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जिला पूर्वीसिंघभुम से भाषा शर्मा जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि पंचायती राज में महिलाओ का आना बड़ी बात है। इसके बाद अब गांव में आम सभा हो या ग्राम सभा इसमें महिला प्रतिभागियों की संख्या में वृद्धि हुई है। हर पंचायत में अब वार्ड सदस्यों, मुखिया, उपमुखिया, पंचायत समिति के सदस्य एवं जिला परिषद् के पद पर महिलाएं आसिन है और वे अपनी जिम्मेवारी को अच्छे से निभा रही हैं । महिलाएँ इस पद पर होने के कारण गाँव के दूसरे महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं । आज हर काम में महिलाएं अपनी भागीदारी निभा रही हैं। वे कहती हैं कि आज से दस साल पीछे चले जाए तो इन कामो में पुरुष ही जिम्मेवारी लिया करते थे। पंचायती राज में महिला प्रतिभागी आने के कारण बहुत से महिलाएं प्रेरित होकर एस एच जी में जुड़ी हैं। जो भी योजना सरकार की तरफ से आ रही है वो उन्हें आसानी से मिल रही है। पानी की समस्या हो या बिजली की अब महिलाएं प्रखंड कार्यालय जा कर पदाधिकारी से बात कर रही हैं। जिससे महिलाओ का आत्मबल भी बढ़ रहा है और यह समाज में दिख भी रही है। पुरुष उम्मीदवार के खिलाफ महिला उम्मीदवार का खड़ा होना ही अपने आप में एक बदलाव है।

झारखण्ड के जिला पूर्वीसिंघभुम से भाषा शर्मा जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि मलेरिया होने का मुख्य कारन है घर के आस साफ़ सफाई का नहीं होना। इसके अतिरिक्त पानी का जमाव,नारियल के छिल्के,डाभ के छिल्के,टायर में पानी आसानी से जम जाता है। और मच्छर भी आसानी से लार्वा वहीँ देती है जिससे मच्छर पनपता है। इस मौसम में लोग खेती बारी में व्यस्त हो जाते हैं और ठीक से घर पर ध्यान नहीं दे पाते है। यही कारण है मच्छर से मलेरिया के होने का।मलेरिया का लक्षण है -सरदर्द,उल्टी ,कपकपी से बुखार आना,समय पर सही इलाज नहीं मिलने के कारण मलेरिया से मौत भी हो जाती है। इसलिए अगर हम थोड़ी सी सावधानी बरतते हैं तो मलेरिया से बच सकते हैं

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पूर्वी सिंघभूम घाटशिला से भाषा शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताती हैं कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हमारे देश में 10 अगस्त 2017 को राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस मनाया जाएगा।राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस के दिन एक वर्ष से उन्नीस वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की खुराक दी जाएगी। सभी अभिभावक अपने बच्चों को नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र एवं स्कूलों में लाए और कृमि नियंत्रण की दवा निःशुल्क खिलाए।कृमि फैलने का मुख्य कारण है- नंगे पैर घूमना,नंगे पैर शौच में जाना,शौच से आ कर साबुन से हाथ ना धोना,खाने को ढ़क कर ना रखना,खाने को बिना हाथ धोए खाना,फल-सब्जी को बिना धोए खाना इत्यादि के कारण ही बच्चे कृमि से संक्रमित होते है। इसकी पहचान आसानी से हो जाती है जैसे-कुपोषण,खून की कमी,भूख ना लगना,कमजोरी महसूस करना,पेट में दर्द,उल्टी,दस्त और वजन में कमी आना।बच्चों में कृमि नियंत्रण के फायदे के लिए खून की कमी में सुधार,बेहतर पोषण स्तर,स्कूल एवं आंगनबाड़ी में बढ़ोतरी,सीखने की क्षमता में सुधार होता है।यदि बच्चें कृमि से संक्रमित ना हो तो भविष्य में कार्य क्षमता और औसत आय में वृद्धि,समुदाय का विकास।इस लिए दवा खाने के साथ-साथ रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण व्यवहार जैसे-खुले में शौच ना करें,हमेशा शौचालय का प्रयोग करें,हाथों को हमेशा साबुन से धोए विशेष कर खाने से पहले और शौच जाने के बाद,जूते पहनें,नाख़ून को हमेशा साफ़ और छोटे रखें,साफ पानी पिए,आस-पास सफाई रखें, खाने को हमेशा ढ़क कर रखें तथा साफ पानी में फल एवं सब्जी को धोए।

पूर्वी सिंघभूम घाटशिला से भाषा शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के बारे में बताती हैं कि यह योजना झारखण्ड के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में लागु किया गया है।इस योजना के तहत लाभार्थी को रोगों की ईलाज हेतु सहायता राशि ढ़ाई लाख रूपए तक दी जाएगी। इसके लिए लाभुक को सबसे पहले किसी भी सरकारी अस्पताल में ओपीडी डॉक्टर से लाभुक का ईलाज कराए।बिमारी सिमित हो जाने पर एक आवेदन पत्र जिला मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पास जमा करें। इस आवेदन पत्र के साथ आवश्यक कागजात भी होनी चाहिए जैसे-लाभुक का लाल कार्ड या अन्तोदय कार्ड या बीपीएल कार्ड,आवश्यक प्रमाण पत्र,जाति प्रमाण पत्र,आधार या वोटर आईडी की छायाप्रति,तीन पासपोर्ट साईज फोटो,अस्पताल का प्राकलन राशि यानि लाभुक के बीमारी सिमित हो जाने पर डॉक्टर द्वारा ईलाज के लिए बनाए गए स्टिमिट जो डॉक्टर कागज पर लिखते हैं,ओपीडी में लाभुक को डॉक्टर से दिखाया गया स्लिप इन सभी को आवेदन पत्र के साथ इन सभी कागजों के जमा हो जाने के बाद डॉक्टर यह बतातें हैं कि लाभुक को शहर के किस अस्पताल में ईलाज कराने के लिए ले कर जाना है।जंहा रोगी को निःशुल्क एवं बेहतर ईलाज मिल सके।और रोगी रोग मुक्त हो सकें।

पूर्वीसिंघभुम,घाटशिला प्रखण्ड से राजीव कुमार सिंह जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बिजली विभाग की स्थिति बहुत ही गंभीर है,यहाँ एक भी सरकारी मिस्त्री नहीं है, जिसके कारण घाटशिला वासी प्रायवेट मिस्त्री को बुलाकर बिजली के कार्य करवाते है। साथ ही इस क्षेत्र में भयंकर आँधी आने के वजह से बिजली के पोल एवं तार भी टूट गए है।इसलिए इनका माननीय मुख्यमंत्री से निवेदन है कि सरकारी मिस्त्री के लिए जल्द ही रिक्तियां निकाली जाये।

जिला पूर्वी सिंघभूम के घाटशिला प्रखंड से निताय गोराई मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि जिस तरह से गांव में काम चल रहा है उससे ग्रामीणों को काफी परेशानियां हो रही है।सरकार द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा का लाभ ग्रामवासियों को नहीं मिलता है। जिसके कारण जब मरीजों को अनुमंडल अस्पताल ले जाते है तो अस्पताल में किसी तरह का सेवा-साधन नहीं मिलता है। साथ ही बीपीएल कार्ड से हर लाभुक को किसी तरह का लाभ नहीं मिलता है हर कार्य को करने में लाभुको को बिचौलियों की मदद लेनी पड़ती है।

पुरीसिंघभुम,घाटशिला प्रखंड से निताई गोराई जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पंचायत में जो पानी का व्यवस्था किया गया है,वह अभीतक सुचारु रूप से चालु नहीं हो पाया है,लगभग काम हो ही गए है फिर भी जलापूर्ति बंद पड़ा है।इसलिए इनका कहना है कि जल्द ही इसपर कोई कदम उठाया जाना चाहिए।

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