झारखंड राज्य के बोकारो जिला के चंद्रपुरा से नरेश महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कोयला खदानों से खनन कार्य के दौरान पिने का पानी दूषित हो रहा है। प्रदुषण का आलम यह है कि जिस दामोदर नदी पर जिला की लगभग 10 लाख आबादी पानी के लिए निर्भर करती है , उसका पानी पिने योग्य नहीं है। नदी के तटीय क्षेत्रों के 15 से अधिक कोल-वाशरियों के होने के कारण नदी का पानी दूषित हो चूका है। इसके अलावा कई उद्योगों का कचरा भी इसी नदी में जाता है। जिस कारण नदी में ऑक्सीजन की मात्रा लगातार कम होते जा रही है। आज की परिस्थिति यह है कि कोई भी यह बताने वाला नहीं है कि इस स्थिति में सुधार कैसे होगा