाया गया जिससे बच्चे आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। 18 मार्च 2017 को देश में छः से चौदह वर्ष के हर बच्चे को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को बनाया गया और पूरे देश में अप्रैल 2010 में लागू किया गया। नियम के अनुसार प्रत्येक बच्चे को उसके निवास स्थान क्षेत्र के एक किलोमीटर के भीतर प्राथमिक स्कूल और तीन किलोमीटर की दूरी पर माध्यमिक स्कूल होना सुनिश्चित किया गया। निर्धारित दूरी पर स्कूल नहीं होने के कारण छात्रों को आने-जाने के लिए छात्रवास तथा वाहन की व्यवस्था भी की गई।
झारखंड राज्य के बोकारो जिला के चन्द्रपुरा प्रखंड से नरेश महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि अक्टूबर 2016 में हुए नोटबंदी के पश्चात आज तक आम जनता को नक़दी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। वैसे हमारे देश के नेता एवं मंत्री के घरों में पैसे की कमी नहीं होती है। वे पैसे केवल वोट एवं चुनाव में खर्च करते है। लेकिन अन्य लेनदेन हेतु नाम मात्र के लिए बैंक में खाता खुलवाते हैं। वहीँ आम जनता को पैसे घर में रखने से यह भय बना रहता है, कि कहीं घर में चोरी,डकैती,लुटमार ना हो जाए। जिसके कारण जनता अपनी मेहनत की कमाई को बैंक में रखना सुरक्षित समझते हैं। लेकिन आज यह देखा जा रहा है कि चन्द्रपुरा प्रखंड क्षेत्र में करीब सात से आठ एटीएम है। परन्तु कई दिनों से एटीएम में पैसे की किल्लत हो रही है। यदि कभी किसी एक एटीएम में पैसा निकल रहा हो तो लोगों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है। ऐसी स्थिति में रोज़मर्रा की कमाई करने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है।जहाँ एक ओर लोगों को छोटे नोटों की जरुरत होती है वहाँ मजबूरन उन्हें दो हज़ार के नोट निकालने पड़ते हैं। अतः सरकार सभी एटीएमों में सभी नोटों का परिचालन करें। ताकि आम जनता को पैसों के लिए कोई परेशानी ना हो
झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के चन्द्रपुरा प्रखंड से नरेश कुमार महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखंड राज्य खनिज संपदाओं के साथ-साथ जंगल झाड़ एवं नदी नालों से सुशोभित है। झारखंड प्रदेश का बहुत बड़ा भू-भाग जंगलों से घिरा हुआ है। इसलिए राज्य के महा पुरुषों ने इसका नाम झारखंड रखा है। झारखंड राज्य में अनुकूल मौसम एवं वातावरण होने के कारण यहाँ सालों भर अच्छी खेती भी होती है, जिसमें से एक है लाह की खेती । कुछ दशक पहले लाह की खेती कुछ ही जिलों में हुआ करता था, परन्तु आज सरकार लाह की खेती पर विशेष ध्यान आकर्षित कर रही है। ताकि लोग जंगलों से जड़ी बूटियों के साथ-साथ पेड़ पौधों से भी लाह की खेती कर जीवकोपार्जन कर सकें । लाह की खेती में जमीन एवं पानी की आवश्यकता नहीं होती है।इतना ही नहीं लाह की खेती को बेहतर तरीक़े से धरातल पर उतारने के लिए लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। परन्तु बोकारो ज़िला में इसका घोर अभाव है। यदि बोकारो जिले में भी लाह की खेती के बारे में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाए, तो किसान इसकी खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं।
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से नेरेस महतो जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सभ्य समाज का निर्माण करने में शिक्षा का होना बहुत जरुरी है।सरकार के द्वारा शिक्षा के प्रति चलाए जाने वाले साक्षरता योजना से या विद्यालय द्वारा सम्पूर्ण साक्षर नहीं बना सकतें है। इन सभी में अभिभावकों के भी अहम योगदान होना अतिआवश्यक है।व्यक्ति सुनहरे जीवन के पथ पर तभी अग्रसर हो सकता है, जब उसके पास शिक्षा रूपी अमोघ अस्त्र होगा। इसके द्वारा ही व्यक्ति समाज को सही राह दिखा सकता है और सभ्य समाज के निर्माण में अपने को परिलक्षित कर सकता है। अभिभावकों को इसकी महत्ता को समझ अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। यह शिक्षक कुम्हार की तरह होते हैं। शिक्षक अपने छात्रों को अपने ज्ञान रूपी चाक से उनके व्यक्तित्व का निर्माण करता है। विद्यालय व्यक्तित्व निर्माण में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं, कारण यह है कि यहां मिलने वाली शिक्षा से व्यक्ति अपनी आगे की मंजिल निर्धारित करता है।