राज्य के 22 लाख निबंधित कामगारों के आधार का सत्यापन होगा। ये सभी कामगार बिहार भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से निबंधित हैं। डुप्लीकेसी (नकल) रोकने के लिए श्रम संसाधन विभाग ने यह निर्णय लिया है। आधार सत्यापन के तहत सभी कामगारों का बायोमीट्रिक सत्यापन होगा। बिहार में बिहार भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत भवन निर्माण से संबंधित कामगारों का निबंधन किया जाता है। इसके तहत राजमिस्त्रत्त्ी, हेल्पर, रौलर चालक, ईंट निर्माण व पत्थर तोड़ने के कार्य में लगे मजदूर, सड़क, पुल एवं बांध निर्माण कार्य में लगे मजदूर, गेट ग्रिल व वेल्डिंग कार्य करने वाले, कंक्रीट मिश्रण करने वाले सहित कुल 20 प्रकार के कामगारों का निबंधन किया जाता है। वैसे निर्माण कामगार जिनकी उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच हो, अपना निबंधन करा सकते हैं। निबंधन शुल्क 20 रुपए है। निबंधन के समय ही मासिक अंशदान 50 पैसे प्रतिमाह के हिसाब से एकमुश्त पांच वर्ष के लिए 30 रुपए यानी कुल 50 रुपए लिए जाते हैं। पांच साल बाद कामगारों को नए सिरे से अपना निबंधन नवीकरण कराना पड़ता है। अंशदान समाप्त होने पर कामगारों को बोर्ड का सदस्य नहीं माना जाता और उन्हें सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता है। अभी कामगारों के निबंधन के समय आधार कार्ड, बैंक खाता, उम्र का प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र या स्कूल या जन्म प्रमाण पत्र, नियोजक द्वारा 90 दिन काम करने का नियोजन प्रमाण पत्र व दो रंगीन फोटोग्राफ लिया जाता है। नियोजक द्वारा कार्य का प्रमाण पत्र नहीं देने की स्थिति में 90 दिनों का कार्य करने के संबंध में स्व-घोषणा पत्र जमा करना होता है। विभाग के अधिकारी निर्माण स्थलों पर जाकर भी कामगारों का निबंधन करते हैं। लेकिन इन प्रक्रियाओं के बावजूद निबंधन में गड़बड़ी की गुंजाइश बनी रहती है। निबंधन के लिए कामगार किसी और का आधार कार्ड या अन्य कागजात जमा करा सकते हैं। ऐसे में इस योजना के योग्य लाभार्थियों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा और कोई अपात्र कामगार योजना का लाभ उठा सकते हैं। हर योग्य और पात्र लाभुकों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए बायोमीट्रिक सत्यापन होगा। हर लाभार्थी के चेहरे और अंगूठे का मिलान होगा कि वह आधार से मिल रहा है या नहीं। ऐसा नहीं होने पर संबंधित कामगारों का निबंधन रद्द कर दिया जाएगा।