Transcript Unavailable.

मेरा नाम मोहम्मद रहीम है ,मैं बिहार राज्य के गया डिस्ट्रिक्ट से बोल रहा हूँ ,हम मज़बूर है टोटली 100 परसेंट दोनों आँख से ब्लाइंड है तो हमारी समस्या ये है कि हम क्या करें ,कोई ऐसी रोज़गार है हमारे लिए तो बताए

बिहार राज्य के गया जिला से साकेत मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की, जब कोरोना वायरस देश में आया था तब इसका टीका उपलब्ध नहीं था, जिसके वजह से कई लोगो की जान गयी। लेकिन जब कोरोना का टीका आया तो लोगो को बहुत सारी गलत फेहमी हुई की कोरोना टीका नहीं लगवाना चाहिए। इसी बीच हमारे श्रोता साकेत ने भी डरते डरते कोरोना का टीका लगवाया, टीका लगवाने के बाद इन्हे 2 दिन तक बुखार लगा और उसके बाद ये अब स्वस्थ है।

बिहार के गया से साकेत ,श्रमिक वाणी के माध्यम से कह रहें हैं के, वृद्धा पेंशन में बुज़ुर्गों को चार सौ रूपए मिलते हैं, जिस से इस महंगाई में उनका गुज़ारा नहीं हो सकता है। ऐसी स्थिति में बुज़ुर्गों का कहना है कि उनका पेंशन को बढ़ा कर कम से कम एक हज़ार रूपए कर देनी चाहिए।

बिहार राज्य के गया जिला से साकेत श्रमिक वाणी के माध्यम से एक किसान से बात कर रहें हैं. इनका कहना है की इन्हें खाद समय पर नहीं मिल पाटा है जिस कारण समस्या होती है. साथ ही इनका कहना है की गांव में नहर है लेकिन साफ़ सफाई ना होने के वजह से पानी नहीं मिल पाता है जिस वजह से भी काफी समस्या होती है.

बिहार राज्य के बलवा ग्राम से लाल परी देवी ,श्रमिक वाणी के माध्यम से कहती है कि महँगाई बहुत बढ़ गई है ,जिस कारण बच्चों का शिक्षा प्रभावित हो रहा है

बिहार राज्य के गया ज़िला के बलुवा ग्राम से मिन्तु देवी ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महँगाई बहुत हो गई है ,मज़दूरी भी कम है। इस कारण बच्चों को अच्छे से पढ़ाई नहीं करवा पा रही है साथ ही उनका भरण पोषण भी सही से नहीं हो पा रहा है

बिहार राज्य के गया ज़िला से साकेत ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बिहार में सरकारी स्कूलों के पढ़ाई पर बिहार सरकार का ध्यान नहीं है। इनके क्षेत्र में स्थित सरकारी स्कूल में कक्षा आठ तक बच्चे पढ़ते है लेकिन शिक्षक नहीं है। शिक्षकों की बहाली ज़रूरी है

बिहार राज्य के गया ज़िला से साकेत की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला श्रमिक से हुई। ये कहती है कि मज़दूरी बहुत कम है और महँगाई बहुत बढ़ा हुआ है । इतनी कम मज़दूरी है बच्चों का पढ़ाई करवा कर भरण पोषण संभव नहीं है।

बिहार राज्य के गया ज़िला से साकेत की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक दीदी से हुई। दीदी कहती है कि उनके ग्राम धरमपुर में विद्यालय नहीं है। बच्चों को पाँच किलोमीटर दूर जा कर पढ़ाई करना पड़ता है। ग्राम में स्कूल खुलना चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य बने