झारखंड के पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड के हाथीबिन्दा पंचायत के कोगदा गाँव से चक्रधर भगत जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि गाँव से लेकर शहरों तक और शहरों से लेकर राज्य तक को चलाने के लिए बहुत सारे जनप्रतिनिधि है।लेकिन ये जनप्रतिनिधि और प्रशासन मौन धारण किये रहते है।और अक्सर देखा जाता है की जो लड़की के पिताजी होते है, वो छेड़छाड़ और प्रेमपत्र जैसी बातों से घबराकर आठ-नौ क्लास में जो लड़कियाँ बढ़ती है उनका भी शादी करवा देते है।और इस बात के लिए जो गॉँव के प्रधान होते है वो काफी जिम्मेदार होते है।क्योंकि गॉँव के प्रधान के साथ-साथ प्रशासन भी ऐसे मामलो की खोज-खबर नहीं रखती है।जिस कारण बाल विवाह होती है। प्रशासन जागे,बाल विवाह बंद हो का नारा सभी को लगाना है।क्यूंकि बिना प्रशासन की मदद से कोई भी काम नही होगा।
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
जिला पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से चक्रधर भगत जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि हांथीबिन्दा पंचायत अंतर्गत कोगदा गांव में सरकार द्वारा चलाई जा रही जलपूर्ति योजना पूरी तरह ठप चल रही हैं। यह देखा जा रहा है की कोगदा गांव में तीन से चार माह पहले से पानी का सप्लाई बंद पड़ा हुआ है। लेकिन इस ओर ना ही जल सहिया का कोई ध्यान है और ना ही पंचायत सदस्य,मुखिया या किसी वार्ड पार्सद ही इस समस्या के निदान के लिए आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं जिस कारण समस्त ग्राम वासियों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीण अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए दूर-दूर से पानी लाते नजर आते हैं। इससे यह ज्ञात होता है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही जलापूर्ति योजना केवल लूट के लिए बन कर रह गया है। अतः इसे सुचारु रूप से चलाने के लिए सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है। ताकि हर योजना धरातल में बिखरा ना रहे योजना का लाभ जनता आसानी से उठा सके।
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
जिला पूर्वी सिंहभूम पोटका प्रखंड से चक्रधर भगत जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि पोटका प्रखंड के अधिकतर गांव में सरकार के तरफ से मलेरिया से बचने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा हैं। जिसके कारण पोटका प्रखंड में बहुत से गावों के ग्रामीण मलेरिया,चिकनगुनिया आदि बिमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।जिस वजह से परिवार वाले हैरान और परेशान हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के लोग मौन बैठे हुए हैं।सरकारी विभाग द्वारा मलेरिया से निदान के लिए कोई भी कार्यक्रम नहीं चलाया जा रहा है। जिसके चलते बच्चे बूढ़े और जवान सभी मलेरिया और चिकनगुनिया के शिकार हो रहे हैं।
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.