हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

सुगौली में पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च निकाला।इसके साथ ही मुख्य चौक चौराहे और ईदगाहों, मस्जिदों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जिला पूर्वी चम्पारण से राजेश , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि अनुमंडल मुख्यालय रक्सौल का प्रखंड सह अंचल कार्यालय इन दिनों जर्जर भवन में चल रहा है। करीब साढ़े छह दशक पूर्व में निर्मित इस भवन के छत से बरसात के मौसम में पानी टपकने के कारण उसमें रखे जरूरी अभिलेख सड़ गल जाते है। वहीं जर्जर इस भवन के छत का छज्जा टूटकर गिरने से अक्सर हादसे का खतरा बना रहता है। साथ ही भवन की सतह नीचे होने के कारण हल्की बारिश में ही जलजमाव हो जाता है। जिससे अधिकारियों व कर्मियों को अपने कार्यों के निष्पादन में काफी परेशानी होती है। लेकिन नये भवन निर्माण की दिशा में अबतक कोई अग्रतर कार्यवाही आरंभ नहीं हो सकी है। जबकि इस कार्यालय के नये भवन निर्माण की विभागीय स्वीकृति मिल गई है। फिलहाल लोगों की सुरक्षा की अनदेखी जारी है।

पीपराकोठी में होली व चुनाव को देखते हुए पुलिस व प्रशासन ने थाना क्षेत्र के हथियाही में जागरूकता अभियान चलाया। सर्किल इंस्पेक्टर के नेतृत्व में सीओ सुनील कुमार, थानाध्यक्ष खालिद अख्तर व जवानों ने सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान आम लोगों से मिल होली व चुनाव में असामाजिक तत्वों की सूचना देने, शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण माहौल में रंगों के त्योहार का आनंद व लेने को जागरूक किया। बताया कि माहौल बिगाड़ने वालों पर पुलिस प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। थानाध्यक्ष खालिद अख्तर ने बताया कि हथियाही, ढेकहा व चक्रधेय में जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें आम लोगों व प्रतिनिधियों की भी अनुकूल भागीदारी रही। पदाधिकारियों द्वारा चुनाव को लेकर आम लोगों को जागरूक किया गया। सभी से इस राष्ट्रीय महापर्व में भाग लेने का अनुरोध किया गया। इस दौरान संदिग्ध स्थानों पर जवानों द्वारा शराब की तलाशी भी की गई।

सुगौली,पू च:--प्रखंड के नन्हकार में राजन कुशवाहा के घर को दबंग अपराधी तत्वों द्वारा आग लगा कर जला देने का आवेदन स्थानीय थाना में आया है।इसको लेकर आवेदक राजन कुशवाहा ने अपने आवेदन में बताया है कि वह और उसकी मां के साथ मारपीट भी की गई थी।जिसका आवेदन देकर उन्होंने थानाध्यक्ष से एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई।जिसके चलते उनलोगो का मनोबल बढ़ते गया और आज दिनदहाड़े अपराधियों ने हमला कर उनके घर को आग लगा कर जला दिया है।इस घटना को लेकर भाकपा माले इस घटना की कड़ी निन्दा करते हुए दबंग अपराधिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग है।साथ ही उन्होंने सुगौली पुलिस की क्रियाविधि की जांच कर कार्रवाई की भी मांग की है।

दोस्तों, यह साल 2024 है। देश और विश्व आगे बढ़ रहा है। चुनावी साल है। नेता बदले जा रहे है , विधायक बदले जा रहे है यहाँ तक की सरकारी अधिकारी एसपी और डीएम भी बदले जा रहे है। बहुत कुछ बदल गया है सबकी जिंदगियों में, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा आज भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। देश की सरकार तो एक तरफ महिला सशक्तिकरण का दावा करती आ रही है, लेकिन हमारे घर में और हमारे आसपास में रहने वाली महिलाएँ आखिर कितनी सुरक्षित हैं? आप हमें बताइए कि *---- समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *---- महिलाओं को सही आज़ादी किस मायनों में मिलेगी ? *---- और घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?

आज की कड़ी में हम सुनेंगे सोशल मीडिया से फ़ोटो चोरी होने से सम्बंधित जोखिमों के बारे में जानकारी।

घरेलू हिंसा सभ्य समाज का एक कड़वा सच है।आज भले ही महिला आयोग की वेबसाइट पर आंकड़े कुछ भी हो जबकि वास्तविकता में महिलाओं पर होने वाली घरेलु हिंसा की संख्या कई गुना अधिक है। अगर कुछ महिलाएँ आवाज़़ उठाती भी हैं तो कई बार पुलिस ऐसे मामलों को पंजीकृत करने में टालमटोल करती है क्योंकि पुलिस को भी लगता है कि पति द्वारा कभी गुस्से में पत्नी की पिटाई कर देना या पिता और भाई द्वारा घर की महिलाओं को नियंत्रित करना एक सामान्य सी बात है। और घर टूटने की वजह से और समाज के डर से बहुत सारी महिलाएं घरेलु हिंसा की शिकायत दर्ज नहीं करतीं। उन्हें ऐसा करने के लिए जो सपोर्ट सिस्टम चाहिए वह हमारी सरकार और हमारी न्याय व्यवस्था अभी तक बना नहीं पाई है।बाकि वो बात अलग है कि हम महिलाओं को पूजते ही आए है और उन्हें महान बनाने का पाठ दूसरों को सुनाते आ रहे है। आप हमें बताएं कि *-----महिलाओं के साथ वाली घरेलू हिंसा का मूल कारण क्या है ? *-----घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें अपने स्तर पर क्या करना चाहिए? *-----और आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा होती देखी तो क्या किया?

आज की कड़ी में हम सुनेंगे सोशल मीडिया से संबंधित जोखिमों के बारे में ऑनलाइन पैसों का लेन देन और अपनी वीडियो डालना कितना सुरक्षित है।