उत्तरप्रदेश राज्य के कानपूर देहात से लज्जाराम साझा मंच के माध्यम से कुछ विकलांगों से बात किया जो की गाज़ियाबाद के रहने वाले हैं, उनका कहना है की पेंशन पांच सॉ रुपए से बढ़ कर कम से कम तीन हज़ार रुपए होने चाहिए क्यूंकि महंगाई बहुत ही बढ़ गई है. और विकलांगों को भी आवास योजना का लाभ मिलना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के कानपूर देहात से लज्जाराम साझा मंच के माध्यम से एक मज़दूर सनोज जी जो की गाज़ीपुर के रहने वाले हैं उनसे बात कर रहें हैं, इनका कहना है की इनकी तरफ मनरेगा का काम नहीं मिल रहा है. मनरेगा का काम दिखा कर काम उठाया जाता है लेकिन मज़दूरों तक ये पैसे नहीं पहुँच पाती है.

उत्तरप्रदेश राज्य के कानपूर देहात से लज्जा राम साझा मंच के माध्यम से कह रहें हैं, कानपूर देहात के अंतर्गत मनरेगा में काम न होने के कारण मज़दूरों को परेशानी का सामना करना पद रहा है.

उत्तरप्रदेश राज्य के कानपुर से लज्जा राम ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि विक्लांगों की पेंशन नहीं बढ़ रही है। उत्तरप्रदेश में पेंशन 500 रूपए प्रति व्यक्ति दी जाती है। यहाँ सभी वर्ग के लोगों को एक समान पेंशन दी जाती है। जबकि दिल्ली ,हरियाणा ,पंजाब ,उत्तराखंड में सभी वर्ग के लोगों को अलग अलग मूल्य के पेंशन दी जाती है

उत्तरप्रदेश राज्य के कानपूर देहात से लज्जा राम साझा मंच के माध्यम से कह रहें हैं, गांव देहात के बच्चों का तो ऑनलाइन पढाई हो ही नहीं रहा था लेकिन अब स्कूल खुलने के बाद भी पढ़ाई अचे से नहीं हो रही है.

उत्तरप्रदेश राज्य के कानपूर देहात से लज्जा राम साझा मंच के माध्यम से कह रहें हैं, सीटीआई कानपुर में कुर्सी बुनकर के लिए कुछ लोगों ने अदमीशियन लिया था लेकिन कोरोना काल के बाद भी शिक्षक नहीं होने की कारन उनका क्लास नहीं हो पा रहा ही और उनका स्कॉलरशिप भी नहीं आ रहा है.

उत्तरप्रदेश राज्य से हमारे श्रोता साझा मंच के माध्यम से कह रहें हैं, कोरोना काल के बाद मज़दूरों को काम तो मिलने लगा है लेकिन पहली के तरह नहीं मिल रहा है कंपनियों में उनकी सुनी नहीं है। मर्ज़ी से मज़दूरों को काम दिला कर मोटा फ़ायदा हैं तो वहीँ सरकार श्रम क़ानून ला कर मज़दूरों की परेशानी बढ़ा दी है। साथ ही किसानों को भी अनाजों की सही क़ीमत नहीं मिल पा रही है।

उत्तरप्रदेश राज्य के कानपूर से लज्जाराम साझा मंच के माध्यम से कह रहें हैं कि इन्होने 28-10-2021 को एक खबर सांझा किया था जिसका शीर्षक "नहीं बन पा रहा है मजदूरों का श्रम कार्ड" था। खबर में बताया गया था की "ई श्रम कार्ड बनाने के लिए एप्लीकेशन की जानकारी साइबर कैफ़े वालों को नहीं होने की वजह से लोगों को साइबर कैफ़े से खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा था। ऐसे में डिजिटल सुविधा आने से लोगों का कोई भी कार्य सही ढंग से नहीं हो पा रहा था। कुछ लोगों का कहना है कि पहले कागजी काम होने से कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ता था". इस खबर को हमारे सामुदायिक संवादाता लज्जाराम ने व्हाट्सअप और फेसबुक के माध्यम से सांझा किया और खबर का असर कुछ इस प्रकार हुआ की उत्तरप्रदेश राज्य के कानपूर देहात में ई श्रम कार्ड बड़े पैमाने पर बनाये गए जिसमें महिलायें व पुरुषों ने भाग लिया।

उत्तरप्रदेश राज्य के कानपूर देहात से लज्जा राम ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि पूर्व विधायक कमलेश चंद दिवाकर समाजवादी बैनर तले बड़ी सभा का आयोजन किया ,जहाँ भरी भीड़ उमड़ी। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर.

उत्तरप्रदेश कानपुर से लज्जा राम ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किसान को धान का वाज़िब दाम नहीं मिल रहा है। किसान कम दामों में धान बेचने को मज़बूर हैं