कोरोना से हुई मौत के बाद निकटतम परिजनों को दिया जाने वाला अनुग्रह अनुदान अब जिलास्तर पर ही दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने अपने पूर्व में लिए गए निर्णय पर कायम रहते हुए फिर एक बार जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र भेजा है। विभाग ने अबकी बार साफ कर दिया है कि कोरोना से हुई मौत के बाद निकटतम परिजनों को दिए जाने वाले अनुग्रह अनुदान के मामले को राज्य स्वास्थ्य समिति को नहीं भेजा जाए। बिहार में कोरोना अनुग्रह अनुदान का भुगतान सबसे पहले आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से किया गया। बाद में इसकी जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई। इसके तहत जिलास्तरीय समिति आवेदन का चयन राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजा करती थी। इस प्रक्रिया में 18 हजार से अधिक लोगों को अनुदान दिया जा चुका है। इसी बीच विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की ओर से 17 मार्च को सभी जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र भेजा गया। इसमें कहा गया था कि कोविड संक्रमण से हुई मौत के बाद निकटतम आश्रितों को अनुग्रह अनुदान दिया जाना है। विभाग ने साफ कहा कि ऐसे मामलों की स्वीकृति हेतु विभाग में भेजने की आवश्यकता नहीं है। पटना उच्च न्यायालय में ज्योति कुमारी नामक महिला ने कोरोना से हुई मौत के बाद अनुग्रह अनुदान नहीं मिलने का मामला दायर किया। उच्च न्यायालय ने 20 जून को इस मामले की सुनवाई करते हुए अनुग्रह अनुदान की राशि भुगतान करने को कहा। इस पर भोजपुर जिला प्रशासन ने विभाग से मार्गदर्शन मांगा। इस पर विभागीय सचिव संजय कुमार सिंह ने भोजपुर डीएम को निर्देश दिया कि उक्त महिला को अनुग्रह अनुदान जिलास्तर पर ही भुगतान किया जाए। कोरोना से हुई मौत पर राज्य सरकार की ओर से चार-चार लाख का अनुग्रह अनुदान देने वाला बिहार देश का इकलौता राज्य है। राज्य में कोरोना से 19 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।