झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के चंद्रपुरा से नरेश महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज यह देख जा रहा है, कि कुपोषण के कारण विकसित राज्यों की अपेक्षा विकाशील राज्यों में प्रतिदिन कुपोषण एक विकराल रूप लेता जा रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि धन के अभाव में गरीब जनता प्रयाप्त पौष्टिक आहार जैसे- दूध,फल,हरी सब्जी,घी आदि नहीं खरीद पातें हैं। ऐसे गरीब परिवार केवल अनाज से ही अपना पेट भर पाते हैं। यह देखा जाता है कि गांव में रहने वाले परिवारों के पास संतुलित आहार की जानकारी नहीं होती है। जिस कारण गांव के बच्चे कुपोषण के चपेट में आ जाते हैं। हमारे राज्य की वर्तमान स्थिति यह है कि हर तीन गर्भवती महिलाओं में से एक महिला कुपोषण का शिकार हो जाती है। इसका कारण खून की कमी बताया जाता है जिससे महिला रक्तलप्पा जैसी बिमारियों से ग्रसित हो जाती है। सरकार द्वारा पुरे राज्य भर में पंचायत स्तर पर कुपोषण से बचाव को लेकर सहिया के मदद से गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने हेतु अभियान चलाया जा रहा है। परन्तु ये सभी भरष्टाचार के गाल में समाते जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों में आयोजित भोजन पखवाड़ा का दिलासा देते हुए समाज कल्याण विभाग तीन वर्ष के लगभग तीन लाख बच्चों में से 1.8 कुपोषण रेडजोन तथा 22.8 बच्चे यलोजोन में पाए गए हैं।