बोले पूर्व कृषि मंत्री राधामोहन सिंह अगले दो वर्षों में पांच करोड़ लखपति दीदी होंगी -पूर्व केंद्रीय मंत्री ने किया नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम का किया उद्घाटन आज देश मे एक करोड़ लखपति दीदी हैं। और अगले दो वर्षों में इनकी संख्या बढ़ कर पांच करोड़ हो जाएगी। उक्त बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने पीपराकोठी बलथरवा में नमों ड्रोन दीदी के कार्यक्रम के दौरान कही। दिल्ली से पीएम मोदी वर्चुअली इस कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम बिहार के 27, झारखंड के 14, यूपी के 45 और उड़ीसा के 15 ड्रोन दीदियों ने भाग लिया। पूर्व मंत्री ने कहा कि हमारे देश में नारी स्वरूपा दुर्गा, लक्ष्मी व सरस्वती हुई हैं। यहां की धरा नारी पूज्यनीय रहा है। हमारे देश के बहनों के पास इच्छाशक्ति, हुनर, ताकत व अद्भुत दिमाग है। जिसका प्रमाण है कि ड्रोन योजना में जीविका दीदी ने प्रशिक्षण प्राप्त कर आज अपने हुनर को दिखा रही हैं। अब किसान ड्रोन से खेतों में कम समय में उर्वरक और किटनाशक दवाओं का छिडकाव कर बचत करेंगे।

चांदमारी चौक पर आरओबी 79.59 करोड़ की लागत से तीन वर्ष में तैयार हो जायेगा। आरओबी निर्माण के लिये सर्विस रोड का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। दयाल हाइटेक प्राइवेट लिमिटेड को आरओबी बनाने का काम सौंपा गया है। संवेदक के कर्मचारी स्टीमेंट के अनुसार सड़कों पर मार्किंग व सर्विस रोड के लिये अतिक्रमण को हटाने के साथ निर्माण कार्य शुरु कर दिया है। सड़क किनारे कुछ लोग अवैध कब्जा को नहीं हटाया है। वैसे लोगों को समय दिया गया है कि वे कब्जा हटा लें नहीं तो जिला प्रशासन उसे सख्ती से खाली करायेगी। पुल निर्माण निगम के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में जो भी विकास कार्य हो रहा है उससे फायदा वहां रहने वाले लोगों को होगा। इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है।पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर विकास कुमान ने बताया कि चांदमारी आरओबी निर्माण में पहले सर्विस रोड का निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया है। 79.95 करोड़ की लागत से आरओबी का निर्माण होगा।

ढाका अनुमंडलीय अस्पताल के नवनिर्मित भवन में सोमवार से पूरी तरह से कार्य होना शुरू हो जायेगा। अस्पताल में पूर्ण कार्य शुरू होने को लेकर पूजा पाठ भी हो गया है। हालांकि कुछ दिन पूर्व से ही ओपीडी, लैब, टीकाकरण, एनसीडी जांच का कार्य शुरू हो चुका है। ओपीडी का संचालन शुरू होने से मरीजों का इलाज अब नये भवन में ही हो रहा है। पिछले 26 दिसम्बर को नये अस्पताल भवन का वर्चुअल उद्घाटन उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव द्वारा पटना से ही किया गया था। उद्घाटन के बाद खरमास के कारण अभी पूरी तरह से कार्य का संचालन नहीं हो पा रहा था। अभी लेबर रूम, ओटी, इमरजेंसी का संचालन पूराने भवन में ही हो रहा है।

पंचायत उप चुनाव की प्रक्रिया जारी,28 दिसंबर को होगा चुनाव सुगौली, पू. च: प्रखंड में पंचायत उप चुनाव 2023 की प्रक्रिया जारी है। पंचायत उप चुनाव की जानकारी देते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी सह निर्वाचित पदाधिकारी तेज प्रताप त्यागी ने बताया कि प्रखंड के उत्तरी छपरा बहास पंचायत के वार्ड 11 में वार्ड सदस्य का एक पद और करमवआ-रघुनाथपुर पंचायत के वार्ड 5 में वार्ड पंच का एक पद रिक्त हैं। जिसके लिए चुनावी प्रक्रिया जारी है। 9 दिसंबर से 15 दिसंबर तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। नामांकन के अंतिम दिन करमवा रघुनाथपुर पंचायत के वार्ड 5 के पंच पद लिए एक मात्र नामांकन पत्र भरा गया।वहीं उत्तरी छपरा बहास पंचायत के वार्ड 11 के वार्ड सदस्य पद के लिए एक नामांकन पत्र भरा गया।16 से 18 दिसंबर तक भरे गए नामांकन पत्रों की जांच की जाएंगी। 20 दिसंबर को नाम वापसी की तिथि है और 28 को मतदान कराया जाएगा। प्रखंड परिसर स्थित ई किसान भवन को वज्र गृह बनाया गया है जहां 30 दिसंबर को मतों की गिनती कराई जाएगी। पंचायत उप चुनाव के लिए प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी प्रिरंजन को उप निर्वाचि पदाधिकारी बनाया गया है।

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पंचायती राज विभाग ने सूबे के सभी 38 जिला परिषदों को धारित भूमि के आंकड़ों की समीक्षा कर इसकी सूची तैयार करने और अपनी तमाम भूमि की अद्यतन लगान रसीद कटाने का सख्त निर्देश दिया है। यह भी कहा कि भूमि एवं राजस्भ विभाग से प्राप्त सैरातों की अविलंब बंदोबस्ती करा लें। ऐसा नहीं करने पर उक्त सैरात को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग वापस ले सकता है। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने यह आदेश सभी उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को दिया गया है। सुरक्षित जमा निर्धारण के संबंध में विभागीय आदेश के आलोक में नियमानुसार शीघ्र कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही जिला परिषदों में विभिन्न पदों पर रिक्ति को लेकर पंचायती राज विभाग ने सभी जिप को अपने 12 दिसम्बर 2022 के निर्देशों की याद दिलाते हुए रिक्त पदों पर संविदा के आधार पर नियोजन करने का निर्देश दिया है।

कोरोना से हुई मौत के बाद निकटतम परिजनों को दिया जाने वाला अनुग्रह अनुदान अब जिलास्तर पर ही दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने अपने पूर्व में लिए गए निर्णय पर कायम रहते हुए फिर एक बार जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र भेजा है। विभाग ने अबकी बार साफ कर दिया है कि कोरोना से हुई मौत के बाद निकटतम परिजनों को दिए जाने वाले अनुग्रह अनुदान के मामले को राज्य स्वास्थ्य समिति को नहीं भेजा जाए। बिहार में कोरोना अनुग्रह अनुदान का भुगतान सबसे पहले आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से किया गया। बाद में इसकी जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई। इसके तहत जिलास्तरीय समिति आवेदन का चयन राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजा करती थी। इस प्रक्रिया में 18 हजार से अधिक लोगों को अनुदान दिया जा चुका है। इसी बीच विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की ओर से 17 मार्च को सभी जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र भेजा गया। इसमें कहा गया था कि कोविड संक्रमण से हुई मौत के बाद निकटतम आश्रितों को अनुग्रह अनुदान दिया जाना है। विभाग ने साफ कहा कि ऐसे मामलों की स्वीकृति हेतु विभाग में भेजने की आवश्यकता नहीं है। पटना उच्च न्यायालय में ज्योति कुमारी नामक महिला ने कोरोना से हुई मौत के बाद अनुग्रह अनुदान नहीं मिलने का मामला दायर किया। उच्च न्यायालय ने 20 जून को इस मामले की सुनवाई करते हुए अनुग्रह अनुदान की राशि भुगतान करने को कहा। इस पर भोजपुर जिला प्रशासन ने विभाग से मार्गदर्शन मांगा। इस पर विभागीय सचिव संजय कुमार सिंह ने भोजपुर डीएम को निर्देश दिया कि उक्त महिला को अनुग्रह अनुदान जिलास्तर पर ही भुगतान किया जाए। कोरोना से हुई मौत पर राज्य सरकार की ओर से चार-चार लाख का अनुग्रह अनुदान देने वाला बिहार देश का इकलौता राज्य है। राज्य में कोरोना से 19 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

हर जिले के बार्डर पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। वारदात के बाद फरार होने वाले अपराधियों पर इससे नजर रखी जाएगी। डीजीपी के आदेश पर आईजी ने रेंज के सभी एसपी को शीघ्र ही जिले के बॉर्डर के इंट्री प्वाइंट पर सीसीटीवी लगावाकर मुख्यालय को सूचना देने का निर्देश दिया है। जिलों के बॉर्डर पर नाइट विजन व हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरों से 24 घंटे निगरानी होगी। रेंज आईजी पंकज कुमार सिन्हा ने इस संबंध में एसएसपी राकेश कुमार, वैशाली, सीतामढ़ी व शिवहर एसपी को पत्र भेजा है। हाल में कई कुख्यात व शराब तस्कर नेपाल में शरण ले रखे हैं। वे समय-समय पर नेपाल से आकर वारदात को अंजाम देकर निकल जा रहे हैं। पटियासा में गल्ला व्यवसायी नीतेश राज उर्फ राजाबाबू की लूट के दौरान हत्या को अंजाम देने वाला राशिद उर्फ डेविड भी अपने गिरोह के साथ नेपाल में छिपा था। नेपाल से आकर उसने उत्तर बिहार में लूट की पांच घटनाओं को अंजाम दिया। उसके नेपाल जाने के दौरान सिवाइपट्टी में पुलिस से मुठभेड़ हो गई थी, जिसमें डेविड, संतोष सहनी और कौशल दास पुलिस की गोली से जख्मी हुए थे। इलाज के दौरान संतोष सहनी की मौत हो गई। आईजी ने बताया कि नेपाल जाने वाले जिला बॉर्डर के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी लगने के बाद ऐसे शातिरों की गतिविधियों की जानकारी फुटेज से पुलिस को हो सकेगी।

बिहार में जल्द जमीन से संबंधित सभी सेवाएं और जानकारी एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होंगे। इसपर जमीन से जुड़े सभी नियम-कायदों के अलावा दाखिल-खारिज, परिमार्जन समेत तमाम सेवाएं ऑनलाइन मिल सकेंगी। इसमें जमीन के नक्शा का प्रिंट-आउट जैसी नई सेवाएं भी जोड़ी जा रही हैं। इस एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली से संबंधित सॉफ्टवेयर को विकसित करने की जिम्मेदारी आईआईटी रुड़की को सौंपी गई है। यह प्रणाली दो से तीन माह में तैयार हो जाएगी। एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली को विकसित करने एवं इसके क्रियान्वयन के लिए आईआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता डॉ. कमल जैन के साथ भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने एक करार किया है। इसके एवज में इस संस्थान को करीब 16.50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इस प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन और मॉनीटरिंग के लिए एक बिहार भू-अभिलेख प्रबंधन सोसाइटी का गठन किया जा रहा है। लेनदेन भी पूरी तरह सुरक्षित इस एकीकृत पोर्टल पर जमीन संबंधित सभी ऑनलाइन सेवाओं को एकीकृत एवं सहज बनाया जा रहा है। सुविधाएं प्राप्त करने के लिए शुल्क के तौर पर जमा की जाने वाली राशि का लेनदेन भी पूरी तरह से सुरक्षित होगा। बैंकिग सेवाओं की तर्ज पर ही इसमें आधार से जुड़ा सुरक्षित लेनदेन की सुविधा होगी।

राज्य के 22 लाख निबंधित कामगारों के आधार का सत्यापन होगा। ये सभी कामगार बिहार भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से निबंधित हैं। डुप्लीकेसी (नकल) रोकने के लिए श्रम संसाधन विभाग ने यह निर्णय लिया है। आधार सत्यापन के तहत सभी कामगारों का बायोमीट्रिक सत्यापन होगा। बिहार में बिहार भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत भवन निर्माण से संबंधित कामगारों का निबंधन किया जाता है। इसके तहत राजमिस्त्रत्त्ी, हेल्पर, रौलर चालक, ईंट निर्माण व पत्थर तोड़ने के कार्य में लगे मजदूर, सड़क, पुल एवं बांध निर्माण कार्य में लगे मजदूर, गेट ग्रिल व वेल्डिंग कार्य करने वाले, कंक्रीट मिश्रण करने वाले सहित कुल 20 प्रकार के कामगारों का निबंधन किया जाता है। वैसे निर्माण कामगार जिनकी उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच हो, अपना निबंधन करा सकते हैं। निबंधन शुल्क 20 रुपए है। निबंधन के समय ही मासिक अंशदान 50 पैसे प्रतिमाह के हिसाब से एकमुश्त पांच वर्ष के लिए 30 रुपए यानी कुल 50 रुपए लिए जाते हैं। पांच साल बाद कामगारों को नए सिरे से अपना निबंधन नवीकरण कराना पड़ता है। अंशदान समाप्त होने पर कामगारों को बोर्ड का सदस्य नहीं माना जाता और उन्हें सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता है। अभी कामगारों के निबंधन के समय आधार कार्ड, बैंक खाता, उम्र का प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र या स्कूल या जन्म प्रमाण पत्र, नियोजक द्वारा 90 दिन काम करने का नियोजन प्रमाण पत्र व दो रंगीन फोटोग्राफ लिया जाता है। नियोजक द्वारा कार्य का प्रमाण पत्र नहीं देने की स्थिति में 90 दिनों का कार्य करने के संबंध में स्व-घोषणा पत्र जमा करना होता है। विभाग के अधिकारी निर्माण स्थलों पर जाकर भी कामगारों का निबंधन करते हैं। लेकिन इन प्रक्रियाओं के बावजूद निबंधन में गड़बड़ी की गुंजाइश बनी रहती है। निबंधन के लिए कामगार किसी और का आधार कार्ड या अन्य कागजात जमा करा सकते हैं। ऐसे में इस योजना के योग्य लाभार्थियों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा और कोई अपात्र कामगार योजना का लाभ उठा सकते हैं। हर योग्य और पात्र लाभुकों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए बायोमीट्रिक सत्यापन होगा। हर लाभार्थी के चेहरे और अंगूठे का मिलान होगा कि वह आधार से मिल रहा है या नहीं। ऐसा नहीं होने पर संबंधित कामगारों का निबंधन रद्द कर दिया जाएगा।