झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के चन्द्रपुरा प्रखंड से नरेश कुमार महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखंड राज्य खनिज संपदाओं के साथ-साथ जंगल झाड़ एवं नदी नालों से सुशोभित है। झारखंड प्रदेश का बहुत बड़ा भू-भाग जंगलों से घिरा हुआ है। इसलिए राज्य के महा पुरुषों ने इसका नाम झारखंड रखा है। झारखंड राज्य में अनुकूल मौसम एवं वातावरण होने के कारण यहाँ सालों भर अच्छी खेती भी होती है, जिसमें से एक है लाह की खेती । कुछ दशक पहले लाह की खेती कुछ ही जिलों में हुआ करता था, परन्तु आज सरकार लाह की खेती पर विशेष ध्यान आकर्षित कर रही है। ताकि लोग जंगलों से जड़ी बूटियों के साथ-साथ पेड़ पौधों से भी लाह की खेती कर जीवकोपार्जन कर सकें । लाह की खेती में जमीन एवं पानी की आवश्यकता नहीं होती है।इतना ही नहीं लाह की खेती को बेहतर तरीक़े से धरातल पर उतारने के लिए लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। परन्तु बोकारो ज़िला में इसका घोर अभाव है। यदि बोकारो जिले में भी लाह की खेती के बारे में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाए, तो किसान इसकी खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं।